{यूपी के जौनपुर जनपद के छोटे बाजार मुफ्तीगंज से जब निकले तो किये प्रण बिन हैसियत लौटूंगा नही मायानगरी से}
[बॉलीवुड में हिट सॉन्ग मशीन कहे जाने वाले शब्बीर अहमद लिख चुके है अब तक 150 फ़िल्मो में गाने]

(2004 में गर्व मूवी के हिट सॉन्ग तुमको निगाहों में इस तरह चुरा लेंगे से लेकर 2018-19 में लड़की आँख मारे,छोगाड़ा,
,दिलबर-दिलबर, आदि गीतों पर झुमाया)
{महेश भट्ट द्वारा निर्मित व निर्देशित फ़िल्म सड़क-2 में अपने गीत व संगीत से थिरकाएँगे आलिया भट्ट व रणवीर कपूर को शब्बीर}
[शब्बीर अहमद के गीत,संगीत से सजे गाने”वन्दे मातरम”ने जारी होते ही टॉप पर कर गया था ट्रेंड]

♂÷मातृ व मातृभूमि के क़दमो में बन मिट्टी के ज़र्रे जब भी मैं होऊ दफन,हो तिरंगे लिपटे मेरे सारे बदन।
ऐसी अद्भुत राष्ट्रप्रेम सोच को धड़कन बना लेने वाले बॉलीवुड में हिट सॉन्ग मशीन की संज्ञा पा चुके प्रख्यात गीतकार संगीतकार शब्बीर अहमद ने व्यक्त करते हुए कहा हिंदुस्तान के लिए मेरी हैसियत व कीमत इस पाक ज़मीन के एक ज़र्रे बराबर भी नही है फिर भी जरूरत पड़ी देश को तो बिन सोचे हो सकता हूँ फ़ना प्यारे मुल्क के लिए।
इस जज्बे को बयां करते हुए शब्बीर अहमद ने बताया कि फ़िल्म”रॉ”में उनके लिखे गीत व संगीत से सजे”वंदे मातरम”बहुत बड़ा हिट साबित हो चुका है।
अपने गीतों से लोगों को सम्मोहन की दशा में ख्वाबों की दुनिया में ले जाकर मदमस्त कर देने वाले गीतकार शब्बीर अहमद ने यूं तो अपने जीवन काल में गरीबी भी देखें बेकसी भी देखी मजबूरी भी देखी और देखी तो हिकारत भरी निगाहें भी।
लेकिन आज दूसरों के लिए संघर्षों के साथ सफलताओं के भी प्रतीक बन चुके शब्बीर अहमद आज इंडस्ट्री के बेशुमार हिट सॉन्ग देने वाले बनकर किसी परिचय के मोहताज नहीं है।
कभी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मुफ्तीगंज बेलाव से फिल्मी दुनियां के सम्मोहन पाश में बंध घर छोड़ा था कि जब तक पहचान न बना लूँगा तब तक पलट कर क़दम भी नही रखूंगा अपनी जन्मभूमि पर।
शायद ऐसे ही फ़ौलादी इरादों वाले शख़्शियतो के लिए तो कहा गया है कि”कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता,एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो”।
इस कथन को शब्बीर के ऊपर बखूबी चरितार्थ होते हुए दुनिया ने देखा।

