★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{शहीद के माता पिता की उपस्थिति में काव्यसंग्रह का लोकार्पण भारतीय मिट्टी की लिए है गन्ध कहा बुद्धिनाथ मिश्र ने}
[दैनिक जागरण मुम्बई के ब्यूरो इन चीफ़/नवगीतकार ओमप्रकाश तिवारी के द्वारा लिखे काव्यसंग्रह पुस्तक”माफ़ करना कौस्तुभ”का लोकार्पण हुआ मुम्बई प्रेस क्लब में]
(अन्त में दिवंगत हो चुके वरिष्ठ पत्रकार फ़िरोज अशरफ़ को आगतो ने मौन रह अर्पित किए श्रद्धासुमन)
♂÷शहीदों के परिजनों को हिम्मत नहीं हारना चाहिए हमारे साथ जीवन के संध्याकाल में ऐसा हादसा हुआ किंतु हमने उसे सकारात्मकता से लिया क्योंकि उसका कारण मेरी बहू और पोता है,अब हमें उनके लिए जीना है, कौस्तुभ पर हमें गर्व है वह हमें बहुत ऊंचाई देकर गया है।
उक्त विचार अमर शहीद मेजर कौस्तुभ राणे की मां ज्योति राणे ने गत दिनों मुंबई प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार व नवगीतकार दैनिक जागरण के मुंबई ब्यूरो इन चीफ ओमप्रकाश तिवारी की लिखित पुस्तक”माफ करना कौस्तुभ”के लोकार्पण कार्यक्रम में व्यक्त किया।विदित हो कि मेजर कौस्तुभ राणे आतंकवादियों से लड़ते हुए वर्ष 2018 में अपनी शहादत दे दी थी।
मेजर कौस्तुभ राणे के अप्रतिम बलिदान से प्रभावित होकर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करने के उद्देश्य से पत्रकार व गीतकार ओम प्रकाश तिवारी ने अपने लोकगीत संग्रह का नाम”माफ करना कौस्तुभ” रखा,जिनमें 60 कविताएं उनकी लेखनी ने पुस्तक में उतरी हैं जो राज्य समाज को झकझोर से डालते हैं इस पुस्तक के नवगीतों में उनके नाम का उपयोग एक प्रतीक के तौर पर सीमा पर तैनात निरंतर बलिदान दे रहे वीर सैनिकों के रूप में किया गया है।
मुंबई प्रेस क्लब में संपन्न इस कार्यक्रम में उक्त काव्य संग्रह का लोकार्पण मेजर कौस्तुभ राणे की मां ज्योति राणे ने करते हुए लिखित अपनी एक संवेदना युक्त कविता का पाठ कर किया,जिनकी पंक्तियां इस प्रकार हैं”धीरे धीरे मेरे आंगन में पतझड़ को लेकर उतरी शाम-आने वाले अंधेरे के डर से बैठ गई मैं दिल को थाम”।
समारोह के मुख्य अतिथि लब्ध प्रतिष्ठित गीतकार बुद्धिनाथ मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि जो हमारे समय का नायक हो उसके माता-पिता की उपस्थित में काव्य संग्रह का लोकार्पण न केवल भारतीय मिट्टी की गंध लिए हुए है बल्कि उसमें पवित्रता भी है। पुस्तक पर चर्चा करते हुए महाराष्ट्र राज्य हिन्दी अकादमी साहित्य के कार्याध्यक्ष शीतला प्रसाद दुबे ने कहा कि पुस्तक के गीत इंसानियत की तरफ ले जाकर मूल संवेदना से सम्बद्ध करते हैं, जिन विषयों पर लोग बोलने से कतराते हैं उन्हें ओम प्रकाश तिवारी ने बेहद संजीदगी से प्रस्तुत किया है।शायर देवमणि पांडे का मानना था कि नवगीतकार के रूप में ओम प्रकाश तिवारी ने सम्मोहित किया है, तुकांत कविता में भी अभिव्यक्त सहज हो सकती है यह उनके गीतों से पता चलता है। प्रारंभ में गीतकार रासबिहारी पांडे ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
संस्था का परिचय देते हुए महासचिव डॉ अनंत श्रीमाली ने कहा श्रुति संवाद बहुत सीमित साधनों में उत्कृष्ट कार्य कर रही है और विशेष कार्य हाथ में लिया है व आतंकवाद के विरुद्ध”शब्द युद्ध” छेड़ रखा है। संचालन करते हुए वरिष्ठ गीतकार अरविंद राही ने गीतों के कई उदाहरण देते हुए ओमप्रकाश तिवारी के द्वारा दैनिक जागरण समाचारपत्र में प्रतिदिन उनके लिखे स्तंभ जनपथ और कुंडलियों का जिक्र किया।आगतों का स्वागत विजय सिंह और पत्रकार मणि तिवारी ने किया।
इस मौके पर मुंबई के टीवी पत्रकार जितेंद्र दीक्षित,डॉक्टर जवाहर कर्णावत,सांवरमल सांगानेरिया,हरि मृदुल,डॉक्टर वन्माली चतुर्वेदी,अमर तिवारी, रश्मि पटेल,डॉक्टर मुकेश गौतम, विमल मिश्र आदि बड़ी संख्या में पत्रकार,लेखक,कवि,साहित्यकार आदि उपस्थित रहे।
अंत में सभी आगतो ने पिछले दिनों सड़क दुर्घटना में दिवंगत हो चुके वरिष्ठ पत्रकार फिरोज अशरफ को श्रद्धांजलि दी।