★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{सऊदी में तेल संयंत्र पर ड्रोन हमले से भारत में महँगी हो सकती है पेट्रोल-डीजल की कीमतें,भारत है तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश}
[सऊदी अरब के ऊर्जामन्त्री प्रिंस अब्दुल्लाजिज बिन सलमान ने कहा कि ड्रोन अटैक से 57 लाख बैरल प्रतिदिन क्रूड ऑयल का उत्पादन हुआ है प्रभावित]
(शनिवार की सुबह यमनी ड्रोन ने विस्फोटक गिरा कर किया जबरदस्त हमला,ली हैं जिम्मेदारी ईरानी आतंकी संगठन हूथी विद्रोहियों ने)

♂÷यमनी सेना के ड्रोन हमले के बाद वैश्विक बाजार (Global Market) में कच्चे तेल (Crude Oil) की आपूर्ति में 5 फीसदी तक की कमी आ सकती है. हमलों की वजह से कंपनी के उत्पादन में 50 फीसद तक की कमी आई है।
प्रतिमाह 150 एमएम बैरल कच्चे तेल की कमी हो सकती है।
कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकती हैं.
इसका असर भारत समेत दुनिया के अन्य देशों पर देखने को मिल सकता है।
दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको के दो बड़े ठिकानों पर शनिवार सुबह हुए ड्रोन हमले के बाद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति में 5 फीसदी तक की कमी आ सकती है हमलों की वजह से कंपनी के उत्पादन में 50 फीसद तक की कमी आई है। इस हमले के बाद फिर से पर्शिया की खाड़ी समेत भारत के लिए चिंता बढ़ गई है। कच्चे तेल के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ आयातक देश है।
ऑयल प्राइस डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले के बाद प्रतिमाह 150 एमएम बैरल कच्चे तेल की कमी हो सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि ऐसा होता है तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकती हैं।

सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलाजिज बिन सलमान ने शनिवार को कहा था कि ड्रोन हमलों की वजह से 57 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का उत्पादन प्रभावित हुआ है, जो कंपनी के कुल उत्पादन का लगभग आधा है। इसका असर भारत समेत दुनिया के अन्य देशों पर देखने को मिल सकता है।
ड्रोन हमलों का निशाना बनी अबकैक की तेल रिफाइनरी में प्रतिदिन 70 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन होता है।सऊदी आरामको के अनुसार ये दुनिया का सबसे बड़ा कच्चे तेल का स्टैबिलाइजेशन प्लांट है।
वर्ष 2006 में भी इस संयंत्र पर अल-कायदा ने आत्मघाती हमला करने का प्रयास किया था, जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया था। ड्रोन हमले का दूसरा शिकार बना खुरैस संयंत्र, गावर के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा प्लांट है।इसकी शुरूआत 2009 में हुई थी इस संयंत्र से भी प्रतिदिन 15 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन किया जाता है साथ ही यहां करीब 20 अरब बैरल से ज्यादा तेल रिजर्व में मौजूद है।
इस हमले की जिम्मेदारी यमन में ईरान से जुड़े हूथी विद्रोहियों ने ली है। साथ ही आतंकी संगठन ने चेतावनी दी है कि भविष्य में सऊदी अरब पर हमलों के उनके अभियान में और तेजी आएगी। सऊदी पर ऐसे और हमले करने के लिए उन्होंने 10 ड्रोन तैनात किए हैं इस हमले के बाद अमेरिका से ईरान का तनाव और बढ़ सकता है।पहले इसी तनाव के चलते अमेरिका ने ईरान पर हमले कर जंग लड़ने का मन बना लिया था, जिसे ऐन पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐंन मौके रद्द किया था।