(राजेश बैरागी)
गौतम बुद्ध नगर)
√ ग्रेनो प्राधिकरण अगले दो महीनों में किसानों की अधिकांश समस्याओं,मांगो को पूरा करने में सफ़ल होगी कहा ACEO सौम्य श्रीवास्तव नें
क्या आने वाले कुछ महीनों में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विरुद्ध किसान संगठनों द्वारा किए जाने वाले आंदोलन इतिहास के पन्ने बन जाएंगे?
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा किसानों से संबंधित लीज बैक, शिफ्टिंग और छः प्रतिशत किसान आबादी आवासीय भूखण्ड उपलब्ध कराने के लिए किए जा रहे प्रयासों से यह बात सच हो सकती है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के विरुद्ध किसान संगठनों द्वारा पिछले कुछ वर्षों से समय-समय पर चलाए जाने वाले आंदोलनों का आधार भूमि अधिग्रहण के पश्चात किसानों को दिए जाने वाले विभिन्न लाभ तथा सुविधाएं न मिलने का रहता है। भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों की मुख्य समस्याएं उनकी आबादी की भूमि को भी अधिग्रहण करने, छोड़ी गई भूमि की लीज बैक न होने, शिफ्टिंग से संबंधित मामलों का निस्तारण न होने तथा उन्हें मिलने वाले छः प्रतिशत आवासीय भूखण्डों का आवंटन न होने से संबंधित हैं। पिछले लगभग डेढ़ दशक से ये सभी समस्याएं चली आ रही हैं।इन समस्याओं ने क्षेत्र में कई सारे किसान नेताओं और दलालों को जन्म दिया परंतु समस्याएं जस की तस रहीं।इसकी एक बड़ी वजह समय समय पर यहां नियुक्त रहे अधिकारियों का भ्रष्ट आचरण भी रहा और किसान नेताओं का तो कहना ही क्या है। कुछ किसान नेताओं ने बेशुमार धन संपत्ति इन्हीं समस्याओं की कोख से अर्जित की है। वर्तमान में मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी के निर्देश पर प्राधिकरण किसानों से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं के समाधान पर एक अभियान के तहत तेजी से काम कर रहा है। इस अभियान की कमान वरिष्ठ अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सौम्य श्रीवास्तव को सौंपी गई है। उनके नेतृत्व में विशेष कार्याधिकारी गिरीश कुमार झा और भूलेख विभाग सभी 78 गांवों में से 60 गांवों में शिविर लगाकर 42 गांवों के 3015 पात्र किसानों की छः प्रतिशत आवासीय भूखण्ड की पात्रता सूची प्रकाशित कर चुका है।शेष 1132 किसानों की पात्रता सूची का प्रकाशन भी आगामी 31 मार्च तक किया जाना है। सीधे भूमि क्रय से संबंधित 612 किसानों में से 69 किसानों को अतिरिक्त प्रतिकर 64.70 प्रतिशत का भुगतान किया जा चुका है जबकि शेष किसानों को भुगतान के लिए शासन से अनुमोदन मांगा गया है। इससे प्राधिकरण पर 168 करोड़ रुपए अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा।2010 के शासनादेश से संबंधित लीज बैक के 1451 मामलों को शासन द्वारा सही करार दिए जाने के क्रम में मुआवजा प्राप्त कर वापस जमा करने वाले 393 किसानों में से 371 किसानों की लीज बैक कर दी गई है। इसी प्रकार लीज बैक से संबंधित 854 नये मामलों की सुनवाई के लिए रोस्टर तैयार किया गया है। इनके लिए आबादी विनियमावली 2011 जिसे 2015 में संशोधित किया गया था के अनुसार निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए लीज बैक की कार्यवाही की जाएगी। एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि आगामी दो महीनों में किसानों के छः प्रतिशत आवासीय भूखंडों के आवंटन तथा लीज बैक व शिफ्टिंग से संबंधित अधिकांश मामलों का निपटारा कर दिया जाएगा। क्या किसानों की सभी समस्याओं का समाधान निकट भविष्य में होने की संभावना है?
इस प्रश्न पर श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी की सर्वोच्च प्राथमिकता किसानों की समस्याओं को दूर करना है।’