(राजेश बैरागी)
( गौतम बुद्ध नगर)
बेहद खूबसूरत पार्क में सुरक्षा है रामभरोसे
मैंने विभिन्न शहरों में जितने भी अच्छे पार्क देखे हैं, यह उनमें सबसे अच्छा और विशाल पार्क है। आदि कवि कालिदास की रचना मेघदूतम से प्रेरित इस पार्क की संरचना में मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही सामने मेघदूत की एक प्रतिमा के दर्शन होते हैं।27 एकड़ भूमि पर पॉश सेक्टर 50 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा 2004 में यह पार्क बनाया गया था।
गुरुवार की शाम इस पार्क में बनाए गए ओपन जिम के पास खड़े पाम के सात पेड़ों में रहस्यमय तरीके से आग लग गई। प्राधिकरण के उद्यान विभाग और पुलिस की फायर ब्रिगेड ने सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच कर आग पर नियंत्रण पा लिया परंतु आग लगने का रहस्य बरकरार है।पार्क का दौरा करने पर यह तथ्य आश्चर्यचकित करने वाला था कि सभी पेड़ों में आग लगभग तीन मीटर ऊपर से लगी थी। उद्यान विभाग के निदेशक आनंद मोहन सिंह को अंदेशा है कि आग लगाई गई थी।आग किसने लगाई होगी? पार्क में सुरक्षा के लिए तैनात आयरन मैन सिक्योरिटी कंपनी के सुरक्षाकर्मियों से लेकर उद्यान विभाग के निदेशक तक आग लगने से हैरान तो हैं परन्तु आग किसने लगाई होगी, इस प्रश्न के उत्तर से अंजान हैं। क्या यह किसी शरारती तत्व का काम हो सकता है?हाल ही में पार्क का रखरखाव ठीक से न करने के कारण पहले ठेकेदार को हटाया गया है।
आसपास की सोसायटी के निवासियों द्वारा पार्क के पेड़ों की ऊंची और सूखी शाखाओं को काटने के लिए भी कहा जा रहा था। सर्दी के मौसम में इस प्रकार खुद-ब-खुद आग लगने की कोई संभावना नजर नहीं आती है। बहरहाल अंदर ही अंदर किलोमीटरों लंबे पाथवे वाले इस बेशकीमती पार्क की सुरक्षा रामभरोसे है। सुबह की सैर समाप्त होने के बाद दस-ग्यारह बजे से पार्क बंद होने तक यहां एकांत में समय बिताने आने वाले जवान युवक युवतियों से लेकर आवारगी करने वाले लोगों का आवागमन होता रहता है। यहां तीन पालियों में मात्र छः सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।दिन की दो पालियों में एक पुरुष और एक महिला जबकि रात्रि में दो पुरुष सुरक्षाकर्मी रहते हैं। मुख्य द्वार पर हमेशा एक सुरक्षाकर्मी तैनात रहता है जबकि दूसरा सुरक्षाकर्मी बीच बीच में पार्क में गश्त करता है। बताया गया है कि पार्क में रोजाना अश्लील हरकतें करने और उससे भी अधिक हरकतें करने वाले आते हैं। उन्हें रोकना अकेले सुरक्षाकर्मी के लिए मुश्किल होता है। पार्क के अंदरूनी हिस्सों से आवाज लगाकर मुख्य द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मी को बुलाया जाना संभव नहीं है।
अक्सर ऐसे मामलों में या तो सुरक्षाकर्मी अनदेखी करते हैं या डांटते फटकारते हैं तो लड़ाई की नौबत भी आ जाती है। ऐसे में यदि कोई शरारती तत्व पेड़ों को आग लगा दे या कोई अन्य प्रकार की वारदात कर दे तो उसे कैसे पकड़ा जा सकता है। प्राधिकरण में तैनात उत्तर प्रदेश पुलिस के निरीक्षक नरेश कुमार सिंह प्राधिकरण की संपत्तियों की सुरक्षा में लगी निजी सिक्योरिटी कंपनी की मॉनिटरिंग तो करते हैं परंतु पार्क की सुरक्षा में कितने सुरक्षाकर्मी होने चाहिएं, यह जानकारी होने से इंकार करते हैं।यह पार्क प्राधिकरण के उद्यान खंड दो के अंतर्गत आता है।कल लगी आग के संबंध में विभाग द्वारा पुलिस से कोई शिकायत नहीं की गई है। उद्यान निदेशक मानते हैं कि ऐसी घटनाओं की एफआईआर दर्ज नहीं होती है और यदि दर्ज भी हो जाए तो कोई परिणाम नहीं निकलता है।