लेखक: डॉ.के. विक्रम राव
जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेम्स डेविड वेंस ने जयपुर में (23 अप्रैल 2025) राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आयोजित स्वागत समारोह में कहा कि “वे भारतीय मूल की पत्नी उषा के पति के नाते भारत में ज्यादा मशहूर हैं। बनिस्बत एक राजनेता के।” उनके श्रोताओं में राजस्थान के भाजपाई मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा हर्ष व्यक्त कर रहे थे। डोनाल्ड ट्रंप ने भी वाशिंगटन में राष्ट्रपति की शपथ लेते हुए कहा था : “मेरी इच्छा थी कि हसीन उषा बाला चिलकूरी वान्स को अपना उपराष्ट्रपति प्रत्याशी नामित करूं।” ट्रंप का कथन था : “उषा प्रथम एशियन-अमेरिकी सनातनी-विप्र महिला हैं। निर्वाचित उपराष्ट्रपति वांस से कहीं अधिक विवेकशील और चुंबकीय हैं।” उषा के पुत्र ईवान ने तो सार्वजनिक रूप से कहा कि वे अपने ननिहाल भारत में ही रहेगा।
शपथ ग्रहण के उत्सव में डोनाल्ड ट्रंप ने टिप्पणी की थी कि उषा अपने पति से कहीं अधिक चतुर और क्रियाशील हैं। इसका आधारभूत कारण भी है। उषा के पूर्वज अठारहवीं सदी में पश्चिम गोदावरी तटीय वडलूरू ग्राम के चिलुकुरी चातुष्टय पंडित भ्रातावर्ग अद्वितीय विद्वान थे। अर्थात् ट्रंप-प्रशासन को आंध्र के विप्र समाज का ज्ञान भी प्राप्त होगा। भारत भी लाभान्वित रहेगा।
चालीस-वर्षीय लेखक, वकील और पूर्व सैनिक (ईराक़ युद्ध में थे) जेम्स डेविड वान्स ने तेलुगुभाषी, आंध्र माता-पिता की संतान उषा से पिछले दशक (2014) में विवाह किया। दोनों तब ओहयो राज्य के विधि विश्वविद्यालय में सहपाठी थे। उषा के माता-पिता चेन्नई में वैज्ञानिक थे। उषा के मित्र उन्हें “किताबी कीड़ा” और “नेता” कहते थे। वे पत्रकार भी रहीं। येल “लॉ जर्नल” की संपादक थीं। मीडिया की स्वतंत्रता के संघर्ष में सक्रिय थीं।
उषा का परिवार ब्राह्मण विद्वानों का है। उनके दादा पंडित चिलुकुरी बुच्चिपापय्या शास्त्री कृष्णा जिला के साईपुरम ग्राम में संस्कृत पंडित और वेदशास्त्री रहे। उनकी विशाखापत्तनमवासी दादी ने भगवदगीता का अंग्रेज़ी अनुवाद किया था। वकील उषा के मुवक्किलों में पैरामाउंट फिल्म तथा वाल्ट डिज्नी हैं।
भारत में भी पति की बदौलत पत्नी को राजनीतिक महत्व मिलना कई राज्यों में हो चुका है। लखनऊ का किस्सा है। सुचेता कृपलानी एक भारतीय राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी थीं। वह भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं, जिन्होंने 1963 से 1967 तक उत्तर प्रदेश सरकार की प्रमुख के रूप में कार्य किया।
सुचेताजी का यूपी का मुख्यमंत्री बनना भी एक ऐतिहासिक घटना रही। जवाहरलाल नेहरू के विरोध के बावजूद तब चंद्रभानु गुप्ता मुख्यमंत्री बन गए थे। मगर पुत्री इंदिरा गांधी के प्रतिद्वंदियों को काटने के लिए प्रधानमंत्री नेहरू कांग्रेस अध्यक्ष के. कामराज के नाम पर एक योजना बनाई और अपनी काबीना से मोरारजी देसाई, एस.के. पाटिल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीबी गुप्ता को भी हटा दिया। तब इस रिक्त पद पर गुप्ताजी के समर्थन से सुचेताजी देश की और उत्तर प्रदेश की प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनीं। मगर श्रेय आचार्य जेबी कृपलानी को जाता है क्योंकि पति के आग्रह पर ही उनकी पत्नी को गुप्ताजी ने मुख्यमंत्री चुनाव जितवाया था।
इस संदर्भ में जेडी वेंस का अपने उपराष्ट्रपति बनने में उषा के रोल की तारीफ करना वाजिब है हालांकि भारत में बहुत कम पतियों ने अपनी पत्नियों को राजनीति में आगे बढ़ाया हो। जैसे बिल क्लिंटन ने हिलेरी को, बराक ओबामा ने अपनी पत्नी मिशेल रोबिन्सन को आगे बढ़ाया है। भारत में कुछ ही दिन में उषा वेंस बड़ी लोकप्रिय हो गईं खासकर दिल्ली की अक्षरधाम मंदिर की यात्रा के बाद।
(लेखक IFWJ के नेशनल प्रेसिडेंट व वरिष्ठ पत्रकार/ स्तंभकार हैं)