★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कांग्रेस नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा कि डर की वजह से काँग्रेस अध्यक्ष की तलाश पूरी नही हो पाई}
[सांसद शशि थरूर ने भी दीक्षित की बात का समर्थन करते हुए कहा कि यही बात दबी ज़ुबान से देशभर के पार्टी नेता कह रहे हैं, कराया जाए काँग्रेस नेतृत्व का चुनाव]
(कई चुनावों के साथ दिल्ली के चुनाव में मिली बुरी हार से गांधी परिवार के लीडरशीप पर उठ रहे है पार्टी में बगावती सुर आगे घमासान मचना तय)
♂÷कांग्रेस पार्टी की एक के बाद एक चुनावों में हो रही दुर्दशा को लेकर पार्टी के दिग्गज नेताओं ने भी आवाज उठानी शुरू कर दी है। पूर्वी दिल्ली के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कांग्रेस नेतृत्व को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस के कई बड़े नेता डरते हैं, यही वजह है कि कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश नहीं हो पाई है, डर की वजह यह है कि आखिर कौन बिल्ली के गले में घंटी बांधे।संदीप दीक्षित के बयान को समर्थन करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी नेता शशि थरूर ने सुर में सुर मिलाया है।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया।हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर खाता नहीं खोल सकी और बुरी तरह से पराजित हुई जिससे पार्टी में घमासान मचा हुआ है।
केरल से सांसद शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘जो बात संदीप दीक्षित ने खुलकर कही है, वही बात पूरे देश भर से पार्टी के नेता दबी जबान में कह रहे हैं और इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो पार्टी में अहम पदों पर बैठे है।’ थरूर ने कहा कि वह कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) से फिर से अपील करते हैं कि वह कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार करने के लिए और मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व का चुनाव कराए।
संदीप दीक्षित ने कहा कि वर्तमान में कांग्रेस के पास सबसे बड़ी और मुश्किल चुनौती एक अध्यक्ष की नियुक्ति है।इतना समय बीत जाने पर भी कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर पाई है। कांग्रेस के कई बड़े नेता डरते हैं, यही वजह है कि कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश नहीं हो पाई है, डर की वजह यह है कि आखिर कौन बिल्ली के गले में घंटी बांधे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कम से कम 6-8 नेता हैं, जो नेतृत्व करने में सक्षम हैं, साथ ही यह भी कहा कि कभी-कभी आप निष्क्रियता चाहते हैं क्योंकि आप एक निश्चित कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं।
संदीप दीक्षित ने कहा, ‘मैं वास्तव में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से निराशा महसूस कर रहा हूं. उन्हें आगे आना चाहिए। इनमें से ज्यादातर राज्यसभा में हैं, कुछ तो पूर्व मुख्यमंत्री हैं और कुछ राज्यों में मुख्यमंत्री भी हैं, जो इस जिम्मेदारी को निभा सकते हैं,ये लोग आगे आएं और पार्टी के लिए कुछ साबित करें।दीक्षित ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि कभी-कभी आप निष्क्रियता को पसंद करते हैं, क्योंकि आप नहीं चाहते कि कुछ होना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें राहुल गांधी के अध्यक्ष न बनने के फैसले का स्वागत करना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि किस तरह भूपेंद्र सिंह हुड्डा और शीला दीक्षित को राज्यों का नेतृत्व करने के लिए लाया गया था।उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी अपने अच्छे नेताओं का इस्तेमाल ही नहीं करेगी। राहुल के अध्यक्ष पद से इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा कि किसी नेता पर उंगली उठाना आसान है, लेकिन बाकी 30-40 और 50 नेता क्या कर रहे हैं,यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप लोगों को जोड़ें, लोगों को साथ लाएं और कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुनें।
