★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{उत्तर भारतीयों के बड़े नेता माने जाते हैं कृपाशंकर सिंह,CM फडणवीस के साथ की फ़ोटो दिखने के बाद चर्चा हुई फ़िर तेज}
[सिंह के गृहराज्यमंत्री व मुम्बई अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान हुए प्रत्येक चुनाव में उत्तरभारतीयों का थोक वोट मिलते रहा काँग्रेस को]
(संजय निरुपम के असफ़ल होने पर राहुल गांधी ने मिलिन्द देवड़ा को बनाया है मुम्बई प्रदेश अध्यक्ष तो बीजेपी ने भी बिल्डर विधायक लोढ़ा को सौंपा अध्यक्ष पद)

♂÷एक बार फ़िर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ कृपाशंकर सिंह की फ़ोटो सामने आने के पश्चात ऐसी चर्चा चल रही है कि कांग्रेस नेता कृपा शंकर सिंह काँग्रेस का हाथ झटक कमल थाम सकते हैं।
आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है इसी बीच मुंबई के बड़े कांग्रेस नेता व पूर्व गृहराज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह को भी लेकर चर्हीअफ़वाहों का बाज़ार गर्म हो उठा है।
दरअसल, कृपाशंकर सिंह के घर गणपति दर्शन करने पहुंचे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की फोटो सामने आने के बाद से एक बार पुनःचर्चा होने लगीं है कि क्या महाराष्ट्र के उत्तर भारतीयो के बड़े नेताओं में शुमार पूर्व गृहराज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी का साथ पकड़ सकते हैं।
दरअसल पिछले तीन सालों से कृपाशंकर सिंह के बीजेपी में जाने की खबरें लगातार आ रही हैं लेकिन फिलहाल कृपाशंकर सिंह कांग्रेस में बने हुए हैं लेकिन माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कृपाशंकर सिंह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
विधानसभा चुनाव हारने के बाद जिस तरीके से काँग्रेस में गुटबाज़ी के चलते महाराष्ट्र के कुछ बड़े नेताओं के द्वारा कृपाशंकर सिंह को काँग्रेस की राजनीति में अप्रासंगिक किये जाने की कोशिशें लगातार जारी रही है। उत्तर भारतीय कृपाशंकर सिंह के साथ मजबूत लगाव व लोकप्रियता के चलते काँग्रेस का हाथ पकड़े रहे जिसके परिणामस्वरूप कुछ वर्षों पूर्व तक चाहे वह गृहराज्यमन्त्री रहे हो या फिर मुम्बई प्रदेश अध्यक्ष उत्तर भारतीयों ने प्रत्येक चुनाव चाहे वह लोकसभा, विधानसभा रहा हो या फिर कारपोरेशन का सभी मे काँग्रेस पार्टी ने दमदार प्रदर्शन किया।
दरअसल, मुंबई में कई सारे उत्तर भारतीय नेता तमाम पार्टियों में हैं किन्तु आज भी यह अकाट्य सत्य है कि कृपाशंकर सिंह की छवि व लोकप्रियता उत्तर भारतीयों में इन नेताओं से ज्यादा ही मजबूत है। कृपाशंकर सिंह उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जिले जौनपुर से आते हैं जो कि पूर्वांचल में आता है और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा उत्तर भारतीयों में उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और बिहार के लोग हैं।ऐसे में कृपाशंकर सिंह के उत्तर भारतीय अंदाज में बातचीत के साथ-साथ अवधी और भोजपुरी बोलने के कारण लोग कृपाशंकर सिंह के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं तो वहीँ सिंह मराठी गुजराती भाषाओं में भी लोगो से बेहतर तालमेल बिठा लेते हैं।
इन्हीं सब वजह से कृपाशंकर सिंह अभी भी उत्तर भारतीयो में अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं।एक बार फिर अब मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ फोटो सामने आते ही चर्चाओं को पर लग गए है।ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक अंदाजा लगा रहे हैं कि आने वाले कुछ दिनों में महाराष्ट्र काँग्रेस के दिग्गज उत्तर भारतीय नेता कृपाशंकर सिंह भी कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी का कमल थाम सकते हैं।
विदित हो कि काँग्रेस हाईकमान ने बिहार से आने वाले संजय निरुपम को भी मुम्बई प्रदेश अध्यक्ष बनाकर उत्तर भारतीयों को पार्टी में बनाये रखने के लिए प्रयास किये किन्तु शिवसेना से राजनीति की शुरुआत करने वाले निरुपम उत्तर भारतीयों को कृपाशंकर सिंह की तरह काँग्रेस से जोड़े रखने में कामयाब नही रहे,जिसका परिणाम ये रहा कि मुम्बई में उत्तर भारतीयों ने काँग्रेस के इतर बीजेपी शिवसेना में अपने हित देखने लगे।
बीजेपी ने भी इन दौरान उत्तर भारतीयों को अपने पाले में खीचने के लिए पार्टी में तमाम उत्तर भारतीय नेताओं को बढ़ावा देना शुरू किया,विद्या ठाकुर को राज्यमन्त्री बनाया तो कुछेक को राज्यमंत्री का दर्ज़ा दिया,संस्थाओं में महत्वपूर्ण पद पर लाया।
स्मरण हो कि पूर्व काँग्रेसअध्यक्ष राहुल गाँधी ने असफ़ल साबित हुए संजय निरुपम को हटाकर बालसखा पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिन्द देवड़ा को मुम्बई प्रदेश अध्यक्ष बनाया तो बीजेपी ने भी बड़े बिल्डरों में शुमार विधायक मंगल प्रताप लोढ़ा को मुम्बई अध्यक्ष बनाकर मिलिन्द देवड़ा की प्रांतीय राजनीति को कमतर करने का काम किया है।