★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{पीएम मोदी के गुजरात में मंदी से हाहाकार, सूरत में आर्थिक तंगी से परेशान होकर बिल्डर हरेश भाई अपने फ़ार्म हाऊस में की आत्महत्या}
[हरेश भाई ने प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए प्राइवेट फाइनेंसरों से करोड़ो रूपये लिए थे ब्याज़ पर मंदी की वज़ह से पैसा न लौटा पाने की हताशा में उठाया कदम]
(पिछले एक साल के दौरान जीडीपी 8.1 से 25% गिरकर 5.8% पहुँचने से रियल स्टेट, ऑटो सेक्टर व ज्वेलरी उधोग की दशा बिगड़ती जा रही)
♂÷प्रधानमंत्री मोदी के गृहराज्य गुजरात के सूरत निवासी बिल्डर हरेश भाई ने अपने कामरेज फॉर्म हाऊस में फांसी लगाकर खुदकुशी की है। लोगों ने बताया कि लंबे समय से कारोबार में आई मंदी की बिल्डर हरेश बेहद परेशान थे।
देश में आर्थिक मंदी से परेशान होकर बड़े-बड़े उद्योग अपने प्लांट बंद कर रहने को मजबूर हैं। वहीं जनता को समझ नहीं आ रहा कि वह क्या करे। गुजरात के सूरत में अर्थिक तंगी से परेशान होकर एक बिल्डर ने खुदकुशी कर ली है। खुदकुशी करने वाले बिल्डर का नाम हरेश भाई शामजी भाई रवाणी बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह बिल्डर कारोबार में आई मंदी से परेशान था।
बिल्डर हरेश भाई सूरत के कामरेज इलाके में रहते थे। उन्होंने अपने फॉर्म हाऊस में फांसी लगाकर खुदकुशी की है। लोगों ने बताया कि लंबे समय से कारोबार में आई मंदी की बिल्डर हरेश बेहद परेशान थे। खबरों के मुताबिक, हरेश ने अपने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए प्राइवेट फाइनेंसरों से ब्याज पर करोड़ों रुपये लिए थे। वे फाइनेंसर्स का पैसा लौटा नहीं पा रहे थे। बिल्डर की खुदकुशी की खबर मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई है। फिलहाल पुलिस ने कुछ भी कहने से मना कर दिय है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
आधिकारिक आंकड़ों अनुसार, पिछले एक साल में जीडीपी ग्रोथ रेट में 25 फीसदी की गिरावट आई है। साल 2018-19 के पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 8.1 फीसदी थी जो इस साल (2019-20) की पहली तिमाही में गिरकर 5.8 फीसदी रह गई है। इस तरह एक साल में करीब 25 फीसदी की गिरावट जीडीपी ग्रोथ रेट में रही है।
विदित हो कि इस साल जनवरी से मार्च तक भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट पिछले पांच साल में सबसे कम 5.8 फीसदी रही। आर्थिक मंदी के बीच सभी सेक्टर का बुरा हाल है। ऑटो सेक्टर का सबसे ज्यादा बुरा हाल है। आलम यह है कि ऑटो सेक्टर की कई कंपनियां काम बंद करने को मजबूर हैं तो वही रियल स्टेट और ज्वेलरी उधोग की भी दशा बिगड़ती जा रही है।