★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{योगी सरकार के रडार पर मदरसे, बिजनौर में मदरसे से भारी सँख्या में हथियार मिलने के मामले के बाद उठाया जा रहा कड़ा कदम}
[सरकार ने माँगी सरकारी अनुदानित व गैर अनुदानित मदरसों की जानकारियां जिला अल्पसंख्यक अधिकारियों से]
(मदरसों से पैदा किये जा रहे आईएसआईएस के जेहादी,बन्द किये जायें मदरसे,ये देश के लिए है ख़तरा=वसीम रिज़वी)

♂÷योगी सरकार ने अब सरकारी अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों की जानकारी मांगी है।
उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों मदरसों में हुई घटनाओं ने मदरसों की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं बिजनौर में एक मदरसे से भारी मात्रा में हथियार मिलने के बाद मदरसे में किस ढर्रे पर पढ़ाई हो रही है ये सवाल सबके जेहन में उठ खड़ा हुआ है।यही वजह है कि राज्य सरकार ने भी अब इस तरह के मदरसों पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
हज और वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने इस बात को साफ कर दिया कि मदरसों में किसी तरह की कोई खराबी बर्दाशत नहीं की जाएगी तो वहीं शिया वक़्फ़ बोर्ड उत्तरप्रदेश के चेयरमैन ने तल्ख़ अन्दाज अपनाते हुए मदरसों को आईएसआईएस के जेहादी पैदा करने वाला बताते हुए बन्द कर डालने की मांग सरकार से कर डाली है।
मोहसिन रज़ा ने कहा कि, ‘मदरसे चाहे सरकारी अनुदानित हो या गैर अनुदानित सबको अपनी जानकारियां उपलब्ध करानी होंगी,इस बात की जिम्मेदारी जिला अल्पसंख्यक अधिकारी और जिलाधिकारी दोनों की होगी।
हज और वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि जिला अल्पसंख्यक अधिकारी अपने जिले में चलने वाले सभी मदरसों की जानकारी राज्य सरकार को उपलब्ध कराएंगे,साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे पास सिर्फ सरकारी अनुदानित मदरसों की ही जानकारी होती है, जिसका हम ब्यौरा अपने पास रखते हैं लेकिन गैर अनुदानित मदरसे या प्राइवेट मदरसे जहां जहां भी चल रहे हैं उसकी भी जानकारी सरकार के पास होनी चाहिए।
मोहसिन रजा ने आगे कहा कि सरकार लगातार मदरसों को बेहतर करने की कवायद में जुटी हुई है।इसी कड़ी में पहले मदरसों में एनसीईआरटी की बुक्स को लागू किया गया और फिर मदरसों में स्काउट और एनसीसी की तर्ज पर उन्हें ट्रेनिंग देने की बात की गई।मदरसों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है और वह हर पहलू पर मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को आगे बढ़ाने पर जुटे हुए हैं।
उन्होंने कहा,’ मदरसों से पढ़ने वाले बच्चे भी आगे चलकर डॉक्टर या इंजीनियर बन सकें इस बात की कोशिश योगी सरकार की तरफ से की जा रही है,इसीलिए हर मदरसे में कैसी पढ़ाई हो रही है इसकी जानकारी सरकार के पास होना बेहद जरूरी है।जबकि मानकों को पूरा न करके खोले गए मदरसों पर अब सख्ती बहुत जरूरी है।कई बार इस तरह चलने वाले मदरसे सांठगांठ करके शुरू कर लिए जाते हैं, जिनमें कई बार अव्यवस्था पाई जाती है और शायद यही वजह रही कि बिजनौर के मदरसे से हथियार मिले है, अगर सरकार के पास ऐसे मदरसों की डिटेल होती तो सरकार सभी मदरसों का औचक निरीक्षण करवाती रहती, जिससे इन लोगों के दिल में डर रहता और मदरसों का नाम न बदनाम होता।
बिजनौर मामले पर शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन व दर्ज़ा प्राप्त राज्यमन्त्री वसीम रिजवी ने भी सख्त टिप्पणी की थी,उन्होंने कहा था कि सभी मदरसों को बंद कर दिया जाना चाहिए और उनकी जगह पर स्कूल खोले जाने चाहिए।
वसीम रिजवी ने कहा था,’मदरसों से आईएसआईएस के जेहादी पैदा हो रहे हैं और ये देश के लिए खतरा हैं, लिहाजा इन मदरसों को बंद किया जाना चाहिए।
कुल मिलाकर मोदी-योगी सरकार मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक परिवेश के अनुसार बनाने के प्रयास में लगी हुई है तो वहीँ दूसरी तऱफ बिजनौर की घटना को लेकर सरकार काफी सतर्क व चौकस हो गयी है व इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कठोरतम क़दम उठाती जा रही है।