★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{लगभग नौ महीने से लद्दाख़ क्षेत्र में जारी भारत चीन सीमा पर सेनाओं की तैनाती अब वापसी में बदली,सरकार व सेना की सख़्ती ने उखाड़े चीन के पांव}
[चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा सम्बद्ध प्रक्रिया सम्पूर्ण रूप से चल रही है, हमे उम्मीद है कि दोनक पक्ष सुगमता से लक्ष्य को हासिल करने के लिए सम्मिलित प्रयास करेंगे]
(काँग्रेस लीडर राहुल गांधी व बीजेपी सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी सरकार पर सवाल उठा चुके हैं कि जब चीनी सेना भारतीय क्षेत्र में घुसी नही तो वापसी कैसी)
♂÷लगभग नौ महीने से चीनी सेना की आंखों में आँख डाले भारतीय सेना के जाबांजो के बूते मोदी सरकार की सफ़ल विदेश नीति व कूटनीति के योगदान से चीनी सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है।
चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात चीन और भारत के सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया सुगमता से जारी है। साथ ही, यह उम्मीद जताई कि दोनों देश लक्ष्य को हासिल करने के लिए साथ मिलकर प्रयास करेंगे।
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता एवं वरिष्ठ कर्नल वु कियान ने 10 फरवरी को एक संक्षिप्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह घोषणा की थी कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी एवं उत्तरी किनारों पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात चीन और भारत के सैनिकों ने साथ-साथ तथा व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया में हुई प्रगति के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘संबद्ध प्रक्रिया संपूर्ण रूप से सुगमता से चल रही है। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष लक्ष्य को हासिल करने के लिए सम्मिलित प्रयास करेंगे।’’
हुआ ने कहा, ‘‘हमारी कई दौर की वार्ताओं में बनी सहमति के मुताबिक, अग्रिम मोर्चे के सैनिकों ने दोनों ही ओर साथ-साथ और व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष सैनिकों की पूर्ण वापसी की प्रक्रिया सुगमतापूर्वक सुनिश्चित करने के लिए हमारे (दोनों देशों के) बीच बनी सहमति और हमारे बीच हुए समझौतों को ध्यान में रखेंगे।’’
सैनिकों की वापसी की समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसकी कोई निश्चित समय सीमा से अवगत नहीं हूं। आप सेना से पूछ सकते हैं।’’
गौरतलब है कि नौ महीनों तक पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बने रहने के बाद, दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों से पीछे हटने के समझौते पर पहुंची हैं। यह समझौता दोनों देशों के अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों के चरणबद्ध , समन्वित और सत्यापित किये जा सकने वाले तरीकों से पीछे हटने का प्रावधान करता है।
भारतीय थल सेना ने मंगलवार को कुछ छोटे वीडियो और तस्वीरें जारी की थी। इनमें पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो (झील) के आसपास के स्थानों से चीनी सेना द्वारा अपने सैनिकों की संख्या में कम किये जाने और उसके द्वारा अपने बंकर, शिविर और अन्य सुविधाओं को नष्ट करते देखा जा सकता है।
वीडियो में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) द्वारा कुछ संरचनाओं को समतल करने के लिए बुलडोजर का उपयोग करते हुए दिखाया गया है। साथ ही, इसमें चीन के सैनिकों को उपकरण, वाहनों के साथ पीछे हटने की तैयारी करते भी दिखाया गया है।
सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पिछले हफ्ते बुधवार को शुरू हुई थी।
उधर देश मे मोदी सरकार पर राहुल गाँधी व उनकी काँग्रेस पार्टी लगातार सवाल उठाती रही जब चीन भारतीय सीमा में घुसा ही नही था तब वापसी कैसे हो रही है तो यही सवाल पिछले दिनों बीजेपी के राज्यसभा सदस्य व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने भी अपनी सरकार से पूछा था।