★दीपनारायण सिंह★
★मुम्बई★
{ग्रामपंचायत सचिवों की मनमानी से लोग हैं परेशान, एक ही जगह पर वर्षो जमे रहने से करते है गवई राजनीति}
[कुछेक को लापरवाही बरतने में प्रशासन ने किया ट्रांसफर तो जुगाड़ लगा आ जाते है फिर पुरानी जगह]

♂÷केराकत क्षेत्र के ग्राम सेक्रेटरी शासन के मनसा के विरुद्ध नियम कानून को दिखा रहे ठेंगा।शासन के सिस्टम को ठेंगा दिखाते हुए ग्राम सेक्रेटरी 10-15 वर्षों से कुंडली मार एक ही जगह बैठे हुए हैं।इनके आगे तो मानो शासन का सिस्टम बौना सिद्ध होता नजर आ रहा है।
केराकत तहसील क्षेत्र में कई सेक्रेटरी 10 से लेकर 15 वर्षों से एक ही स्थान पर कुंडली मार बैठे हैं आखिर इनको तय शासनादेश के अनुसार दूसरे स्थानों पर भेजने में जिला प्रशासन अपने को असहाय क्यों पा रहा है ये सवाल नागरिकों में चटखारे लेकर उठाये जा रहे है। इनमें से तो 1-2 का वेतन तक अनियमितता व कर्तव्य में लापरवाही बरतने के चलते रोके तक जा चुके है फिर भी यह न जाने इस स्थान को छोड़कर जाने का नाम ही नहीं लेते।अगर ट्रांसफर हो भी जाते है उसके बाद भी जाने के बावजूद 1 महीने अपनी सेवा दूसरे जगह देने क बाद फिर से जुगाड़ लगाकर वापस पुरानी जगह पर जम जाते हैं। वही कुछ स्थानीय निवासी सेक्रेटरी हुए हैं वह राजनीति करने से बाज नहीं आते है, जनहित के अनुरूप कार्य करने में उनके कदम व कलम रुक जाते हैं। ऐसे में आम जनमानस किससे विकास की उम्मीदें करें।यह सक्षम पदाधिकारी जब सिस्टम को अपने हाथ में लेकर पार्टिगत सोच रखते हुए चाहते हैं की सरकार की नीतियां व सरकार का विरोध हो। ऐसे में क्या भारत व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही सारी योजनाएं जनता तक पहुंचेगी। यदि पहुंचेगी तो सेक्रेटरी के खास तक ही सीमित रह जाएंगी या जनहित में भी फैलेगी यह सवाल हर एक आम नागरिक का है। यहां के ग्राम पंचायत सचिव,प्रधानमन्त्री, मुख्यमंत्री की मन्शा को पलीता लगाने से बाज नहीं आते हैं। अब देखना यह है कि शासन का सिस्टम इनको कैसे प्रबंधित करता है।