★मुकेश शर्मा★
★ग्वालियर(मध्यप्रदेश)★
{परिवहन महकमे के चैकपोस्टों पर रेनकोट बाथ गवर्नमेंट की ईमानदारी व अफसरों की जबरन गान्धारी दृष्टि से सरकारी ख़जाने को पहुँच रही तगड़ी चोट}
[कुबेर बना रहे अवैध वसूली के अड्डे,वर्षो से चल रहे इस खेल में शामिल है अधिकतर प्रभावशाली सफेदपोश]
(बीजेपी हो या काँग्रेस दोनो सरकारों में अनवरत चल रहे इस अवैध धन्धे से प्रति वर्ष राज्यसरकार के ख़जाने पर लग रही है अरबो रुपये की चपत)
[परिवहन मंत्री न जाने क्यों नही लगा पा रहे रोक तो परिवहन आयुक्त भी बने है इस भयंकर गोरखधन्धे से अनजान]
(इसकी मुझे कोई जानकारी नही है किन्तु मैं इस बाबत पता लगवाकर करूँगा कड़ी कार्रवाई=गोविंद सिंह राजपूत)

♂÷बीजेपी हो या काँग्रेस बाते तो ख़ूब करते है कि वो भ्रष्टाचार के सबसे बड़े दुश्मन है और किसी भी कीमत पर राज्य में चोरी-बेईमानी-भ्रष्टाचार रंचमात्र भी बर्दाश्त नही करेंगे किन्तु ये कथन और दावे तब हाथी के दाँत साबित हो जाते गई जब मध्यप्रदेश सरकार के परिवहन विभाग में चल रहे प्रतिवर्ष सैकड़ो करोड़ के अवैध वसूली के चक्करदार खेल पर नज़र डाली जाय।
पीएम मोदी कभी कहे थे कि रेनकोट पहन कर नहाने की कला पूर्व पीएम मनमोहन सिंह जी जानते है तो वही रेनकोट नहान में बीजेपी की शिवराज सिंह चौहान व वर्तमान कमलनाथ सरकार भी रेनकोट बाथ करती नज़र आ रही है।

मध्यप्रदेश शासन के लगभग आधा सैकड़ा विभागों में से एक कमाऊ पूत विभाग परिवहन महकमे में दिनोदिन हिटलरों की हुकूमत जोर पकड़ रही है।
बात केवल मुख्यालय की नहीं अपितु विभाग के लगभग दो दर्जन चैकपोस्टों पर तैनात बाहुबली हिटलरों की हुकूमत की है जहां आए दिन विवादों की स्थिति निर्मित होती रहती है ! बावजूद इसके सम्भागीय परिवहन महकमे के आला अफसर की चुप्पी सवालों के बड़े प्रश्नचिह्न पैदा कर डाल रहे है।
झांसी हाइवे पर सिकन्दरा आरटीओ बैरियर, भिण्ड, मालनपुर, चिरूला, सेंधवा,मुरैना आदि (परिवहन चैक पोस्ट) पर चल रही अवैध वसूली जोरों पर है। बैरियरों पर प्राइवेट लोगों के दम पर वाहन चालकों से अवैध वसूली को अंजाम दिया जाता है। अवैध वसूली के कारण दर्जन भर बैरियर एक बार फिर सुर्खियों में हैं ! यहां बता दें कई बार वसूली को लेकर वाहन चालकों से मारपीट तक कर दी जाती शासन, प्रशासन और महकमे के आला अफसरों की नाक के नीचे हो रही अवैध उगाही शासन, प्रशासन के साथ मोती महल ग्वालियर में विभागीय सिंहासन पर आसीन आला अफसरों को कटघरे में खड़ा करता है, यहाँ वाहन चालकों के साथ की जाने वाली गुंडई के आये दिन सुर्खियों मैं रहती है ।
इन बैरियर को सरकार कम प्राइवेट गुंडे ज्यादा संचालित करते हैं या यूं कहें कि सबसे ज्यादा मलाई वाले चैक पोस्ट को प्राइवेट लोग अपने अप्रोच के माध्यम से मौखिक रूप से ठेके पर ले लेते हैं, फिर शुरू होती है इस चैक पोस्ट पर अबैध बसूली का खुला खेल । गेट पास के नाम पर हाथ से बना फर्जी पर्ची दी जाती है जिसमें न ही परिवहन विभाग का लिखा होता न ही मध्यप्रदेश शासन का मोहर इत्यादि व जिम्मेदार अफ़सरान के हस्ताक्षर।
अवैध पर्ची के सहारे यहाँ हर माह शासन को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है ऐसा नही है कि सरकारी स्टाफ नही हो लेकिन उनका रहना सिर्फ कागजों में दर्शाया जाता है इनके द्वारा जो पर्ची दी जाती है उससे ही यह सिद्ध होता है कि फ़र्ज़ी टोलटैक्स लिया जा रहा है। इस अवैध बसूली को लेकर मध्यप्रदेश शासन के परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत और महकमे के आला अफसर शैलेन्द्र सिंह की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं और वही सवाल आज भी जीवंत हैं ?
जबकि उधर मध्यप्रदेश के परिवहन मन्त्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि उनके संज्ञान में कोई भी इस तरह के मामले अभी तक नही आये है किंतु फिर भी इन शिकायतों की जाँच मय सबूत मद्देनजर कराते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में जब परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र श्रीवास्तव से शनिवार को 6.49 शाम बात करने की कोशिश की गयी तो उनका मोबाइल नम्बर हरदम व्यस्त बताता रहा जिससे उनका पक्ष नही जाना जा सका।

