मुम्बई।
मुकेश सेठ
तहलका 24×7
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी सुरक्षा देश के चुनिंदा लोगों को ही मिलती है। इनमें पीएम नरेंद्र मोदी और गांधी परिवार के तीन सदस्य सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शमिल हैं। यूं तो प्रियंका फोर्ड और जगुआर जैसी कारों में बैठकर आती जाती हैं, लेकिन जब बात चुनावी रैलियों की आती है तो प्रियंका सिर्फ टाटा सफारी पर यकीन करती है। दरअसल गांधी परिवार को एसपीजी प्रोटेक्शन मिली है जिसकी वजह से प्रियंका टाटा सफारी में सफर करती है। कमांडो हमेशा गाड़ी का दरवाजा खोलकर उन्हें अंदर बैठाने के साथ ही उन्हें उतारते भी हैं।
इनके साथ दो जैमर लगी गाड़ियां चलती हैं, जिसमें दो एंटिना लगे रहते हैं। यह सड़क के दोनों तरफ 100 मीटर की दूरी पर रखे विस्फोटक को खोज निकालने में सक्षम होते है। एसपीजी कमांडो के जूते इस तरह से बनाए जाते हैं ताकि वह किसी भी तरह की जमीन पर ना फिसलें। एसपीजी कमांडो हमेशा काला चश्मा पहने रहते हैं जिससे वह सभी पर नजर रख सकें लेकिन किसी को यह ना पता चले कि वह किसे देख रहे हैं। SPG की जरूरत इंदिरा गांधी की हत्या के बाद महसूस हुई, जिसके बाद 2 जून 1988 को SPG की स्थापना की गई थी और SPG की पहली सुरक्षा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को मिली। हालांकि पर्सनल सिक्योरिटी ने SPG को उन्हें कवर नहीं करने दिया, जिसके कारण लिट्टे द्वारा उनकी हत्या कर दी गई। मई 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद, एसपीजी में बड़े स्तर पर बदलाव किए गए। तब से प्रधानमंत्री और गांधी परिवार को SPG की सुरक्षा देना अनिवार्य कर दिया गया।
SPG की स्थापना Special Protection Group Act, 1988 के तहत की गई है। जिसमें अभी 3 हजार से ज्यादा एक्टिव कमांडो हैं। 18 फरवरी 1985 को गृह मंत्रालय ने बीरबल नाथ कमेटी बनाई, जिसने 30 मार्च 1985 में स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट बनाने के लिए अपनी रिपोर्ट सौंपी। उस समय शुरूआत में 819 पोस्ट्स निकाली गयी। और शुरुआत में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को इसका डायरेक्टर बनाया गया।
