(मुकेश सेठ)
(मुम्बई)
राज्यमंत्री के द्वारा वनवासी (मुसहर) समाज को मुख्य शिक्षा से जोड़ने के लिए वितरित की गई छात्रवृति
वनवासी और आदिवासी समाज आज भी विकास एवं शिक्षा से कोसों दूर है उन्हें जोड़ कर मुख्य धारा में शामिल कर वाकई संस्था ने एक मिसाल पेश किया है जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे।
उक्त बातें उद्यान कृषि विपरण व कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने वाराणसी ग्राम बरजी स्थित बनारस पब्लिक स्कूल के पतंजलि भवन में ‘तथागत ट्रस्ट-भारत’ एवं ‘ज़ेब्रा फाउंडेशन ट्रस्ट-जौनपुर’ तथा ‘मिशन बिरसा मुण्डा सेवा समिति आज़मगढ़’ द्वारा आयोजित ‘वनवासी मेघा छात्रवृति वितरण समारोह’ में बतौर मुख्यअतिथि कही।
समारोह में अध्यक्षीय संबोधन देते हुए भारतीय शिक्षण मण्डल के राष्ट्रीय मंत्री वी.आर. शंकरादनन्द ने कहा क़ि यह देश त्याग, तपस्या और ज्ञान की बदौलत बना है। इसको और समृद्धि व् शक्तिशाली बनाने के लिए देश के प्रत्येक नागरिक व युवा को आगे आना होगा।

भारतीय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष सेवानिवृत आई.ए.एस. डॉ. नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा क़ि आदिवासी एवं वनवासी क्षेत्र में सर्वे कर मेधावी छात्रों को छात्रवृति देकर शिक्षित करके आत्मनिर्भर बनाना ट्रस्ट का उद्देश्य रहा है।
इससे पूर्व समारोह का शुभारंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर स्वागत गीत से हुआ।
समारोह में वाराणसी, जौनपुर एवं आज़मगढ़ जनपदों के बनवासी समाज के हाईस्कूल एवं इंटरमीडियट स्तर 35 मेधावी छात्र- छात्राओं को क्रमशः ₹ पन्द्रह हजार (15000/=) एवं ₹ बीस हजार (20000/=) की छात्रवृति देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन ए. के. शुक्ला एवं आभार ज्ञापन याज्ञवल्क्य सिंह ने किया।
समारोह में ज़ेब्रा अध्यक्ष संजय कुमार सेठ, अश्वनी सहगल, प्रदीप सिंह, तथागत सेठ, कमलेश बनवासी, मुसाफिर बनवासी, शिव प्रसाद बनवासी, अभय कुमार, नन्दकुमार, कृष्णमुरारी बनवासी सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े गणमान्य जन एवं अभिभावक उपस्थित रहे।