शब्बीर अहमद घर से निकलने के पश्चात मुंबई की माया नगरी में एक्टर बनने की सोच लिए प्रवेश किया था लेकिन वर्षों धक्का खाने छोटे बड़े नामों के आगे पीछे घूमने जी हुजूरी करने के बावजूद भी कभी पर्दे पर एक सीन भी नही पा सके।तब शेरो शायरी के अंदाज में बात करने के लहजे को देख शुभचिंतकों ने शब्बीर के अन्दर छुपे शायर की प्रतिभा को पहचाना और कहा अभिनय का नशा छोड़ गीत में हाथ आजमाओ।
उसके पश्चात उन्होंने गाने लिखना शुरू कर दिया, किन्तु गाने को किसी भी संगीत निर्देशक,प्रोड्यूसर,निर्देशकने शब्बीर अहमद के नाम से रखने से इनकार कर दिया। तब अपनी जरूरतों को पूरा करने व पेट पालने के लिए बहुत से गाने कई नामचीन गीतकारो को कुछ हजार रुपये में भी बेचे।कहते है मेहनत हौसले कभी भी निराश नही करते किस्मत और ख़ुदा भी रहम खाते ही है।शब्बीर अहमद के संघर्ष व जुनून ने अन्ततः भाग्य को भी साथ चलने के लिए विवश कर दिया,जब फिल्म इंडस्ट्री में गॉडफादर माने जाने वाले सुपरस्टार सलमान खान इनके एक गीत फिल्म”तुमको ना भूल पाएंगे”में लिखे गए “अस्सलाम वालेकुम वालेकुम सलाम”पे रीझ उठे।
सलमान खान ने शब्बीर अहमद को बुलवाया और कहा कि मेरी अगली फिल्म “गर्व” में तुम गीत भी लिखोगे और मैं फ़िल्म व पर्दे पर तुमको नाम भी दूंगा।फिर दुनिया जानती है की”गर्व”फिल्म की सफलता में शब्बीर के लिखे गीत “हम तुमको निगाहों में इस तरह से चुरा लेंगे”की भी बड़ी भूमिका रही।
शब्बीर अहमद फिल्म इंडस्ट्री के हॉट केक लिरिकिस्ट बनते चले गए उसके बाद करण जौहर शाहरुख खान के प्रोडक्शन में अजय देवगन विवेक ओबरॉय आदि नामचीन एक्टर वाली फिल्म काल में उनके लिखे दो गाने “काल काल में हम तुम करे धमाल”,”शेरनी सी आँख तुम्हारी” ने हिंदुस्तान ही नहीं दुनिया के संगीत प्रेमियों के जुबां पर नशे की तरह चढ़ते चले गए।इसके बाद तो उनके शब्दों के जादूगरी वाले कलम ने एक से एक सुपर डुपर हिट सॉन्ग उगलने लगे,जिस पर पूरा बॉलिवुड हिंदुस्तान ही नही दुनियाभर के संगीत प्रेमी झूमते रहते है।
अब तक करीब 150 फिल्मों से भी अधिक में गीत लिख चुके शब्बीर अहमद ने बताया कि आज मैं जिस मुकाम पे हूँ उसमे प्रमुख योगदान मेरे गॉडफादर सलमान खान,संगीतकार साज़िद-वाज़िद, संगीतकार सलीम-सुलेमान व सोहम का है।
शब्बीर ने यू तो अनगिनत हिट सॉन्ग इंडस्ट्री को दिए जिनमे प्रमुख रूप से सुपर डुपर हिट गानों वाली फिल्में है पार्टनर,गॉड तुसी ग्रेट हो,शादी करके फस गया,काल,किस किस से प्यार करु,शादी नंबर वन,क्या लव स्टोरी है,अपना सपना मनी मनी, बोल बच्चन,सन ऑफ सरदार, किक,बजरंगी भाईजान,बॉडीगार्ड,खिलाड़ी 786,सत्यमेव जयते,बरेली की बर्फी,बद्री की दुल्हनिया,लव यात्री,राम गोपाल वर्मा की शोले, क्या लव स्टोरी है,सिम्बा आदि है।
शब्बीर अहमद को सलमान खान करीना कपूर अभिनीत बॉडीगार्ड व वरुण धवन,आलिया भट्ट अभिनीत बद्री की दुल्हनिया के सुपर हिट गाने लिखने के लिए दो अवार्ड भी मिल चुके हैं।
लहू को भी शिराओं में दुश्मनों के प्रति अपने इस गीत से खौला देने वाले शब्बीर अहमद ने “वन्दे मातरम”गीत को लिखने के साथ ही इसको ख़ुद संगीत से भी सजाया है।
“रॉ”फ़िल्म में तीन गाने लिखने वाले शब्बीर के इस गीत को म्यूजिक कम्पनी द्वारा रिलीज़ करते ही टॉप पर ट्रेंड कर गया था।इस गीत को सुरों के शहंशाह बहुचर्चित गायक सोनू निगम व एकता कपूर ने गाया था। इस गाने को हम शब्बीर की कालजयी रचना भी कह सकते हैं क्योंकि सुनने के बाद भारत भूमि की रक्षा-सुरक्षा में लगे सैनिकों व शहीदों के चरणों में मस्तक अनगिनत बार स्वयमेव शीश झुकाने लगते हैं।

गत वर्ष 2018 में हिट सॉन्ग मशीन शब्बीर अहमद ने अपने लिखे गाने लड़की आंख मारे,छम्मा छम्मा,दिलबर दिलबर, छोगाडा,जैसे बेहद पॉपुलर और 2018 व 2019 में भी ब्लॉकबस्टर सॉन्ग टॉप टेन के शीर्ष में अब तक जगह बनाये है। गाने की बदौलत फिल्म इंडस्ट्री व स्रोताओं के दिलों दिमाग़ में नशे की तरह तारी हो जाने वाले शब्बीर अहमद आज किसी भी परिचय के मोहताज़ नही हैं।
लगभग तीन दशक बाद बड़े फ़िल्म निर्माता निर्देशक ढाई दशक बाद सड़क फ़िल्म की रिमेक सड़क-2 का निर्माण करने के साथ ही निर्देशित भी करने जा रहे है जिसमें महेश भट्ट ने नायक के रूप में रणवीर कपूर तो नायिका के रूप में अपनी बेटी व युवाओं के दिलो की मल्लिका बन चुकी आलिया भट्ट को लेकर फ़िल्म बना रहे है।
इस बिग बजट व बहुचर्चित फ़िल्म सड़क -2 के गीत व संगीत शब्बीर अहमद दे रहे है।
आज फ़िल्म इंडस्ट्री के सभी बड़े बैनर,एक्टर, प्रोड्यूसर, म्युझिक डिरेकटर शब्बीर अहमद को अपनी फिल्म में गाने लिखने के लिए अप्रोच करते है।
वर्ष 2004 से सलमान खान की फिल्म”गर्व”से पर्दे पर गीतकार के रूप में नाम के साथ शुरुआत करने वाले शब्बीर अहमद के कदम अनवरत सफलता के गगन नापते जा रहे हैं ।