★मुकेश शर्मा★
★भोपाल(मध्यप्रदेश)★
[ 24 मौतों के बाद सवालों के सर्प ने उठाये फन कि चंबल संभाग में शराब के काले कारोबार का संरक्षक दाता है कौन,जिससे चल रही थी ज़हरीली शराब फ़ैक्ट्री]
{ घटना के 4वें दिन पहुँचे केंद्रीय मन्त्री तोमर ने कहा दुःख की घड़ी में हूँ आपके साथ,जबकि जिले के निवासी दो बीजेपी सांसद,चार काँग्रेस व दो बीजेपी विधायक अब तक नहीं जा पाए विधवाओं के दर }
[ DIG चम्बल सम्भाग राजेश हिंगड़कर ने पूछने पर कहा कि उनको कोई जानकारी नहीँ है, आईजी साहब से बात कर लीजिए,IG मनोज शर्मा ने कहा कि मै दो दिनों से छुट्टी पर हूँ एसपी से बात कीजिये ]
( किसी को भी छोड़ा नही जाएगा,मुख्य आरोपी सहित चार की गिरफ्तारी हो चुकी है,सरकार कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर लाने जा रही कठोर क़ानून=ओपीएस भदौरिया)
♂÷मध्यप्रदेश के चम्बल अंचल में मुरैना जिले के छेरा गांव में कच्ची शराब पीने से दो दर्जन से अधिक लोगों की हुई मौत के बाद नागरिकों के दिलों दिमाग़ में सवालों के सर्प फन उठाकर खड़े हो गए हैं,कि शिवराज सिंह चौहान”मामा” की सरकार क्या इन ताकतवर लोगों के संरक्षण व वरदहस्त प्राप्त माफियाओं की नक़ली, कच्ची शराब के कारोबारियों की कमर पूरी तरह से तोड़ पाने में सफ़ल होगी या फ़िर कुछ दिनों के बाद उठे बवंडर के शान्त होने पर एक बार फ़िर सबकुछ पुराने ढर्रे पर चलता रहेगा।

मालूम हो कि पिछले 12 जनवरी को मुरैना ज़िले के छैरा गांव में कच्ची शराब के पीने के चलते 25 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है तो वहीं अस्पताल में अभी दर्जनों पीड़ित भर्ती हैं जिनमें कई की दशा गम्भीर है।
उधर शराब कांड के सामने आने के बाद शिवराज सरकार ने एक्शन लेते हुए जिलाधिकारी अनुराग वर्मा को हटाते हुए उनके स्थान पर वीके कार्तिकेयन व पुलिस अधीक्षक अनुराग सजानिया को बदलते हुए नए एसपी के रूप में सुनील पांडे की तैनाती मुरैना में कर दी है।मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर त्वरित रूप से जाँच कर रिपोर्ट तलब की है।
कमेटी में अपर मुख्य सचिव के अलावा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ए साई मनोहर व पुलिस महानिदेशक ट्रेनिंग
मिथिलेश शुक्ला सदस्य बनाये गए हैं।
आश्चर्यजनक किंतु सत्य ये है कि दर्दनाक,जानलेवा घटना के 5 दिन बीतने के बाद भी मुरैना ज़िले के 6 विधायक जिनमे चार काँग्रेस व दो बीजेपी के है कोई अब तक झाँकने ही नही गया विधवाओं,पीड़ितों के दरवाज़े पर।वहीं जनपद निवासी तीन-तीन लोग भारतीय जनता पार्टी के सांसद व ताक़तवर राजनेताओं में शुमार VIP लोग हैं, जिनमें सांसद मुरैना- श्योरपुर नरेंद्र सिंह तोमर जो की केन्द्रीय कृषिमन्त्री भी हैं, दूसरे बीजेपी मध्यप्रदेश अध्यक्ष व सांसद खजुराहो बीडी शर्मा हैं तीसरी भिंड दतिया क्षेत्र से सांसद श्रीमती सन्ध्या सुनम राय हैं। जिनमें से केन्द्रीय मन्त्री तोमर के अलावा अब तक कोई भी दुःख से पथरा चुकी आँखों की बहती धार को पोछने नही पहुँचा।

