लेखक – पंकज मोदी
आज जब समस्त भारत राममय होकर अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा है तब ऐसे वातावरण को देखकर अनायास ही रामराज्य का एक प्रतिबिंब दिखाई पड़ता है। राजा रामचंद्र के सिंहासन के बाद राम के शासन को महर्षि वाल्मीकि ने आदर्श शासन बताया और इसे राम राज्य की संज्ञा दी।
महर्षि वाल्मीकि लिखते हैं-
आसन्वर्षसहस्राणि तथा पुत्रसहस्रिणः|
निरामया विशोकाश्च रामे राज्यं प्रशासति॥
अर्थात राम राज्य में सब दीर्घायु थे ,लोग रोग और शोक मुक्त होकर सुखी थे। तो वही तुलसीदास राम राज्य की कल्पना करते हुए कहते हैं-
दैहिक दैविक भौतिक तापा। रामराज नहि काहुहि व्यापा॥
सव नर करहि परस्पर प्रीति। चलहि स्वधर्म निरत श्रुति नीति॥
अर्थात राम राज्य में शारीरिक ,दैविक या भौतिक कष्ट किसी को नहीं था,सब लोग परस्पर प्रेम करते और नीति में रहकर अपने-अपने धर्म का पालन करते थे।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के पलासमुद्रम में रामराज्य की चर्चा करते हुए कहा कि प्रभु राम सामाजिक जीवन में सुशासन के ऐसे प्रतीक हैं जो सभी के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। राम राज्य यानी ऐसा लोकतंत्र जहां हर नागरिक की आवाज सुनी जाती थी और उसे उचित सम्मान मिलता था।नरेंद्र मोदी आगे कहते हैं- राम राज्य सुशासन के चार स्तंभों पर खड़ा था, जहां सम्मान से, बिना भय के हर कोई सिर ऊंचा कर चल सके, जहां हर नागरिक के साथ समान व्यवहार हो, जहां कमजोर की सुरक्षा हो और जहां धर्म यानी कर्तव्य सर्वोपरि हो।
2014 के लोकसभा चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब सरकार का गठन हुआ तब से लेकर आज तक मोदी सरकार ने कई जन कल्याणकारी योजनायें शुरू की हैं। ये योजनायें समाज के विभिन्न वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए बनाई गई जिनमें मुख्यतः जन-धन, नमामि गंगे, स्वच्छ भारत मिशन,
स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, उज्जवला योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुद्रा योजना, विश्वकर्मा योजना, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, जीएसटी इत्यादि है।
“जन-धन योजना“ के माध्यम से प्रधानमंत्री ने समाज के गरीब वर्ग को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ा और बहुत सारी योजनाओं का लाभ उनके खाते में सीधा पहुंचाया। स्वच्छ भारत मिशन और नमामि गंगे के माध्यम से उन्होंने भारत के जनमानस में स्वच्छता के प्रति एक अलग ही अलख जगायी। लाल किले के प्राचीर से जब उन्होंने स्वच्छता और शौचालय की बात रखी तब पूरा देश उनके इस मिशन के साथ जुड़ गया। “स्किल इंडिया“ और “स्टार्टअप इंडिया“ के माध्यम से उन्होंने युवा शक्ति को नए प्रयोग और अनुसंधान करने के लिए प्रेरित किया जिससे भारत के विकास और अर्थव्यवस्था ने एक अलग ही रफ्तार पकड़ी।
“ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ “ ने आज बेटियों और नारी शक्ति को संबल एवं समृद्ध बनाया है जिससे उनमें अलग ही ऊर्जा और सशक्तिकरण का आभास हुआ है। आज “उज्जवला योजना” के तहत गरीब , वंचित और आदिवासी महिलाओं को सस्ते मूल्य पर गैस सिलेंडर पहुंचाया गया है जो कभी पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर ही निर्भर थी। उन्हें हानिकारक धुएं से छुटकारा दिलाकर कई रोगों से बचाया गया है।
आज “प्रधानमंत्री आवास योजना” के तहत बिना भेदभाव किए सभी गरीब परिवारों को पक्का मकान दिया गया जिसमें बिजली पानी इत्यादि की सुविधा हो। “सबका साथ ,सबका विकास “के इस मूल मंत्र को इस योजना ने चरितार्थ किया है। “मुद्रा योजना” और “विश्वकर्मा योजना” के तहत बिना गारंटी के लोन की सुविधा लघु और मध्यम व्यापारियों को दी गई ताकि वह भी देश की प्रगति में अपना भरपूर योगदान दे सके। “मेक इन इंडिया”के माध्यम से प्रधानमंत्री ने देश के उद्यमियों और संस्थाओं से अपील कर कहा कि हमें अपनी जरूरत की चीजों के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता है और उनके इस अपील का सुखद परिणाम वर्तमान समय में देखने को मिला जब विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने भारत में निवेश कर यहां अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की घोषणा की।
“डिजिटल इंडिया” के कारण आज पैसों का लेन-देन इतना सुगम हो गया है कि आज छोटे से छोटा व्यापारी भी इस माध्यम से जुड़ा हुआ है। जो विपक्ष कभी इस योजना का संसद में बैठकर मजाक उड़ाते थे आज वहीं विपक्ष इसकी सफलता देखकर हतप्रभ है।विगत 10 वर्षों में टैक्स व्यवस्था में बहुत सारे सुधार किए गए हैं। पहले अलग-अलग तरह की कर व्यवस्थाएं और पारदर्शिता की कमी के कारण ईमानदार कर दाता और व्यापारियों को परेशान होती थी परंतु अब जीएसटी के रूप में देश को एक आधुनिक व्यवस्था दी गई है। जिससे सरकार की प्रति करदाताओं और व्यापारियों में भरोसा का एक भाव देखने को मिला है।
अतः हम आज की स्थिति को देखकर कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो “मोदी सरकार” है, वह देश और जनता के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। आज जब पूरा विश्व अशांति के माहौल में जी रहा है एक ओर रूस और यूक्रेन तो दूसरी तरफ इसराइल और हमास के युद्ध में पूरा विश्व बंटा हुआ दिखाई दे रहा है ऐसे समय में भारत ही एक ऐसा राष्ट्र है जो शांति के साथ-साथ विकास और अध्यात्म के रास्ते पर चलकर “राम राज्य” की ओर अग्रसर है।
(लेखक महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता हैं)