★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★

{हुवेई प्रान्त के वुहान शहर से फैले जानलेवा कोरोना वायरस ने चीन के साथ दुनिया के 25 देशों में पसारे पाँव,चीन में अब तक 636 कि हुई मौत}
[वुहान में 24 घण्टे जलाए जा रहे हैं कोरोना ग्रसित शवों को,कोरोना वायरस की खोज करने वाले डॉक्टरों की भी हुई मौत]
(हुवेई प्रान्त के 5 करोड़ नागरिकों को चीन सरकार ने घरों से निकलने पर लगाई रोक,विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसको लेकर घोषित किया वैश्विक आपातकाल)
[दो दिन पहले ही भारत ने चीन से 323 भारतीय व 7 मालदीव के नागरिकों को एयर इंडिया के विमान भेज किया था एयरलिफ्ट, जांच के बाद सभी पाए गए थे सामान्य]
♂÷चीन इस वक्त जानलेवा कोरोना वायरस की चपेट में हैं। यहां ये वायरस वुहान के एक सी-फूड बाजार से फैलना शुरू हुआ था। जो धीरे-धीरे चीन के बाकी हिस्सों और दुनिया के करीब 25 देशों तक जा पहुंचा है। चीन के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक मरने वालों की संख्या 636 पहुंच गई है। जबकि 31,161 लोग इससे संक्रमित हैं। ये संख्या रोजाना बढ़ती जा रही है लेकिन इस संख्या पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।कहा जा रहा है कि मरने वालों की तादात हज़ारों में पहुँच चुकी है और स्थिति बेहद भयावह है।
उधर दो दिन पूर्व ही भारत सरकार ने चीन से 323 भारतीय नागरिक व 7 मालदीव के नागरिकों को एयर इंडिया के दो विमानो के जरिये एयरलिफ्ट किया था,जांचोपरांत सभी लोग ठीक पाए गए हैं।
इस बीच डेली मेल, डेली स्टार और कुछ अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि वुहान शहर में 24 घंटे कोरोना से मरने वालों के शवों को जलाया जा रहा है। सरकार ने शवों को दफनाने और सार्वजनिक तौर पर अंतिम संस्कार पर रोक लगा दी है। यहां शमशान में काम करने वाले लोगों को बिना किसी ब्रेक के 24 घंटे शव जलाने का काम दिया गया है। जानकारी के मुताबिक 28 जनवरी के बाद से रोजाना 100 शवों को जलाने के लिए यहां भेजा जा रहा है। इससे माना जा रहा है कि मरने वालों की संख्या सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक है।
शवों को जलाए जाने का दावा करने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं। इनमें एक तस्वीर में वुहान शहर का आसामान धुंए से ढंका दिख रहा है। वहीं कुछ तस्वीरें सैटेलाइट से ली गई हैं। इनसे भी इस बात की पुष्टि हो रही है कि चीन शवों को जला रहा है। वुहान के इस शमशान में काम करने वाले एक कर्मचारी का कहना है कि उन्हें बिना किसी ब्रेक के लगातार शवों को जलवाया जा रहा है। हालांकि इन लोगों को खास तरह के कपड़े पहनाए गए हैं, ताकि वह शवों के निपटान के दौरान खुद को सुरक्षित रख सकें। ये कर्मचारी अपने घर भी नहीं जा पा रहे हैं। इनमें कुछ कर्मी अस्पताल से निजी घरों तक शवों को पहुंचाने का काम भी कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रोजोना करीब 100 शव लाए जा रहे हैं, वह वुहान के तीन मुख्य अस्पतालों, कुछ छोटे अस्पतालों और कुछ निजी घरों से लाए जा रहे हैं। ये हाल केवल एक शमशान का नहीं है, बल्कि सभी का है। यहां काम करने वाले एक अन्य कर्मचारी का कहना है, ‘हमें जो सूट दिए गए हैं, उनकी वजह से हम ना खाना खा पा रहे हैं और ना ही पानी पी पा रहे हैं। जब भी हमें कुछ खाना-पीना हो या फिर बाथरूम जाना हो, तो सूट उतारना पड़ता है। उपयोग किए जाने के बाद सुरक्षात्मक सूट को दोबारा नहीं पहना जा सकता है।’
हैरान करने वाली बात ये भी है कि जिनके शवों को जलाया जा रहा है, उनके परिजन उन्हें आखिरी बार भी नहीं देख पा रहे। यही वजह है कि शवों को अस्पताल से सीधा शमशान लाया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अन्य देशों में बीमारी को फैलता देख वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है। कई देशों की सरकार ने चीन से अपने नागरिकों को निकाल लिया है और चीन से आने और जाने वाली उड़ानों को भी रद्द कर दिया गया है। हालांकि डब्लूएचओ ने इसे अभी तक महामारी घोषित नहीं किया है।
माना जा रहा है कि ये बीमारी दिसंबर माह में वुहान के एक बाजार से फैलनी शुरू हुई थी। जहां जानवरों का मीट बेचा जाता है। क्योंकि लोग जनवरी में नए साल पर काफी ट्रेवल कर रहे थे, तो बीमारी फैलती चली गई। चीन वायरस को रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है, जिसकी दुनिया के बाकी देश सराहना भी कर रहे हैं। इसी के तहत हुबेई प्रांत के लगभग 50 मिलियन से अधिक लोग अपने ही घरों में कैद होने को मजबूर हैं। इनसे बाहर निकलने को साफ मान किया गया है। बता दें वुहान शहर चीन के हुबेई प्रांत में ही स्थित है।