★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{जरूरत थी 10.5 करोड़ के चारे की तो फ़र्जी तरीके से 253.33 करोड़ की दिखाई ख़रीद कहा उपमुख्यमंत्री ने}
[बिहार विधानसभा में 22 साल बाद फ़िर गूँज उठा लालू राज का पशुपालन घोटाला, राजद ने किया विरोध]

♂÷बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बिहार विधानसभा में इस बात का किया खुलासा
पशुपालन घोटाला की गूंज 22 वर्षों बाद एक बार फिर राज्य की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा में सुनाई दी। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को सदन में बिहार विनियोग अधिकाई व्यय विधेयक, 2019 पेश करते हुए कहा कि तब 10.5 करोड़ के चारे की जरूरत थी और फर्जी तरीके 253.33 करोड़ की खरीद दिखा दी गई। घोटाले का आलम यह था कि केवल भैंसों के सींग में लगाने के लिए 15 लाख रुपये का 49 हजार 950 किलो सरसों का तेल की खरीद दिखा दी गई।
उपमुख्यमंत्री मोदी ने बताया कि 1990-91 से 1995-96 के बीच पशुपालन विभाग में 959 भेंड़, 5664 सुअर, 40 हजार 504 मुर्गी, 1577 बकरी के लिए छह जिलों रांची, चाइबासा, दुमका, जमशेदपुर, गुमला और पटना में 10.5 करोड़ के चारे की आवश्यकता थी, लेकिन खरीद दिखाई गई 253.33 करोड़ की। बताया कि पशुचारा में पीला मक्का केवल दस प्रतिशत होता है लेकिन तीन वर्षों में केवल इन्हीं छह जिलों में आवश्यकता का 115 गुना अधिक 154.72 करोड़ का पीला मक्का की फर्जी खरीद दिखा दी गयी। संयुक्त आहार में बादाम की खल्ली 15 प्रतिशत होती है, लेकिन 72.69 करोड़ की लागत से 33 गुना अधिक खरीद दिखायी गई। भैंसों के सींग में लगाने के लिए होटवार दुग्ध आपूर्ति सह डेयरी फार्म के महाप्रबंधक डॉ. जेनुअल भेंगराज ने पंद्रह लाख के तेल की खरीद दिखायी।
मोदी द्वारा घोटाले के संबंध में जानकारी देने पर राजद सदस्यों ने विरोध किया और मांग की कि इसे सदन की कार्यवाही से हटाया जाए। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इस पर बाद में विचार किया जाएगा।
मोदी ने विधेयक में पशुपालन विभाग द्वारा निर्धारित बजट से अधिक राशि खर्च किए जाने का जिक्र करते हुए बताया कि इसे इस विधेयक में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि कोर्ट ने इसके एडजस्टमेंट पर रोक लगा रखी है। कोर्ट ने कुल 657.98 करोड़ की अधिक निकासी मामले पर रोक लगा रखी है।
इससे पूर्व मोदी ने बिहार विनियोग अधिकाई व्यय विधेयक पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूर कर लिया। इस विधेयक के माध्यम से 1977-78 से 2015-16 तक विभिन्न विभागों द्वारा 142.47 करोड़ के अधिक खर्च को एडजस्ट करने को मंजूरी दी गई।