(आलोक तिवारी)
(मथुरा)
नगर निगम मथुरा-वृन्दावन द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के अन्तर्गत वाटर प्लस के लिये आवेदन किया गया है। वाटर प्लस के अन्तर्गत नगर निकाय को अपशिष्ट जल को शोधित कर पुनः प्रयोग किया जाना होता है जिसके दृष्टिगत नगर आयुक्त शशांक चौधरी द्वारा शनिवार को लक्ष्मी नगर स्थित 02 एसटीपी क्रमशः 14.5 एमएलडी (तकनीक डब्ल्यूएसपी) एवं 16 एमएलडी (तकनीक यूएएसबी) एसटीपी प्लांट का निरीक्षण किया गया। यहां उल्लेख करना है कि लक्ष्मी नगर एसटीपी पर पानी को शोधित करने हेतु 20 एमएलडी क्षमता का उच्च गुणवत्ता का टीटीपी (र्टशरी ट्रीटमेन्ट प्लांट) स्थापित कराया गया है। टीटीपी (र्टशरी ट्रीटमेन्ट प्लांट) से शोधित जल गुणवत्ता पूर्ण प्राप्त होता है जिसका बीओडी 05 एमजी प्रति लीटर से कम होता है। उक्त प्लांट के द्वारा शोधित हुये जल को 20 किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन विछाकर मथुरा रिफाईनरी को भेजा जा रहा है जिसके एवज में आईओसीएल द्वारा रू. 8.7 प्रति किलोलीटर के अनुसार भुगतान किया जा रहा है। आईओसीएल के साथ-साथ नगर निगम की सीवेज फार्म की भूमि पर खेती कर रहे किसानों को भी सिचाई हेतु एसटीपी से शोधित हुये जल को उपलब्ध कराया जा रहा है। नगर निगम मथुरा-वृन्दावन क्षेत्रान्तर्गत स्थापित फाउण्टेन तथा डिवाईडर, पेड़ों की धुलाई एवं मार्ग पर छिड़काव हेतु शोधित जल ही प्रयोग किया जा रहा है। एसटीपी से शोधित हुये जल का शत-प्रतिशत प्रयोग किये जाने हेतु नवीन अभिनव प्रयास भी किये जा रहे हैं।
इसी कड़ी में नवीन अभिनव प्रयास के उद्देश्य से नगर आयुक्त द्वारा सम्बन्धित अभियंताओं को निर्देशित किया गया कि एसटीपी प्लांट के आस-पास स्थित समस्त पार्कों को पाइप लाइन के माध्यम से जोड़ते हुये पार्कों में शोधित जल का ही प्रयोग कराया जाये। इसके साथ ही शहर में 04-05 विभिन्न स्थानों में शोधित जल को अधिक मात्रा में स्टोर किये जाने के लिये टैंक का निर्माण कराये जाने हेतु भी निर्देशित किया गया है। जिससे उक्त टैंक के माध्यम से शोधित जल का प्रयोग निर्माणाधीन बिल्डिंग पार्कआदि में किया जा सके।
प्लांट के निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक जल मौ अनवर ख्वाजा जल निगम के अवर अभियंता नरेश लक्ष्मी नगर एसटीपी प्लांट प्रबंधक रघु उपस्थित रहे।