★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★

{उच्चतम न्यायालय ने फैसले में कहा तीन पक्ष में ज़मीन बाँटने का फ़ैसला तार्किक नही था,सरकार तीन महीनें में मन्दिर निर्माण व प्रबंधन के लिए बनाए ट्रस्ट}
[5 एकड़ सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए ज़मीन व ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी उपयुक्त प्रतिनिधित्व देने पर सरकार करे विचार कहा कोर्ट ने]
(सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कोर्ट ने हमे ज़मीन देने को कहा है इसमें भव्य मस्जिद का निर्माण हो सकता है)
♂÷देश के सबसे बड़े विवाद पर सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि विवादित जमीन रामलला की है।कोर्ट ने इस मामलेकि में निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया,कोर्ट ने कहा कि तीन पक्ष में जमीन बांटने का हाई कोर्ट फैसला तार्किक नहीं था।कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ की वैकल्पिक जमीन दी जाए। सरकार 3 महीने में मंदिर निर्माण और प्रबंधन के लिए ट्रस्ट बनाएगी ,अब सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सर्वोच्च अदालत के फैसले का स्वागत किया है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा है कि ”हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं कोर्ट ने हमें पांच एकड़ जमीन देने को कहा है इससे भव्य मस्जिद का निर्माण हो सकता है।इतने बड़े क्षेत्र में मस्जिद देश में कहीं और नहीं है इसलिए यह खुशी की बात है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार ट्रस्ट के मैनेजमेंट के नियम बनाए. मन्दिर निर्माण के नियम बनाए. अंदर और बाहर का हिस्सा ट्रस्ट को दिया जाए। मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ की वैकल्पिक ज़मीन मिले या तो केंद्र 1993 में अधिगृहित जमीन से दे या राज्य सरकार अयोध्या में ही कहीं दे। हम अनुच्छेद 142 के तहत मिली विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए मुस्लिम पक्ष को ज़मीन दे रहे हैं सरकार ट्रस्ट में निर्मोही को भी उपयुक्त प्रतिनिधित्व देने पर विचार करे।