(आलोक तिवारी)
( मथुरा)
√ ५२५१ जनमोत्सव पर सोम चन्द्रिका पोशाक करेंगे धारण तो रजत कमल पुष्प में होगा श्रीकृष्ण प्राकट्य
देवकीनंदन कान्हा की जन्मभूमि पर भगवान श्रीकृष्ण का परम पुनीत जन्ममहोत्सव शास्त्रीय मर्यादाओं एवं परंपराओं के अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तद्नुसार 26 अगस्त सोमवार को मनाया जायेगा।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव इस बार भव्य और दिव्य होगा। पद्मकान्ति पुष्प बंगले में ठाकुर जी विराजेंगे और 25 अगस्त को 5251 दीपों से भव्य दीपदा होगा। स्वर्ण मण्डित रजत कामधेनु स्वरूपा दिव्य गौ प्रतिमा ठाकुरजी का प्रथम अभिषेक करेंगी, वहीं गर्भ गृह एवं श्रीकृष्ण चबूतरा को कारागार का मूल स्वरूप दिया जा रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुये श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा-संस्थान के सचिव कपिल शर्मा एवं सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के 5251वें जन्म महोत्सव को भव्य और दिव्य बनाने के लिए सभी तैयारियों एवं व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं। श्रीठाकुर जी के जन्माभिषेक कामधेनु स्वरूपा गऊ द्वारा रात्रि 12ः10 बजे से रात्रि 12ः25 बजे तक किया जायेगा। तदोपरान्त रजत कमल पुष्प में विराजित श्रीठाकुरजी का जन्म महाभिषेक रात्रि 12ः25 बजे से 12ः40 बजे तक होगा। ऐसे विशिष्ट जन्म महोत्सव में ठाकुरजी के श्रंगार, पोशाक, मंदिर की साज सज्जा एवं व्यवस्थाएँ नयनाभिराम व अभूतपूर्व होंगी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पुरातन वैभव व स्वरूप प्राप्ति का होगा जन्माष्टमी पर महोत्सव संकल्प। श्रीगर्भ गृह में विराजमान चतुर्भुज नारायण के श्रीविग्रह की पोशाक विशिष्ट होगी, जिससे भक्त भगवान के चतुर्भुज रूप से दर्शन कर पायेंगे। शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण किये हुऐ भगवान के ऐसे दर्शन निश्चित ही परम मंगलकारी होंगे। इस विशिष्ट दिवस में भगवान श्रीराधाकृष्ण सोम चन्द्रिकाश् पोशाक धारण करके भक्तों को दर्शन देंगे। इस अवसर पर नवरत्न जड़ित स्वर्ण कण्ठा भी श्रीठाकुरजी को धारण कराया जायेगा। सोमवार को प्रातः नौ बजे भव्य पुष्पॉजलि एवं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव संकल्प का अलौकिक कार्यक्रम होंगे।
जन्म महाभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रात्रि 11 बजे श्रीगणेश नवग्रह आदि पूजन से आरंभ होगा। तदोपरान्त 1008 कमल पुष्पों से ठाकुरजी का सहस्त्रार्चन करते हुऐ आव्हान किया जायेगा। रात्रि 12 बजे भगवान के प्राकट्य के साथ संपूर्ण मंदिर परिसर में बज उठेंगे ढोल-नगाड़े, झॉझ मंजीरे, मृदंग साथ ही हरिबोल के साथ नाच उठेंगे असंख्य भक्तजन संत एवं भगवान के जन्म की महाआरती शुरू होगी जो रात्रि 12ः10 बजे तक चलेगी। तदुपरान्त केसर आदि सुगन्धित द्रव्यों से लिपटे हुये भगवान श्रीकृष्ण के चल विग्रह मौर्छलासन में विराजमान होकर अभिषेक स्थल पर पधारेंगे।