(आलोक तिवारी)
(मथुरा)
√ वृंदावन नगर निगम का दावा 38 नालों में से 34 को टेप किया जा चुका है जल्द ही बचे 4 को भी किया जायेगा टेप
भूलोक में सबसे प्राचीन नदियों में से माने जाने वाली मां यमुना, गंगा का नाम सबसे प्रमुखता से लिया जाता है जो पृथ्वी लोक पर भगवान राम और कृष्ण के जन्म से पहले अवतरित हुई पर आज मां यमुना अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
एक तरफ़ मोदी सरकार देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है तो दूसरी तरफ मां यमुना की दुर्दशा पर लगता है गंभीरता पूर्वक उनकी चित्कार सुनने वाला कोई नही है।
देश में कांग्रेस, और भाजपा दोनों के कार्यकाल में यमुना नदी की सफाई पर राजनीति बहुत हुई पर असल मायने में दोनों दलों ने यमुना को अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को और अधिक मजबूर कर दिया।
मां यमुना का यमुनोत्री के बाद सबसे प्रमुख तीर्थ स्थल मथुरा को बताया गया है जहां मां यमुना की दुर्दशा सबसे दयनीय है।तमाम राजनैतिक दलों ने मां यमुना के नाम पर बड़े बड़े वादे किए पर आज तक मथुरा में मां यमुना को स्वच्छ करने के लिए सिर्फ़ जुबानी जमा खर्च करने का काम किया है।
वर्तमान समय में यमुना में गिरने वाले दूषित नालों के कारण यमुना का जल मथुरा में सफेद झाग मे तब्दील हो गया है, प्रशासन के लाख खोखले दावों के बाद भी यमुना में सीधे तौर पर गंदे नाले गिरते दिखाई दे रहे है।
मथुरा प्रशासन की कार्यप्रणाली से यमुना सिर्फ एक गंदे नाले के रूप में बदल कर रह गई है।आने वाले श्रद्धालु यमुना की दुर्दशा पर सीधे तौर पर भाजपा सरकार को कोसते दिखाई देते है।
इस विषय पर मथुरा वृन्दावन नगर निगम द्वारा बार बार कहा जाता रहा है कि मथुरा के 38 नालों में से 34 नाले टेप किए जा चुके है शेष 4 को भी जल्द टेप कर दिया जाएगा, अकेले वृन्दावन में ही 11 नाले है जिनमें 2 नाले सीधे यमुना मै गिर रहे है। हालांकि नगर निगम का जलकल विभाग इस मामले में अपनी सफाई देते हुई सुनाई देता है कि जो नाले यमुना मै गिर रहे है उनके दूषित पानी को पहले ही वायो क्लीन कर दिया जाता है।
मां यमुना के नाम पर यमुना भक्तों के द्वारा तमाम आंदोलन किए पर सरकार की मंशा यमुना को स्वच्छ करने की नहीं दिखाई दी, मां यमुना को स्वच्छ कराने के लिए यमुना भक्त एनजीटी में भी लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं।
कुल मिलाकर आने वाले वक़्त ही बतायेंगे कि कान्हा प्रिय माँ यमुना नदी की दशा में कितना सुधार हो पाता है।