★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{काबुल में सुप्रीम कोर्ट जाने के दौरान महिला न्यायधीशों के गाड़ी पर गोलियों की बौछार कर ली गयी जान,रविवार की सुबह वाहन से जा रही थी सुप्रीम कोर्ट}
[अमेरिका द्वारा अपने सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद से मुल्क में बढ़ा है आतंकी संगठन तालिबान के हमले,चुन चुन कर महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों को बना रहा निशाना]
♂÷आतंकवाद पीड़ित मुल्क अफगानिस्तान में आज रविवार की सुबह आतंकवादियों ने सुप्रीम कोर्ट की दो महिला जजों की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई व हमले के दौरान 3 अन्य महिला भी गोली लगने की वज़ह से घायल हुईं हैं। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सुप्रीम कोर्ट की दो महिला न्यायाधीशों की गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया है।
यह घटना रविवार की सुबह घटी है,इस घटना से पूरा देश थर्रा उठा है,यह घटना काबुल के पीडी10 जिले में हुई है।
इस मामले की जानकारी देते हुए टोलो न्यूज ने कहा कि काबुल के पीडी10 जिले में हुए हमले में दो महिलाओं की मौत हो गई है और तीन महिलाएं घायल हो गई हैं।प्रत्यदर्शियों का कहना है कि पीड़ित महिलाएं सरकारी कर्मचारी थीं, काबुल पुलिस ने इस हमले की पुष्टि कर दी है।
हाल के महीनों में अफगानिस्तान की सरकार तालिबानियों के बीच शांति समझौते के जारी रहने के बावजूद देश में हिंसा की घटनाओं में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ है। देश की राजधानी काबुल में विशेष तौर पर हमलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इन हमलों का मुख्य लक्ष्य महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों को मौत के घाट उतारना है ताकि देश में दहशत का माहौल पैदा किया जाए सके। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने यहां अपने सैनिकों की संख्या को घटाकर 2500 करने की घोषणा की है,ये बात बीते साल फरवरी में साइन हुए अमेरिकी-तालिबान समझौते में कही गई है।
सुप्रीम कोर्ट के प्रवक्ता अहमद फहीम क्वीम ने कहा कि इस हमले को तब अंजाम दिया गया जब दोनों जज महिलाएं कोर्ट की गाड़ी से अपने दफ्तर की ओर जा रही थीं। उन्होंने एफपी को बताया कि दुर्भाग्यवश हम दोनों महिलाओं की जिंदगी नहीं बचा पाए।अहमद फहीम ने यह जानकारी दी कि 200 से ज्यादा महिला जज देश के अलग-अलग न्यायालयों में काम करती हैं।
मालूम हो कि अफगानिस्तान में दुर्दांत आतंकी संगठन तालिबान को पाकिस्तान पूरी तरह से अपना समर्थन व मदद देते रहता है, वह चाहता है कि एक बार फ़िर से तालिबान के हाथ अफगानिस्तान की सत्ता आ जाये,जिससे कि वह अफगानिस्तान में अमेरिका व भारत की भूमिका को अपने अनुसार तय करने में सफ़ल हो।
