★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{शिवसेना प्रमुख ने कहा कि शरणार्थियों को कहा रखोगे,किस राज्य में रहेंगे सारी बाते साफ होने पर ही करेगे समर्थन}
[मुख्यमंत्री ठाकरे ने बीजेपी पर तंज कसा की जो कोई असहमत होता है वह देशद्रोही होता है यह बीजेपी का भरम है,बिल पर हमने दिए हैं सुझाव]
(काँग्रेस एनसीपी बिल का कर रही विरोध,लोकसभा में समर्थन के बाद महाराष्ट्र में दोनों के बूते सरकार चला रहे उद्धव ठाकरे सहयोगियों की नाराज़गी से ले रहे यूटर्न)
♂÷महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नागरिकता संशोधन बिल पर लोकसभा में बिल का समर्थन करने के बाद अब राज्यसभा में समर्थन न करने की मंशा जताते हुए मोदी सरकार को घेरा है।ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि जब तक चीजें साफ नहीं हो जाती वो आगे इस बिल पर केंद्र सरकार का समर्थन नहीं करेंगे।
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘जो कोई असहमत होता है, वह देहद्रोही होता है, यह (बीजेपी) उनका भ्रम है यह एक भ्रम है कि केवल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को देश की परवाह है।हमने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर सुझाव दिया है,हम चाहते हैं कि इसे राज्यसभा में गंभीरता से लिया जाए। ये शरणार्थी कहां रहेंगे? किस राज्य में रहेंगे? यह सब स्पष्ट किया जाना चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘जब तक नागरिकता बिल पर चीजें साफ नहीं हो जातीं तब तक हम सपोर्ट नहीं करेंगे, गृह मंत्री ने सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश की, जो मैंने सुना है उन्होंने हालांकि हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया जब तक हमें अपने सवालों के जवाब नहीं मिल जाते, तब तक हम उन्हें राज्यसभा में समर्थन नहीं देंगे।
असल में, आज सुबह शिवसेना सांसद संजय राउत ने ही इसका संकेत दे दिया था कि उनकी पार्टी नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन नहीं करेगी।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि लोकसभा में बिल का समर्थन करने के बावजूद भी राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर हम अलग विचार कर सकते हैं राज्यसभा में शिवसेना के तीन सदस्य हैं।
अगर शिवसेना नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ वोट करती है तो मोदी सरकार का राज्यसभा में नंबर गेम बिगड़ सकता है। फिलहाल, मोदी सरकार के सपोर्ट में 119 सदस्य हैं, जबकि विपक्ष में 100 सदस्य हैं,शिवसेना को जोड़ ले तो यह आंकड़ा 103 हो जाता है 19 राज्यसभा सदस्यों का रुख साफ नहीं है।
फ़िलहाल शिवसेना के इस यूटर्न के पीछे ये माना जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार की ठाकरे सरकार एनसीपी काँग्रेस के समर्थन वाली बैशाखी पर टिकी है और कांग्रेस एनसीपी नागरिकता संशोधन बिल व एनआरसी के मुद्दे पर सरकार का सदन से लेकर संसद तक विरोध कर रही है ऐसे में मुख्य सहयोगी शिवसेना के द्वारा लोकसभा में CAB का समर्थन करने से दोनो दल असहज हो गए थे।