★मुकेश सेठ★
◆मुम्बई◆
{यूजीसी से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पीएचडी करने वाले डॉ.जायसवाल ने रचा है इतिहास, यूपी के पहले ऐसे है उपाधिधारक चिकित्सक}[पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के विशेष चिकित्साअधिकारी रहे डॉ. आशीष जायसवाल के पूर्वज मूल रूप से कभी थे जौनपुर निवासी अब परिजन रहते है भदोही]
(9 अप्रैल वर्ष 2019 में राजस्थान विद्यापीठ में आयोजित दीक्षान्त समारोह में गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली ने डॉ. जायसवाल को दी थी गर्वित अन्दाज में उपाधि)
[देश मे अभी तक डॉ .जायसवाल के पहले सिर्फ़ डॉ. हरचरण कौर,डॉ. आमिया गोस्वामी व डॉ. सुभाष सिंह ही कर पाए है होमियोपैथी से पीएचडी]
{डॉ.आशीष की धर्मपत्नी श्रीमती हेमा जायसवाल भी हैं खाद्य एवं आपूर्ति मन्त्रालय की डायरेक्टर}
♂÷हिंदुस्तान के क्रांतिकारी कवि-शायर माने जाने वाले दुष्यंत कुमार ने दशकों पूर्व लिखा था कि “कौन कहता है कि आसमां में सुराख़ नही हो सकता,
एक पत्थऱ तो तबीयत से उछालो यारों”।
डॉक्टर आशीष कुमार जायसवाल भी कम न निकलें,तबीयत से उछाला ऐसा पत्थऱ की सुराख को कौन कहे आसमां को ही क़दमो तले कर डाला।
उत्तर प्रदेश के होमियोपैथी चिकित्सा जगत के इतिहास में डॉ. आशीष कुमार जायसवाल ने वो कर डाला कि पूर्वजो की जन्मधरा भी अपने इस इतिहास रचयिता सुपुत्र पर इतराते नही थक रही है।
वर्ष 2019 के अप्रैल माह में
डॉ. जायसवाल ने होमियोपैथी से पीएचडी कर उत्तर प्रदेश के इतिहास के पहले ऐसे व्यक्ति बन गए है कि उनसे पहले आज तक किसी ने इस विषय से पीएचडी नही कर पाए है।
डॉ. आशीष कुमार जायसवाल के पूर्व देश के अन्य राज्यों के निवासी डॉ. हरचरण कौर,डॉ.आमिया गोस्वामी व डॉ. सुभाष सिंह ने ये दुर्लभ सी माने जाने वाली उपाधि प्राप्त कर अपने साथ अपने गृह जनपद को गौरवशाली बनाया है।
अनगिनत वर्षो पूर्व जौनपुर की माटी में जन्मे उनके पूर्वजों की धरा यू तो उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सूबे जौनपुर के रामपुर थाना क्षेत्र के काजीहर नामक स्थान रहा है किन्तु अब कई दषकों पूर्व उनके परिजन देश दुनियां में कालीन नगरी के नाम से विख्यात भदोही नगर में ठौर बना लिए।
प्रारम्भिक शिक्षा भदोही से अर्जन करने वाले डॉ.जायसवाल ने नेशनल इंटर कॉलेज भदोही से इण्टर तक शिक्षा ग्रहण के पश्चात कलकत्ता विश्वविद्यालय से होमियोपैथी चिकित्सा विज्ञान में डिग्री ली।राजस्थान विद्यापीठ से होमियोपैथी में स्नातकोत्तर कर की योग्यता प्राप्त कर भारत सरकार के होमियो चिकित्सा अधिकारी के पद पर वर्ष 2007 से कार्यरत है संसदीय सचिवालय में।
डॉ. जायसवाल भारत सरकार के विभिन्न चिकित्सालयो में अपनी सेवा देते हुए वर्ष 2013 में राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. प्रणव मुखर्जी के वरिष्ठ होमियोपैथी चिकित्सक पद के दायित्व को बख़ूबी निर्वहन कर चुके है जिसके लिए उन्हें पूर्व महामहिम राष्ट्रपति डॉ. प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति प्रशंसा पत्र देकर आजीवन इतराने का सुअवसर दे डाला।
वर्तमान में संसद भवन स्थिति डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी होमियोपैथी के पद को सुशोभित कर रहे है।
गत 9 अप्रैल 2019 को राजस्थान विद्यापीठ के दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि गुजरात के महामहिम राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली ने डॉ. आशीष कुमार जायसवाल के द्वारा होमियोपैथी से पीएचडी की दुर्लभ डिग्री हासिल करने पर उपाधि प्रदान कर उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
दो सुपुत्री समृद्धि व शताक्षी के पिता डॉ. जायसवाल की धर्मपत्नी श्रीमती हेमा जायसवाल भी खाद्य एवम आपूर्ति मन्त्रालय में निदेशक जैसे अति महत्वपूर्ण ओहदे पर कार्यरत है।
गौरतलब हो कि यूजीसी से मान्यताप्राप्त विश्वविधालयो से होमियोपैथी में पीएचडी करना बेहद ही दुरूह व दुर्लभ माना जाता है।
कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि सफलताएं सुविधा-साधन-समृद्धि के बजाय कुछ अलग करने,बनने के जुनून से ही चरणचुम्बन करती है यशश्वी बनाती है।