★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{सपा सांसद ने कहा कि यह फ़ैसला ताक़त बल पर हुआ है, विपक्ष की संख्या कम है इसलिए वह चाहे जितनी भी सजी बात करे,उसकी सुनवाई नही होगी}
[आजम ने कहा कि जिस सवाल पर आज देश खड़ा है उसी सवाल पर 1947 में बंटवारा हुआ था,मुसलमानों के पास पाकिस्तान जाने का”ऑप्शन”खुला था]
♂÷नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill 2019) लोकसभा में पास होने के बाद रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां ने कहा है कि लोकतंत्र में यह फैसला संख्या और ताकत के आधार पर किया गया है।
आजम ने सत्ता पक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि अगर विपक्ष कोई सही बात करे तो उसे न सिर्फ सुनना चाहिए बल्कि मानना भी चाहिए लेकिन अच्छे लोकतंत्र की मिसाल ये है कि सत्ता पक्ष को न सिर्फ विपक्ष की सही बातों को सुनना चाहिए बल्कि उन्हें मान भी लेना चाहिए,जिस सवाल पर आज देश खड़ा है उसी सवाल पर 1947 में देश का बंटवारा हुआ था।मुसलमानों के पास पाकिस्तान जाने का खुला ऑप्शन था लेकिन लोग यहां से पाकिस्तान नहीं गए,वो सबसे बड़े देशभक्त थे शायद 1947 में पाकिस्तान न जाने की और देशभक्ति करने की सजा ही मुसलमान भुगत रहे हैं।
अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया, आयोग भारत के लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने को लेकर बहुत चिंतित है।आयोग ने यह भी कहा, “अगर नागरिकता संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाता है, तो अमेरिकी सरकार को गृह मंत्री अमित शाह और अन्य प्रमुख नेताओं पर प्रतिबंधों को लेकर विचार करना चाहिए।
गृहमंत्री अमित शाह ने इस बिल को पेश करते हुए कहा था कि विधेयक को 130 करोड़ भारतीयों का समर्थन है और मुस्लिम विरोधी बिल के विपक्ष के दावे को खारिज कर दिया था।उन्होंने ये भी कहा था कि यह बिल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में सताए गए अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता पाने का अधिकार देगा।