★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★

{रक्षामन्त्री ने कहा इस फैसले से सर्वधर्म सद्भाव की बात साबित होती है तो मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा फैसले का स्वागत करते हैं, दशकों पुराने विवाद का हुआ अंत}
[सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड व शिया वक़्फ़ बोर्ड ने कहा स्वागत योग्य फैसला तो अजमेर दरगाह के शाही इमाम ने कहा कानून का सम्मान ही इस्लामिक शिक्षा है]
(काँग्रेस ने फैसले जा स्वागत कर किया भाजपा पर कटाक्ष मुद्दे का राजनीतिकरण करने का दरवाजा बन्द तो विधायक रवि राणा ने कहा फैसले का सभी करे सम्मान)
♂÷देश के सबसे बड़े रामजन्मभूमि व बाबरी मस्जिद विवाद मामले पर उच्चतम न्यायालय की तरफ से दिए गए फैसले के बाद सभी दलों के राजनेताओं,धर्मगुरुओं की प्रतिक्रियाएं लगातार आ रही हैं।
इस बीच रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए लोगो से सर्वभाव सद्भाव बनाये रखने की अपील की तो दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी बयान दिया की दशकों पुराने विवाद का अंत हुआ जबकि अजमेर शरीफ़ के शाही इमाम ने भी फैसले पर कहा कि क़ानून का सम्मान करना इस्लामिक शिक्षा है, हमको एकता का संदेश दुनिया को देना है।
शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि विवादित जमीन रामलला की है, तीन पक्षों में ज़मीन बांटने का इलाहाबाद हाईकोर्ट का फ़ैसला तार्किक नही था,सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को 5 एकड़ की वैकल्पिक ज़मीन दी जाए।
इस मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि हम अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं इस फैसले के आने के बाद दशकों पुराने विवाद का अंत हुआ। केजरीवाल ने लोगों से शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने की भी अपील की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अजमेर दरगाह ने किया स्वागत, कहा- कानून का सम्मान करना इस्लामी शिक्षा है।
यही नहीं इस मामले पर कांग्रेस की तरफ से भी प्रतिक्रिया जाहिर की गई है।कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले पर बयान देते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है, हम राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैंइस फैसले ने न केवल मंदिर के निर्माण के लिए दरवाजे खोले बल्कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए भाजपा और अन्य लोगों के लिए दरवाजे भी बंद कर दिए।
सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने कहा कि हम फैसले का स्वागत करते हैं,कोर्ट ने हमे 5 एकड़ ज़मीन देने को कहा है उसमें भव्य मस्ज़िद का निर्माण हो सकता है, इतने बड़े क्षेत्र में मस्जिद देश में कहीं और नही है इसलिए ये ख़ुशी की बात है। अजमेर दरगाह के शाही इमाम ने भी बयान जारी कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। दरगाह के इमाम ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है हमें दुनिया में एकता का संदेश देना होगा,साथ ही उन्होंने कहा कि कानून का सम्मान ही मूल इस्लामी शिक्षा है। इस विवाद का अंतत: अंत हुआ और हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं साथ ही उन्होंने लोगों से शांति व सौहार्द बनाए रखने की अपील की।
वहीं इस मामले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस फैसले को एतिहासिक बताते हुए कहा कि इस फैसले को सभी को स्वीकार करना चाहिए साथ ही शांति का माहौल भी बनाए रखना चाहिए। रक्षा मन्त्री ने कहा कि इस फैसले से सर्व धर्म सद्भाव की बात साबित होती है।
उत्तर प्रदेश शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में शिया बोर्ड की अपील ख़ारिज हुई कोई बात नही किन्तु ये फैसला स्वागत व बधाई योग्य है,बोर्ड पहले से कहता रहा है कि भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण हेतु ज़मीन दी जानी चाहिए।
रिज़वी ने लोगों से फैसले का सम्मान करने की बात कहते हुए सभी से शांति बनाए रखने की अपील की।
उधर महाराष्ट्र के बड़नेर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रविन्द्र राणा ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत करते हुए इसे सभी पक्षों को स्वीकार करने की अपील की है।
विधायक ने आगे कहा कि शताब्दियों पुराने इस विवाद से देश ने बहुत कुछ गवाएं हैं, आज उच्चतम न्यायालय ने बेहतर फ़ैसला दिया है जिसका हम स्वागत करते हैं और लोगो से अपील करते हैं कि भाईचारा व धार्मिक सद्भाव आपस मे बनाये रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करें।