4वें दिन रविवार की शाम केन्द्रीय कृषिमन्त्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सर्वाधिक मौत देखने वाले गाँव का दौरा कर मृतक के परिजनों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और कहा कि दुःख की घड़ी में सरकार उनके साथ है।
उधर स्थानीय विधायक व मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया ने ‘तहलकान्यूज़” से कहा कि ज़हरीली शराब कांड में शामिल किसी को भी नही छोड़ा जायेगा,अब तक चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिसमें इस कांड के मुख्य आरोपी राजेश को चेन्नई में मध्यप्रदेश पुलिस की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है,शेष सभी जल्द ही क़ानून के शिकंजे में होंगे।
मन्त्री भदौरिया ने आगे जानकारी दी कि सरकार द्वारा कमेटी की रिपोर्ट पर कड़े क़ानून बनाने का काम शिवराज सरकार करने जा रही है जिससे कि मध्यप्रदेश में इस तरीके के कांड की पुनरावृत्ति न हो सके।
उधर इस बाबत जब पुलिस उपमहानिरीक्षक चम्बल सम्भाग राजेश हिंगड़कर से अब तक हुई ताजा कार्रवाई के बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आप इस बारे में आईजी साहब से बात कर लीजिए,वहीं बता पाएंगे,मुझे कोई जानकारी नही है तो जब पुलिस महानिरीक्षक मनोज शर्मा से बात कर जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि दो दिन से मैं छुट्टी पर हूँ, ताजा जानकारी मेरे पास नही है आप एसपी से बात कर लीजिए।
ये हाल है शिवराज सिंह चौहान सरकार के अधिकारियों का जो कि बड़े अहम पदों पर बैठकर पुलिस प्रशासन को चला रहे हैं।
विदित हो कि भिण्ड जिले के अकलोनी गांव में लगभग आधा दर्जन कच्ची शराब बनाने की अबैध फैक्ट्री मिलने के बाद(हालांकि पुलिस द्वारा अकलोनी में मात्र एक फैक्ट्री दिखाई, अब क्यों ये तो वही जाने पर हमने जो आंखों देखा वो लिख रहे हैं) प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जमीन शमशान, तालाब कच्ची शराब के ड्रम और पेटियां उगल रहे है तो वहीं रेत, शराब, भू माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई के बोल वचन की नौटंकी करने वाले तथाकथित नेता, सांसद, मंत्री संरक्षक बनकर माफिया पर बरगद की छाया क्यों बनाए हुए हैं ❓
मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आदेश के द्वारा प्रदेश में चलाये जा रहे शराब माफियाओ के खिलाफ अभियान के बाद आबकारी विभाग ने मुरैना और भिण्ड जिले के दर्जन भर स्थानों के साथ दबोह में बन रही कच्ची शराब के अड्डे पर दस्तक दी।जिसके बाद मौके पर आबकारी विभाग ने बड़ी मात्रा में कच्ची शराब बरामद की। जहां छैरा गांव में शमशान और तालाब से शराब की पेटियां बरामद हो रही है वहीं मंत्री ओपीएस भदौरिया के गांव अकलोनी, मानपुर जैसे कई जगह से कच्ची शराब के ड्रम,जमीन उगल रही है,जो शराब माफियाओं ने दबाकर रखे थे । दबोह के इतिहास में आबकारी के विभाग के द्वारा कच्ची शराब माफियाओ के ऊपर अभी तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है।
