★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{35 साल से पत्नी बेटे ने ख़त्म कर रखा है रिश्ता,कलेक्टर ने वृद्धाआश्रम पहुँच मनाया शैलेंद्र शर्मा का जन्मदिन}
[एक बार मिलने गए घर तो बेटे ने कर दिया दरवाजे से बाहर शैलेंद्र को,अब कहते है वृद्धाश्रम ही है उनका घर परिवार]
♂÷मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के वृद्धाश्रम में रह रहे शैलेंद्र शर्मा पूरे समय खुश नजर आए। उनका जन्मदिवस कलेक्टर की मौजूदगी में पूरे धूमधाम के साथ मनाया गया, लेकिन जब उनहोंने खुशी के पीछे छिपे दर्द को बयां किया तो सभी की आंखों में आंसू आ गए। दरअसल शैलेंद्र सिंह की पत्नी और बेटा उनसे संबंध खत्म कर चुके हैं। पिछले 35 वर्षों से उनके बीच कोई रिश्ता नहीं है। एक बार वह उनके मिलने गए थे तो बेटे ने घर से निकाल दिया।
शैलेंद्र बताते हैं कि बचपन से ही उनके रिश्ते बनने-बिगड़ते रहे हैं। बचपन में भाई ने तीर-कमान चलाकर उनकी एक आंख खराब कर दी। शादी के बाद पत्नी को पढ़ाया-लिखाया, नौकरी के काबिल बनाया, लेकिन उसने भी उसने संबंध खत्म कर लिए। उनका कहना है कि अब यही उनका घर है और यहां रहने वाले लोग उनका परिवार है।
उल्लेखनीय है कि वृद्धाश्रम में शनिवार को नजारा बदला हुआ था। हंसी-मजाक और ठहाकों के बीच गीत-संगीत का दौर चल रहा है। सभी के चेहरे जहां खुशियों से चमक रहे थे, वहीं ठहरे पानी सा सुकून भी नजर आ रहा है। जिला प्रशासन की पहल पर यहां रह रहे 74 साल के बुजुर्ग शैलेंद्र शर्मा ने अपने जीवन का पहला बर्थ-डे सेलीब्रेट किया। जब कलेक्टर ने उनको केक खिलाया तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।
कार्यक्रम के दौरान चर्चा में यह सामने आया कि वृद्धाश्रम शब्द ठीक नहीं लग रहा है। इसका नाम बदलना चाहिए। इसी बीच कलेक्टर ने सुझाव दिया कि अब इसे वृद्धाश्रम नहीं अपना घर कहा जाएगा। उन्होंने जल्द से जल्द बाहर बोर्ड बदलवाने के निर्देश भी दिए। इस मौके पर 5 बुजुर्गों को चश्मे भी बांटे गए।