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2 साल में 10 कराेड़ रुपए के ड्रोन अहमदाबाद भेजे गएडायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस ने 85 ड्रोन जब्त किएजांच एजेंसी ने कहा- ड्रोन गलत हाथों में जाने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता था
अहमदाबाद. डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) ने ड्रोन तस्करी के एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट का पर्दाफाश किया है। इसके मास्टरमाइंड को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों का कहना है कि रैकेट के तार भारत के साथ चीन, पाक और म्यामांर तक जुड़े हैं। 2017 से चल रहे रैकेट के तहत 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत के ड्रोन देश में लाए गए।
रैकेट का भंडाफोड़ होने के बाद डीआरआई के हाथ उच्च तकनीकी क्षमता वाले 85 ड्रोन लगे हैं। सारे ड्रोन डीजेआई मेविक, डीजेआई फैंटम और एमआई ब्रांड के हैं। इनके अलावा एक करोड़ रुपए की कीमत के 27 डीजेआई मेविक एयर फ्लाई मोरे किट, 34 डीजेआई रॉनिन एस हैंड हेल्ड गिंबल स्टैबलाइजर्स और मिररलैस कैमरे भी डीआरआई ने बरामद किए हैं।
ड्रोन के निर्यात के लिए अलग नियम
डीआरआई का कहना है कि ड्रोन के निर्यात के लिए एक तय प्रक्रिया का पालन करना होता है। इनकी स्मगलिंग से सरकार को तीन करोड़ रुपए की चपत लगी है। जांच एजेंसी का कहना है कि यह सारा सामान अहमदाबाद के एयर कार्गो कॉम्पलेक्स से टैंपों में लादकर गिरफ्तार किए गए आरोपी की पलदी इलाके में स्थित दुकान पर लाया जा रहा था। बाद में छापे में इस दुकान से भी काफी संदिग्ध सामान बरामद किया गया है।
पाक की फर्म ने चीन से ड्रोन मंगवाए
डीआरआई के मुताबिक- पाक की एक फर्म ने चीन की फर्म को ड्रोन तैयार करने का आर्डर दिया था। चीन की कंपनी ने इन्हें दक्षिण चीन के युननान में स्थित देहांग के वेयरहाउस में भिजवाया। यह इलाका म्यामांर बार्डर के नजदीक है। म्यामांर के तस्करों की जिम्मेदारी थी कि वहां से इन्हें तस्करी के जरिए अपने देश में ले जाएं।
अहमदाबाद तक ऐसे पहुंचाए गए ड्रोन
म्यामांर में इन्हें टामू तक ले जाया गया। वहां से इन्हें मोरेह के रास्ते इम्फाल भेजा गया। इस दौरान ड्रोन की तस्करी के लिए अलग-अलग तरह के ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल किया गया। घरेलू विमान सेवा के माध्यम से सारे ड्रोन और बाकी का सामान इम्फाल से अहमदाबाद लाया गया। जांच के दौरान एयरपोर्ट अथॉरिटी को बताया गया कि यह सारा सामान घरेलू जरूरतों से जुड़ा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता था
अहमदाबाद से इसे देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया। चीनी कंपनी ने मुंबई में हवाला से रकम का भुगतान अहमदाबाद के मास्टरमाइंड को किया। जांच एजेंसी का कहना है कि उच्च दक्षता के ड्रोन किसी निजी व्यक्ति के हाथ में जाने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। राष्ट्रविरोधी ताकतें और आतंकी संगठन इनका इस्तेमाल जासूसी और तोड़फोड़ में कर सकते हैं।