यहां बता दें कि दबोह और अमाहा के बीच बम्बा पर बर्षो से कच्ची शराब बनाने का कारोबार बड़े ही जोरो से एक बिशेष समुदाय(कंजरो)के द्वारा किया जा रहा था।इनके द्वारा निर्मित शराब से स्थानीय व क्षेत्र के नव युवा नशे के आदी होते जा रहे थे क्योंकि इनके द्वारा 20 रुपये के रूप में एक थैली शराब लोगो को उपलब्ध कराई जाती थी।जिसपर आबकारी विभाग ने मय जिला पुलिस बल के जेसीबी से खुदाई कर जमीन में गड़े ड्रमों को निकलवाया व भारी मात्रा में कच्ची शराब ज़ब्त की।
बड़ा सवाल यह है कि आखिर आबकारी आयुक्त और आला अधिकारियों की नाक के नीचे कच्ची शराब का जो अवैध कारोबार संचालित होता है उसे बनाने के लिए ओपी नाम का केमिकल इनको कहां से उपलब्ध होता है ❓
नगर में धड़ल्ले से फलफूल रहा था कच्ची शराब का व्यापार
दबोह व अमाहा के बीच कच्ची शराब का यह व्यापार काफी जोरो से चल रहा था।यहां बताना मुनासिब होगा कि दबोह नगर में कच्ची शराब बनाने के लिए लोहपीटो ने नगर में दो जगह अपना अड्डा बनाया था,जिसमे से नगर में एक करधेन तालाब तो दूसरा माँ रहकोला देवी मंदिर के पास बनाया है।जहां पर बड़ी मात्रा में कच्ची शराब तैयार करके खुलेआम विक्रय की जा रही थी।इस कच्ची शराब से सीधा असर लोगो की जिंदगी पर होता है फिर भी नगरीय पुलिस प्रशासन शांत व गान्धारी बना हुआ था।
यहां बताना मुनासिब होगा कि अब तक आबकारी विभाग व दबोह पुलिस द्वारा कार्यवाही के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएँ ही पूरी की जा रही थी।जब मप्र के मुरैना में जब इतनी बड़ी घटना हो गई तब उसके बाद प्रशासन चेता और शुक्रवार को आबकारी विभाग ने इतनी बड़ी कार्यवाही कर डाली।
जानकारी के मुताबिक करधेन तालाब के बीचों बीच बसता है, जहां पर भी कच्ची शराब बनाने का अड्डा है फिर भी इनपर अब तक कोई कार्यवाही क्यों नही हुई।जिससे साफ स्पष्ट है कि यह लोग कंजर शराब का विक्रय या तो पुलिस की देखरेख में कर रहे हैं या फिर इनके हौशले इतने बुलंद है की शासन व पुलिस प्रशासन इनके ठेंगे पर रखे हुए थे।
दबोह पुलिस के गाल पर आबकारी विभाग का करारा तमाचा
यहां बताना मुनासिब होगा कि दबोह में कच्ची शराब बनाने वालों पर आवकारी विभाग यह कार्यवाही लगभग 4 से 5 घण्टे लगातार चलती रही पर दबोह थाना प्रभारी कार्यवाही के अंत मे मौके पर उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पहुंचे।इतनी बड़ी कार्यवाही हुई परन्तु दबोह थाना पुलिस ने इस कार्यबाही से दूरी बना कर रखी इसकी चर्चा लोगों में आम है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह भी बताया जा रहा कि कच्ची शराब बनाने का यह कारोबार स्थानीय पुलिस की देखरेख में जारी था,जिस पर अभी तक सिर्फ कार्यवाही के नाम पर औपचारिकताएँ की जा रही थी।अगर स्थानीय पुलिस समय रहते पहले ही इनपर बड़ी कार्यबाही कर देती तो आज न तो 25 लोगों से अधिक को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ता न ही इतनी बड़ी मात्रा में कच्ची ज़हरीली शराब पाई जाती।यहां बता दें कि आबकारी विभाग के द्वारा की गई इस कार्यबाही ने दबोह पुलिस के मुंह पर करारा तमाचा मारा है।