★दीपनारायण सिंह★
★केराकत(जौनपुर)★
{स्टेशन पर न तो पेयजल न ही पँखे की है व्यवस्था,यात्रियों के दुश्वारियों का नही दिख रहा अन्त}
♂÷गर्मी का मौसम इस कदर हावी हो गया है कि मानो पारा सातवें आसमान पर जा पहुंचा लोग चिलचिलाती धूप में सफर करने से बच रहे हैं लेकिन लग्न मुहूर्त का समय होने के कारण आवश्यक कारणों से लोगों को सफर करना पढ़ रहा है। ऐसे में बसों व रेलगाड़ियों में अच्छी खासी भीड़ देखी जा रही है। लोग चिलचिलाती धूप में भी सफर कर रहे हैं लेकिन केराकत स्टेशन पर बैठे यात्रियों को अत्यंत परेशानियां झेलनी पड़ रही है। चिलचिलाती धूप में बैठे यात्री रेलगाड़ी की राह जोहते हुए मुरझाए समय व्यतीत करते हैं। इस स्टेशन पर ना तो पेयजल की व्यवस्था है ना ही पंखे और ना ही विश्रामालय।2 हेडपंप है जिसमें से एक बिगड़ा रहता है और एक आज तक नहीं बना ऐसे में यात्रिय को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। लोगों को प्यासा हलक लेकर ही शासन प्रशासन को कोसते देखा जा रहा है। पर शासन प्रशासन है कि अपने कानों में तेल डाले बैठा हुआ है।
स्टेशन पर शौचालय तो मानो भूतिया हुआ है। बच्चे शौचालय में जाने से भी डर जाते हैं। इसीलिए शायद केराकत स्टेशन के इर्द-गिर्द लोग लघुशंका करते दिखाई देते हैं।