★मुकेश सेठ★
★मुंबई★
{बीजेपी विधायक दल नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विधानसभा के इतिहास में ऐसा नही हुआ कि स्पीकर के चुनाव के पहले ही सदन में पेश किया गया हो विश्वासमत}
[फडणवीस ने सत्तापक्ष पर बोला हमला की तीनों दलों के विधायकों ने शपथ के दौरान संविधान से पहले लिया अपने नेताओं का नाम]
(महाविकास आघाड़ी की तरफ़ से पहले कालीदास कोलम्बर को प्रोटेम स्पीकर किया गया था नियुक्त तो फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले बनाया वालसे पाटिल को प्रोटेम स्पीकर)

♂÷पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में हंगामा कर नारेबाज़ी करते हुए विश्वास मत परीक्षण के दौरान बहिर्गमन कर दिया।
महाविकास आघाड़ी की उद्धव ठाकरे सरकार ने सदन में 169 विधायकों का समर्थन हासिल कर बहुमत साबित कर दिया है।
महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संबोधन के दौरान प्रोटेम स्पीकर के मुद्दे को लेकर BJP विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी।विपक्षी दल के विधायकों ने ‘दादागिरी नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए सदन वेल में पहुंच गए।उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में गठबंधन सरकार की ओर से बहुमत साबित करने से पहले ही बीजेपी ने सदन का बहिष्कार कर दिया।
इस हंगामे के बीच प्रोटेम स्पीकर दिलीप वाल्से पाटिल ने कहा कि वह राज्यपाल के आदेशानुसार विधानसभा का सत्र चला रहे हैं। वहीं, पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि विधानसभा के विशेष सत्र की जानकारी उन्हें रात 1 बजे दी गई और विधानसभा की कार्यवाही भी नियमानुसार नहीं चलाई गई। देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा सदस्यों को संविधान के अनुसार शपथ न दिलाने की भी बात कही है। बता दें कि इससे पहले महाविकास अघाड़ी की ओर से कालीदास कोलंबर को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया था और फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले वाल्से पाटिल को नया प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया।
भाजपा ने स्पीकर की नियुक्ति के बाद ही फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। मांग पूरी न होने पर बीजेपी विधायकों ने सदन में पहले हंगामा किया और बाद में सदन की कार्यवाही का ही बहिष्कार कर दिया. इस तरह बीजेपी फ्लोर टेस्ट में शामिल नहीं होगी।देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विधानसभा का नया सत्र बुलाने के लिए समन की जरूरत होती है. उन्होंने विधानसभा सदस्यों के शपथ को भी गलत बताया है।महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि तीनों दलों के विधायकों ने सदन की सदस्यता के लिए शपथ लेते वक्त अपने-अपने नेताओं का नाम लिया। फडणवीस ने कहा कि विधानसभा के इतिहास में आज तक ऐसा नहीं हुआ कि स्पीकर के चुनाव के पहले ही विश्वासमत को लेकर सदन में प्रस्ताव पेश किया गया है।