(मुकेश शर्मा)
( ग्वालियर)
√ सीलिंग की 15 करोड़ की जमीन को बेचा भी गया और बन गए सैकड़ों की संख्या में घर
√ पटवारी कुलदीप चाहर का कहना है कि जो सर्वे नंबर की जमीन है वह सब शासकीय है,जो निर्माण है वह सब मेरे आने के पहले का है
√ जिन सर्वे नंबर की बात हो रही है वो सरकारी नही निजी है किन्तु मेरे पास कोई दस्तावेज नही है कहा जमीन कारोबारी विनोद भारद्वाज नें
देश में सुशासन और बेईमानी मुक्त शासन प्रशासन देने का दिन रात डंका बजाने वाली पार्टी बीजेपी की डॉ मोहन यादव सरकार में भ्रष्टाचार के नये आयाम सरकारी कारिंदे भू माफियाओं के साथ मिलकर गढ़ रहे हैं।
जिससे कि डॉ. मोहन यादव सरकार की कार्य प्रणाली पर आमजन और पीड़ित लोगों में आक्रोश पनप रह है।
बताया जाता है कि शहर के आसपास भू माफिया को प्रशासन का विल्कुल भी खौफ नहीं है।
जहां दिखे सरकारी जमीन, वह जमीन हमारी के तर्ज पर दिखती है तो कब्जा कर कॉलोनी काट दी जाती है।भू माफिया ओर सरकारी करिंदों पर धन लोलुपता किस कदर हावी है इसका एक उदाहरण यह है कि पटवारियों ने अपने निजी ऑफिस तक खोल रखे हैं।जनता की गाढ़ी कमाई मे से टैक्स लेकर पगार बाँटने वाली सरकार और प्रशासनिक तंत्र के नाक के नीचे इन क्षेत्रों के पटवारी तहसील में कम और अपने निजी ऑफिसों में बैठे ज्यादा मिलते हैं तथा निजी कार्यालय में ही सरकारी काम भी निपटाते हैं।अब ऐसा तो होगा नहीं कि पटवारियों के निजी ऑफिसों की जानकारी आला अधिकारियों को नहीं होगी!
सूत्रों का कहना है कि शहर के आसपास के हलकों में पटवारियों की पदस्थापना राजनैतिक हस्तक्षेप और लाखों की भेंट चढ़ाये बगैर नहीं होती है।उस भेंट की वसूली पटवारी, सरकारी जमीन पर भू माफिया का कब्जा कराकर करते हैं।
ऐसा ही एक हंगामाखेज खेल, नगर निगम के वार्ड क्रमांक 63 ग्राम मऊ तहसील मुरार में हुआ है।
भू माफिया ने वेशकीमती शासकीय पड़ती भूमि सर्वे नंबर 228/1रकवा 1बीघा 18 विश्वा,सर्वे नम्बर 228/2 रकवा 3 विश्वा, सर्वे नंबर 228/3 रकवा 3 विश्वा,एवं सर्वे नंबर 242/1रकवा 1बीघा 18 विश्वा,सर्वे नंबर 242/2 रकवा 17 विश्वा,कुल रकवा लगभग 5 पांच बीघा में कॉलोनी काटकर बेच दी।भू माफिया द्वारा बेची गई उक्त भूमि का बाजारू मूल्य लगभग 15 करोड़ रु. है।उक्त भूमि मऊ की माता के मंदिर के पास है ओर भूमि पड़ती सीलिंग की है।उक्त भूमि को प्रॉपर्टी करोवारी विनोद भारद्वाज,राजस्व ओर नगर निगम के अधिकारियों की मिली भगत से बेच दिया गया। भूमि पर अबतक लगभग 3 दर्जन मकान भी बन चुके हैं।
विक्रमपुर में बेची 3 बीघा 5 विश्वा सरकारी भूमि
वार्ड नंबर 63 के ही विक्रमपुर,महाराजपुरा गिर्द,सहानपुर मौजे की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 210 रकवा 2 विश्वा सर्वे क्रमांक 209 रकवा 5 विश्वा सर्वे क्रमांक 213 रेलवे रकवा 2 बीघा 18 विश्वा,सर्वे क्रमांक 211 रकवा 1विश्वा रेलवे एवं सर्वे क्रमांक 186 पर स्थानीय पटवारी,तहसीलदार,एसडीएम और नगर निगम के अधिकारियों से सांठगांठ करके भूखंड बेच दिये हैं। उक्त शासकीय भूमि पर सैकड़ों की संख्या में मकान भी बन चुके हैं।इस आशय की शिकायत भृष्टाचार उन्मूलन संगठन ने आयुक्त ग्वालियर संभाग मनोज खत्री से की है।संगठन ने शिकायत में लिखा है कि राजस्व विभाग,नगर निगम,महाराजपुरा पुलिस थाना और भू माफिया की मिलीभगत का ज्वलंत उदाहरण है कि शहर में शासकीय भूमि पर कब्जा कर भूखंड बेच दिये ओर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
भू माफिया की इस धोखेधड़ी और दबंगई के चलते क्षेत्र में आये दिन झगड़े फसाद होते रहते हैं।
शहर के आसपास भू माफिया ने जितनी भी कच्ची कॉलोनी काटकर भूखंड बेचे हैं उनमें कोई सुविधा नहीं है।इसके अलावा एक खेल भू माफिया द्वारा और किया जाता है, जिसमें हितग्राही को रजिस्ट्री, निजी खसरे की की जाती है ओर कब्जा शासकीय खसरे में दे दिया जाता है।
कब्जे के इस खेलमें भू माफिया के साथ पटवारी की मिलीभगत होती है।इसीलिए कच्ची कॉलोनी में भूखंड के नामांतरण की रिश्वत हजारों में है।
तहसील मुरार के हलका मऊ के पटवारी कुलदीप चाहर का कहना है कि जो सर्वे नंबर है वो सभी शासकीय हैं उन सभी नंबरों की भूमि पर निर्माण करने की रोक लगी हैऔर जो निर्माण है वो मेरे से पहले का है।
दूसरी तरफ मऊ में प्रॉपर्टी कारोबारी विनोद भारद्वाज पूछने पर कहते हैं कि जिन सर्वे नंबरों की बात कर रहे हैं वो सरकारी नहीं, निजी हैं लेकिन मेरे पास कोई दस्तावेज नहीं हैं।