★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{मुस्लिम बच्चों के हित मे उठाया कदम,बच्चों के दिलोदिमाग में भर रहे थे ये मदरसे कट्टरपन्थ कहा शिया वक़्फ़ बोर्ड यूपी के चेयरमैन ने}
[दर्ज़ा प्राप्त राज्यमन्त्री रिज़वी ने ने बताया कि आदेश का पालन न करने वाले मुतवल्ली,प्रबन्ध कमेटी को बोर्ड अधिनियम धारा 64 के तहत कर दिया जायेगा बर्ख़ास्त]

♂÷शिया वक़्फ़ बोर्ड़ की संपत्तियों पर सुन्नी समाज का ऐसा कोई भी मदरसा जो कि स्कूल के समय 7:00 बजे सुबह से लेकर 3:00 बजे अपराह्न तक संचालित किया जाता है चाहे वह मान्यता प्राप्त हो या गैर मान्यता प्राप्त,उन सभी की किराएदारी बच्चों के हित को देखते हुए शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है।
उक्त जानकारी देते हुए शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के उत्तर प्रदेश के चेयरमैन व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सैयद वसीम रिजवी ने बयान जारी कर कहा कि समस्त मुतवल्लियों को आदेशित किया जाता है कि तत्काल प्रभाव से बोर्ड के निर्णय का अनुपालन सुनिश्चित कराएं और जो भी मूतवल्ली या प्रबंध कमेटी शिया प्रशासक बोर्ड के इस निर्णय के अंतर्गत आदेश का पालन नहीं करेगा तो उसके विरुद्ध बोर्ड वक़्फ़ अधिनियम धारा 64 के अंतर्गत बर्खास्त कर देगा। चेयरमैन वसीम रिजवी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि इन मदरसों में बच्चों के मन में कट्टरपंथ का विष भरा जा रहा है।
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि इस आदेश की लिखित प्रति भारत सरकार व सेंट्रल शिया वक़्फ़ बोर्ड़ को भी भेजी जा रही है।

विदित हो कि उत्तरप्रदेश शिया वक्फ बोर्ड चेयरमैन वसीम रिजवी अपने तमाम विवादित बयानों व कट्टरपंथ के तगड़े विरोधी के तौर पर भी जाने जाते हैं चाहे वह इनके फिल्म”राम की जन्मभूमि”रही हो जिसमें उन्होंने हिंदू-मुस्लिम कट्टरपंथियों को बेनकाब किया था,जिस पर इनके विरुद्ध दोनों वर्गों के तमाम कट्टरपंथी ताकतों ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया था तो वही कुछ मुस्लिम संग़ठनो ने हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक इस फ़िल्म का प्रदर्शन रुकवाने के लिए भी पहुंच गए थे।
उधर बीते शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट में चेयरमैन वसीम रिज़वी ने अपनी याचिका में कहा कि हिंदुस्तान में चांद तारे छपे हरे झंडे का जिसका इस्लाम से कोई भी लेना देना नहीं है उसको भारत मे प्रतिबंधित कर दिया जाए क्योंकि वह पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज से मिलता-जुलता व पाकिस्तान के जनक मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग पार्टी का झण्डाहै,अतः उसको हिंदुस्तान में लगाने से सांप्रदायिक तनाव बढ़ता है।
जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस बाबत 2 हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है।