★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{मुम्बई मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने चेताया कि लोगो ने कोरोना वायरस नियमों का उल्लंघन जारी रखा तो शहर में लग सकता है नाइट कर्फ्यू}
[मुख्यमंत्री ठाकरे भी चेतावनी देते हुए कई बार जता चुके हैं नागरिकों की लापरवाही पर गहरी नाराज़गी]
(लाकडाउन के बाद 15 जून से सामाजिक दूरी के नियमों के पालन अनुसार जरूरी सेवाओं से जुड़े 1200 यात्रियों के सापेक्ष 700 लोगों को लेकर चलाई जा रही है लोकल ट्रेन)
♂÷महाराष्ट्र सरकार व बीएमसी के रुख से स्पष्ट नज़र आ रहा है कि कोरोना काल के इस दौर में फ़िलहाल देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में प्रशासन कोरोना वायरस को लेकर काफी सतर्क नजर आ रहा है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जहाँ बार-बार नागरिकों से सुरक्षित दूरी बरतने मास्क लगाने में हो रही लापरवाही पर चिंता जताते रहे हैं तो वही ऐसे में यहां फिलहाल सभी लोगों के लिए लोकल ट्रेन शुरू होने की संभावनाएं कम हैं। इतना ही नहीं सरकार हालात बिगड़ने पर रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने पर भी विचार कर सकती है। खास बात है कि देश के कई बड़े शहरों में वायरस की रोकथाम के लिए नाइट कर्फ्यू लगाया गया है।मुंबई में शुक्रवार को कोरोना वारयस के 654 नए मामले मिले हैं।शहर में अब तक 2 लाख 89 हजार 343 लोग वायरस की चपेट में आ चुके हैं और 10959 मरीजों की मौत हो चुकी है।
कयास लगाए जा रहे थे कि मुंबई में लोकल ट्रेन जल्दी ही आम लोगों के लिए भी शुरू हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकारियों ने यह साफ किया है कि फिलहाल ऐसा करने की कोई भी योजना नहीं है।
बृहन्नमुंबई महानगर पालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने पहले कहा था कि क्रिसमस और नए साल पर होने वाले जश्न के बाद हालात को देखते हुए आम जनता को अनुमति पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा था ‘क्रिसमस और नए साल की शाम के दौरान हालात को देखते हुए हम लोकल ट्रेन शुरू करने को लेकर फैसला ले सकते हैं।’ उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि अगर लोगों ने लगातार कोरोना वायरस नियमों का उल्लंघन जारी रखा, तो सरकार को शहर में नाइट कर्फ्यू लगाना होगा। उन्होंने शहर में देर रात चलने वाले क्लब्स को देखते हुए राज्य सरकार के नाइट कर्फ्यू को लेकर पत्र लिखा है।उन्होंने बताया ‘सरकार नाइट कर्फ्यू लगाने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि इससे लोगों में परेशानियां बढ़ जाती है,इसलिए 25 दिसंबर तक इंतजार करने और हालात देखने का फैसला लिया गया है।’
लॉकडाउन के बाद से बंद पड़ी लोकल ट्रेन को बीती 15 जून को जरूरी सेवाओं में शामिल लोगों के लिए खोल दिया गया था।ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन के लिए 1200 यात्रियों की जगह केवल 700 लोग ही सफर कर पा रहे थे।मध्य और पश्चिम रेलवे ने एक बयान जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि जो लोग जरूरी सेवाओं से जुड़े हुए हैं, अगर उनके पास आईकार्ड है तो, उन्हें लोकल ट्रेन में सफर करने दिया जाएगा।इसके बाद बीएमसी ने ट्रेन में भीड़ कम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक पास की शुरुआत की थी।