- : बिना वर्दी वाले गुण्डे करते हैं बसूली !
मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित परिवहन चैक पोस्टों पर ज्यादातर बसूली असामाजिक तत्वों या यूं कहें कि बिना वर्दी वाले गुण्डे ही करते हैं ! इन लोगों को स्थानीय तरीके से अस्थाई तौर पर ठेका प्रथा के अंतर्गत रखा जाता है ! सरकारी वर्दी वाले तो यहां केवल कागजों में हस्ताक्षर कर पगार लेने के लिये उपस्थित होते हैं बांकी काम तो इन ठेके वालों का होता है ! - : रात रंगीन सुबह हसीन होती है बैरियरों पर !
शाम ढलते ही इन बैरियरों पर लम्बी कतारें देखने को मिल जाती हैं ! जससे ये पता चलता है कि यहां माजरा थोड़ा अलग है ! लम्बी लाइन मतलब खुल्ला बसूली ! यहां वर्दी की आवश्यकता नहीं होती रात को शराब के नशे में चूर डण्डाधारी कई बार वाहन चालकों से मारपीट पर उतारु हो जाते हैं ! मदिरा के नशे में रात को रंगीन करने वाले ही सुबह को हसीन बनाने के लिये भोर होते ही अपने काम को अंजाम देने में लग जाते हैं ! कोशिश रहती है ज्यादा से ज्यादा जेब भरने की ! - : एक साल पहले बंद हो चुके चैक पोस्ट फिर हुए शुरू !
विगत वर्ष चंद शिकायत शिकवों के चलते मध्यप्रदेश के अलावा कुछ अन्य राज्यों के परिवहन चैकपोस्ट भी बंद कर दिये गए थे जिस कारण चैकपोस्टों पर काम करने वाले हजारों प्रयवेट कर्मचारियों के परिवारों के लिये रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था ! आरोप तो ये भी लगे थे कि केन्द्रीय परिवहन मंत्री जी का हिस्सा उन तक न पहुंचने से ये सब हुआ है परंतु ये बात मिथ्या साबित हुई और चैकपोस्ट फिर से शुरू होने से प्रायवेट कर्मचारियों के परिवार का भरण पोषण नियमित शुरू हो गया है !

- : नेता, अफसरों की गाड़ियों की लगी रहती है सूची !
मध्यप्रदेश के लगभग सभी परिवहन चैकपोस्टों पर स्थानीय नेता, विधायक, सांसद, मंत्री, केन्द्रीय मंत्री, बाहुबलि लोगों के ट्रकों की सूची चस्पा रहती है जिनसे कोई राजस्व कर नहीं लिया जाता है ! मंत्रियों के लैटरपैड का स्तेमाल कर दर्जन भर से लेकर आधा सैकड़ा तक वाहनों का राजस्व माफ कर दिया जाता है जिसकी भरपाई बाहरी राज्यों से आने वाले वाहन चालक करते हैं !
शेष अगले अंक में …!