★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{एनसीपी विधायक दल के नेता चुने गए जयंत पाटिल ने कहा वापस आये विधायक}

[शरद पवार ने दोहराया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनेगी शिवसेना एनसीपी काँग्रेस की सरकार, उनके पास नही है बहुमत]
(शिवसेना कांग्रेस ने कहा बीजेपी ने सत्ता का दुरुपयोग कर की लोकतंत्र की हत्या तो तीनों पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका)
♂÷शनिवार 23 नवम्बर महाराष्ट्र की राजनीति में अहम तारीख़ बन गयी है जिसने ये देखा कि तीन दलों के लोग सरकार बनाने के लिए माथापच्ची करते रहे और मुख्यमंत्री की शपथ उस पार्टी के नेता ने ली जिसको रोकने के लिए तीनों पार्टीयों ने अपने विचारधारा व सिद्धान्तों पर यू टर्न ले लिया था तो उसने भी नैतिकता उसूल सिद्धान्त को परे रख वहीँ हथियार अपनाए।
आज सुबह आठ बजे बीजेपी विधायक दल के नेता देवेन्द्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री व एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार को राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाते हुए 30 नवम्बर को बहुमत साबित करने का निर्देश दिया।

इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से जहाँ बीजेपी ने अपने कथन की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही बनेंगे को सच साबित किया
तो बीजेपी ने अपने दुश्मन बन चुके पुराने दोस्त शिवसेना को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का मौका फ़िलहाल दूर कर दिया।
उधर एनसीपी ने विधायक दल की बैठक आनन फानन में बुलाते हुए अजित पवार को विधायक दल के नेता पद से हटाकर जयंत पाटिल को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है तो वहीं शरद पवार ने संकेत दिए कि अजित पवार के खिलाफ और भी कार्रवाई की जा सकती है।
इन नाटकीय घटनाक्रम से भौचक्के शिवसेना एनसीपी काँग्रेस ने आज देर शाम दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल कर कोर्ट से अपील की है कि राज्यपाल के द्वारा दिलाये गए शपथ ग्रहण को रद्द कर दिया जाय।जिस पर रविवार को दिन में साढ़े ग्यारह बजे कोर्ट सुनवाई करेगा।
आज दिनभर महाराष्ट्र में राजनीतिक दांवपेच चलते रहे,फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम की शपथ लेने वाले एनसीपी नेता अजित पवार को एनसीपी प्रमुख ने विधायकों व पार्टी नेताओं की बुलाई गई बैठक में उनको विधायक दल के नेता के पद से हटाकर विधायक जयंत पाटिल को एनसीपी विधायक दल का नेता बनाया गया है।शरद पवार ने अजित पवार के खिलाफ और भी कार्रवाई किये जाने के संकेत दिए हैं
उधर सुबह अजित पवार के साथ गए कई विधायकों ने दोपहर बाद शरद पवार द्वारा बुलाई गई बैठक में पहुँचकर शामिल हुए और उन्होंने कहा कि उनको नही मालूम था कि राजभवन में शपथ ग्रहण होना है,हम पार्टी नेता शरद पवार के साथ हैं।जबकि ख़बर है कि अजित पवार के साथ के कई विधायकों को दिल्ली भी भेज दिया गया है।
एनसीपी की बैठक समाप्त होने के बाद लगभग 4 दर्जन विधायकों को बस में बिठाकर पवई के फाइव स्टार होटल रेनेसेन्स में भेजा गया है जिससे कि बीजेपी उनसे संपर्क न कर पाए।जबकि इसके पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी अपने विधायकों को मातोश्री बुलाकर बैठक करने के पश्चात फाइव स्टार होटल ललित में रखे हुईं हैं।कांग्रेस विधायकों को लेकर चर्चा है कि उनको मध्यप्रदेश के भोपाल,छिंदवाड़ा या फिर राजस्थान भेजा जा सकता है क्योंकि दोनों राज्यों में काँग्रेस की सरकार है।
कहा जा रहा है कि चाचा ने भतीज़े के ऊपर किसी भी कार्रवाई से पहले मौका देते हुए एनसीपी प्रमुख ने अजित पवार के पास तीन नेताओं को भेजकर उनको डिप्टी सीएम पद से इस्तीफ़ा देकर वापस लौटने को कहा किन्तु अजित पवार ने चाचा की बात नही मानी जिसपर उनको विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया गया है।
एनसीपी चीफ़ शरद पवार व शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने दिन में वाईबी चह्वाण सेंटर पर मीडिया से बात की लेकिन ये मथने वाली बात रही कि एक साथ रहने के दम भरने वाली कांग्रेस ने एनसीपी शिवसेना की प्रेस कान्फ्रेंस से दूरी बनाए रखी व अलग से उनके दिल्ली से आये नेता अहमद पटेल,मल्लिकार्जुन खड़गे,के सी वेणुगोपाल के साथ राज्य स्तरीय नेताओ ने भी मीडिया को सम्बोधित किया।
पवार ने कहा कि शिवसेना एनसीपी कांग्रेस एकजुट है और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनेंगे व इनके नेतृत्व में सरकार बनेगी।
उनके पास बहुमत साबित करने के आंकड़े नही है हम लोग बहुमत भी साबित करेंगे व सरकार भी चलेगी।उद्धव ठाकरे ने लोकतंत्र का मज़ाक बनाने का आरोप बीजेपी पर लगाते हुए चुनौती दी कि शिवसेना के विधायकों को तोड़ कर दिखाए।
जबकि कांग्रेस ने बीजेपी पर सत्ता की शक्तियों का दुरुपयोग कर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया।पटेल ने कहा कि आज का दिन काली स्याही से लिखना चाहिए।