★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{बैंक ऑफ इंडिया सुलेमसराय शाखा से 4.25 करोड़ की धनराशि गायब होने की जानकारी होते ही मचा हड़कम्प}
[आंतरिक लेखा परीक्षण की रिपोर्ट में आने के बाद पुलिस ने दर्ज़ किया चेस्ट करेंसी अधिकारी समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज़]
♂÷प्रयागराज शहर के बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा से 4.25 करोड़ रुपए गायब होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पता चला है कि बैंक की चेस्ट में रखे सवा चार करोड़ रुपए अधिकारी ने चोरी से निकाल लिए और उन पैसों को ब्याज पर उठाकर ऐश कर रहा था। तीन जुलाई को मामले की जानकारी बैंक मैनेजर को आंतरिक लेखा परीक्षण की रिपोर्ट आने के बाद हुई तो मामले में करेंसी चेस्ट अधिकारी समेत तीन के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। धूमनगंज पुलिस का कहना है कि जांच की जा रही है।
पुलिस के अनुसार, जांच के दौरान पता चला है कि बैंक चेस्ट के अधिकारी ने ही इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया है। दरअसल, यह पूरा मामला तब खुला जब बैंक ऑफ इंडिया सुलेमसराय शाखा के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक विवेक कुमार गुप्ता ने पुलिस को तहरीर दी और सवा चार करोड़ रुपए के घोटाले की शिकायत की। पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया है कि तीन जुलाई को करेंसी चेस्ट के आंतरिक लेखा परीक्षण के दौरान 4 करोड़ 25 लाख की अनियमितता पाई गई। इसकी जांच शुरू हुई तो पता चला चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम ने पूरी रकम में गड़बड़झाला किया है। उसे बैंक के से निकाल कर पैसा ब्याज पर बांट दिया है।
सवा चार करोड़ रुपए बैंक की चेस्ट से गायब हो जाने के बाद हड़कंप मचा तो जांच शुरू हो गई। आंतरिक लेखा परीक्षक की रिपोर्ट पर तत्कालीन करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम से पूछताछ की गई तो वह जांच अधिकारी को अपनी बातों में उलझा कर बरगलाता रहा। बार-बार पैसों के लिए बात बदलता रहा। पहले तो उसने जांच अधिकारी को बताया कि पैसे उसने ग्रामीण बैंक को दिए हैं। हालांकि, जब उससे ट्रांसफर भुगतान की रसीद मांगी गई तो वह कोई रसीद नहीं दिखा पाया। जब उससे ग्रामीण बैंक बैंक की ब्रांच का नाम बताने के लिए कहा गया तब भी वह इधर-उधर की बातें करता रहा। इससे यह साफ हो गया कि उसने इस पैसे का कहीं गड़बड़झाला किया है। कड़ाई से पूछताछ शुरू हुई तो धीरे-धीरे घोटाले की परतें खुलने लगीं।
जांच के दौरान अधिकारियों को जब यह पुख्ता हो गया कि चेस्ट अधिकारी द्वारा ही पूरे पैसों का घोटाला किया गया है, तब कानूनी कार्रवाई शुरू की गई और थाने में चेस्ट अधिकारी के विरुद्ध सवा 4 करोड़ रुपए का घोटाला करने की एफआईआर दर्ज करवाई गई। इसके बाद अधिकारी से कड़ाई से पूछताछ शुरू हुई तो पता चला उसने यह पूरी रकम एक व्यवसाई को दे दी है और अपने दोस्त की मदद से इन पैसों पर गैरकानूनी तरीके से ब्याज उठा रहा है। यानी उसने करोड़ों रुपए ब्याज पर बांट दिए थे और ब्याज के पैसों से ऐश कर रहा था। उसका पूरा काला चिट्ठा अब खुल गया है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है। मामले में पुलिस ने वरिष्ठ शाखा प्रबंधक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। जिसमें करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम, एसके मिश्र व संजू मिश्र पर धोखाधड़ी, कूटरचना और आपराधिक साजिश के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।