★भोपाल★
{वरिष्ठ पत्रकार मुकेश शर्मा ने की मांग कथित संगठन द्वारा अधिकारियों पर दबाव बनाकर करवाया जाता है अनैतिक कार्य हो इसकी जाँच}
♂÷कुकुरमुत्तों की तरह उपजे भांति भांति के पत्रकार संगठन अपनी रोटी सेंकने के लिए पत्रकारिता के नाम पर पूंजीपतियों को पत्रकारिता का तमगा बांटकर अपना उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं । जिन लोगों का पत्रकारिता से दूर दूर तक का वास्ता नहीं है उन जैसे लोगों को पत्रकार संगठनों में पदाधिकारी बनाकर इनके काले कारनामों को गोरा कर सरकारी अफसरों पर अनैतिक दबाव बनाने का काम किया जाता है, जिसकी जांच एवं कार्यवाही होना अति आवश्यक है ।
इसी क्रम में एक तथाकथित पत्रकार संगठन एआईजे की लड़ाई अब इस्तीफों और निष्कासन के दौर से आगे बढ़ती नजर आ रही है,अब मामला न्यायालय में भी जा सकता है। एसोसिएशन ऑफ इंडियन जर्नलिस्ट नामक पत्रकार संगठन में उस समय फूट पड़ गई जब संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकेश शर्मा द्वारा संगठन में गलत लोगो को पदाधिकारी बनाने का विरोध किया और उसके बाद संगठन में दलालों और पत्रकार की जंग में पहला इस्तीफा गुजरात प्रदेश महासचिव अशोक शर्मा के इस्तीफे से शुरू हुई जंग आगे बढ़ता देख ए आई जे द्वारा आनन फानन में असँवैधानिक तरीके से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकेश शर्मा को निष्कासित करने की खबर सामने आई। इस विषय पर जब मुकेश शर्मा से बात की गई तो उनका कहना है कि मुझे कोई निष्कासित करने की जानकारी नही है ,मुझे कोई नोटिस नही दिया गया यदि निष्कासन जैसी कार्यवाही हुई है तो यह असंवैधानिक है जिसे हम कोर्ट में चुनौती देंगे।
गौरतलब है इस एसोसिएशन ऑफ इंडियन जर्नलिस्ट संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम सेन पर हाईकोर्ट के एक जज को फर्जी सिम से मैसेज भेजने का भी आरोप है यह श्रीमान धोखाधड़ी के आरोप में जेल यात्रा भी कर चुके हैं।
हाई कोर्ट जस्टिस को फर्जी नाम से ली मोबाइल सिम के जरिए आपत्तिजनक मैसेज भेजने के मामले में क्राइम ब्रांच ने आलीराजपुर नगर पालिका के उपाध्यक्ष विक्रम सेन को गिरफ्तार किया था। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा दिए आवेदन पर क्राइम ब्रांच ने धारा 419, 420 व आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। एएसपी रहे अमरेंद्रसिंह चौहान के मुताबिक, क्राइम ब्रांच को जून के आखिरी सप्ताह में हाई कोर्ट से शिकायत मिली कि जस्टिस के मोबाइल पर आपत्तिजनक मैसेज पहुंचा था। जांच में पता चला कि जिस मोबाइल नंबर से मैसेज किया गया वह आलीराजपुर के किसी व्यक्ति के नाम पर है। पुलिस टीम व्यक्ति तक पहुंची तो पता चला कि उसके नाम से किसी ने दस्तावेज लगाकर मोबाइल सिम ली थी। पुलिस जांच में पता चला कि फर्जी सिम को मैसेज करने के बाद तोड़ दिया गया। उस सिम से एक ही मैसेज किया गया था। जांच में सामने आया था कि यह मैसेज आलीराजपुर नगर पालिका के उपाध्यक्ष विक्रम सेन जो अब पत्रकार संगठन के अध्यक्ष हैं, ने किया था। आलीराजपुर नगर पालिका अध्यक्ष सेना पटेल के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में केस दर्ज हुआ था । आशंका थी कि सेना पटेल को जमानत न मिल पाए इसलिए साजिश करते हुए फर्जी सिम के जरिए जस्टिस को आपत्तिजनक मैसेज भेजा था। पत्रकार संगठन ए आई जे के अध्यक्ष विक्रम सेन किसी को भी पत्रकारिता का तमगा बांट देते हैं और धन उगाही का काम करते हैं । सूत्र बताते हैं कि विक्रम सेन पर घपले घोटालों के आरोप भी लग चुके हैं । सेन पर तत्कालीन कलेक्टर ने गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी । बावजूद इसके एआईजे के अध्यक्ष अपने कारनामों से बाज नहीं आ रहे हैं । इस मामले को लेकर जल्द ही मुकेश शर्मा न्यायालय पहुंचकर फर्जी संगठन और उसके अध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही करने का मन बना चुके हैं ।परचून की दुकान की तरह चल रहे कई ऐसे पत्रकार संगठन हैं जो पत्रकारिता और संगठनों की आड़ में अवैध वसूली, धन उगाही का कारोबार करने में लगे हुए हैं, इनकी जांच एवम कार्यवाही होना बहुत जरूरी है ।