★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{एटीएस ने रात में उठा भेजा था जेल,2007 में रामपुर सीआरपीएफ कैम्प पर आतंकी हमले के आरोपियों की मदद का था आरोप,कोर्ट ने किया बाइज्जत बरी}
[12 साल जेल बिताने के बाद घर पहुँचने पर जश्न का माहौल,भाई ने कहा भारतीय न्याय व्यवस्था पर था पूरा यक़ीन देर से ही सही सत्य की हुई जीत]
(गुलाब के साले शरीफ़ को हमले के आरोप में एटीएस ने किया था गिरफ्तार,एसटीएफ ने कहा था आतंकी शरीफ़ ने बहनोई गुलाब के घर बहेड़ी में छुपाया था हथियार)
♂÷साल 2007 में रामपुर सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हुए आतंकी हमले में बरेली के गुलाब खान को अदालत ने निर्दोष बताकर जेल से बाइज्जत बरी कर दिया,जिसके चलते जेल से रिहा हुए गुलाब खान के घर जश्न का माहौल है।
गुलाब खान ने बताया कि जब एटीएस ने उन्हें गिरफ्तार किया, तो तीन महीने तक यह बताया ही नहीं गया कि आखिर किस जुर्म में पकड़ा गया है वो 31 दिसंबर 2007 की रात थी। एसटीएफ अचानक से आकर उन्हें गिरफ्तार कर लेती है। वजह पूछने पर भी कुछ नहीं बताया गया। इसके बाद उन्हें जेल में डाल दिया गया। तीन महीने बाद उन्हें पता चला कि उन पर रामपुर के सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले में शामिल आतंकियों की मदद करने का आरोप है।
वहीं गुलाब के बड़े भाई ने बताया कि जब आठ फरवरी 2008 में एसटीएफ ने तड़के गुलाब खान को घर से उठाया था तो ऐसा लगा मानो घर पर मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा हो। गैर तो गैर अपनों ने भी उन लोगों से मुंह मोड़ लिया। रिश्तेदार भी उन्हें शक की निगाह से देखने लगे थे, लेकिन उन्हें भारतीय न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास था कि एक दिन उनके भाई को कोर्ट से न्याय मिलेगा। शुक्रवार को जब कोर्ट ने भाई को दोष मुक्त करार दिया तो लग रहा है जैसे देर से सही, पर न्याय की जीत हुई है।
12 साल जेल में रहे गुलाब अपनी मां को खो चुके हैं। बेटे पर आतंकी होने का आरोप लगने के सदमे में मां नहीं रहीं। इसके बाद मौसी का भी निधन हो गया। दोनों के जनाजे में गुलाब शामिल नहीं हो सके। गुलाब बताते हैं- जब उनकी गिरफ्तारी हुई तो तीन बच्चों में सबसे छोटा एक डेढ़ साल का बेटा था। वह एक ऐसे पिता हैं, जो अपने बच्चों को बढ़ता हुआ नहीं देख सके। इन 12 सालों में पत्नी ने परिवार को संभाले रखा।
दरअसल, रामपुर में आतंकी हमले के बाद एसटीएफ ने गुलाब खान के साले शरीफ को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ का आरोप था शरीफ ने अपने बहनोई गुलाब खान के बहेड़ी स्थित घर में हथियार छुपा कर रखे थे। हमले के दिन यहीं से हथियार लेकर वह गया था। जबकि गुलाब खान के परिजनों का कहना था कि शरीफ उनके घर कभी आया ही नहीं था।
गुलाब खान के परिजनों का यह भी कहना है कि एसटीएफ ने आठ फरवरी 2008 को सुबह सात बजे गुलाब खान को घर में सोते समय उठाया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी रामपुर से दिखाई गई।