लेखक-राजेश बैरागी
बीते कल सोमवार को दादरी सूरजपुर रोड पर देवला गांव स्थित शराब की दुकान पर अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला। यह शाम का लगभग सात बजे का समय रहा होगा और वहां कोई ग्राहक नहीं था। और दिनों में इस शराब की दुकान पर शराब के शौकीनों की भीड़ जमा रहती है और कई बार ग्राहक लंबी लाइन भी लगा लेते हैं।बीते अक्टूबर माह में जनपद गौतमबुद्धनगर में शराब के शौकीन लोगों ने लगभग दो अरब रुपए(183.28 करोड़ रुपए)की शराब गटकी है। इसमें अकेले 31 अक्टूबर को शराब की बिक्री से 20 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। इस तिथि को दीपावली थी। जिला आबकारी विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार दीपावली के दिन 15 हजार बोतल शराब और 62 हजार कैन बीयर ग्राहकों द्वारा खरीदी गई। क्या एक ही दिन इतनी मात्रा में शराब खरीदने से शराब के शौकीनों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई होगी?देवला गांव स्थित शराब की दुकान पर कुछ देर कोई ग्राहक न होने से ऐसी आशंका उत्पन्न होना स्वाभाविक है। हालांकि शराबियों के लिए अपना और अपने बच्चों का पेट भरने के लिए खाने का सामान खरीदने और शराब खरीदने में कौन महत्वपूर्ण है,यह प्रश्न हमेशा उत्तर का मुंहताज रह सकता है। बहरहाल आबकारी विभाग अक्टूबर माह में शराब की रेकॉर्ड बिक्री से गद्गद है। हालांकि दीपावली के आसपास के दिनों में अधिकतम खुदरा मूल्य पर दस से बीस रुपए प्रति बोतल अधिक वसूल कर शराब दुकानदार भी गदगद हैं। इस संबंध में पूछने पर आबकारी विभाग ने बताया कि ओवररेट शराब बेचने की कोई शिकायत कहीं से भी प्राप्त नहीं हुई है। दरअसल शराबियों का यही व्यवहार उन्हें उच्च श्रेणी का नागरिक बनाता है।वे देश को चलाने में सर्वाधिक सहयोग प्रदान करते हैं और अपने विरुद्ध हो रहे अन्याय की शिकायत भी नहीं करते।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)