★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{शुक्रवार की भोर में एयरफ़ोर्स की एयर स्ट्राइक में ईरान समर्थित आतंकियों के भारी सँख्या में मारे जाने की आशंका,आतंकी अड्डे भी हुए तबाह}
[रक्षामन्त्री जनरल लॉयड ऑस्टिन पहले ही कर चुके हैं एलान की अमेरिकी हितों को नुकसान पहुँचाने की साज़िश कामयाब नही होने देंगे]
(सीरिया में आतंकी गुटों का इस्तेमाल सीरियाई सरकार और सेना करती है, यहीं से इराक़ में मौजूद अमेरिकी सैनिकों को बनाया जाता है निशाना)
♂÷अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी अपने पूर्ववर्ती शासकों के नक़्शेक़दम पर चलते हुए आतंकियों को कत्तई बख़्शने के मूड में नहीं हैं।
आज शुक्रवार को तड़के ही अमेरिकी एयर फ़ोर्स ने सीरिया पर जबरदस्त बमबारी कर ईरान समर्थित आतंकियों के अड्डे को तबाह कर दिया है।जिसमें कई आतंकियों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।

20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले जो बाइडेन ने पहला मिलिट्री एक्शन लिया है। शुक्रवार तड़के अमेरिकी एयरफोर्स ने सीरिया पर हमला किया है। यह बमबारी सीरिया के उन क्षेत्रों पर की है जो ईरान समर्थित आतंकी गुटों के कब्जे में है।मालूम हो कि दो हफ्तों में दो बार इराक में अमेरिकी एयरबेस पर रॉकेट दागे गए थे। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि अमेरिकी एयरस्ट्राइक में आतंकी गुटों को कितना नुकसान हुआ है।
एयरस्ट्राइक के बाद CNN से बातचीत में एक अमेरिकी अफसर ने कहा कि हमले में कई आंतकी मारे गए हैं,उन्हें काफी नुकसान हुआ है। सीरिया के आतंकी अड्डे तबाह हो गए हैं। हमारे रक्षा मंत्री जनरल लॉयड ऑस्टिन पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाने की साजिश कामयाब नहीं होने देंगे
विदित हो कि सीरिया में ईरान के आंतकी गुटों के कई ठिकाने हैं, इनका इस्तेमाल सीरियाई सरकार और सेना करती है। यहीं से इराक में मौजूद अमेरिकी सैनिकों को भी निशाना बनाया जाता है।
ईरान सरकार ने हमेशा इस तरह के हमलों में अपना हाथ ना होने की बात कही है। अमेरिका का दावा है कि ईरान की मदद के बिना इन्हें अंजाम देना नामुमकिन है। अमेरिका और ईरान के बीच पहले ही तनाव चल रहा है। ईरान अपना एटमी हथियार प्रोग्राम तेजी से बढ़ा रहा है। इस हमले को लेकर अमेरिका ने माना है कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है।