★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक को दोनो सदन से पारित करा भेजा था राष्ट्रपति के पास मंजूरी हेतु}
[CAB पास होने पर देश मे मचे भारी हंगामे के बीच सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम लीग ने याचिका दाख़िल कर कहा रद्द हो क़ानून, करता है संविधान का उल्लंघन]
♂÷देश मे भारी हंगामें के बीच नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) पर गुरुवार की रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपना हस्ताक्षर कर दिया। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ही नागरिक संशोधन विधेयक अब कानून बन गया है। गुरुवार को राज्यसभा में हुई वोटिंग के दौरान इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े थे वहीं विरोध में 99 वोट पड़े थे।

पहले यह बिल लोकसभा में पेश किया गया जहां यह बिल आसानी से पास हो गया। कहा जा रहा था कि राज्यसभा में यह भाजपा के पास संख्या न होने के कारण यह फंसेगा पर ऐसा नहीं हुआ। दोपहर 12 बजे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिल को ऊपरी सदन में रखा। बिल को लेकर विपक्षी पार्टियों ने जमकर हंगामा किया। अमित शाह ने हर किसी के सवाल का जवाब दिया।
बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक के तहत पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में आकर बसे हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग अब भारतीय नागरिक बनने के लिए आवेदन पात्र बन गए हैं। मुस्लिम शरणार्थियों को इस बिल में शामिल नहीं किया गया है।
राज्यसभा से पहले यह बिल सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया, वहां इस विधेयक के पक्ष में 311 वोट पड़े वहीं विरोध में महज 80 वोट ही पड़े थे। वहां बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय मंत्रियों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बधाई दी थी।
उधर आज शुक्रवार को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के चार सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट में इस बिल को रद्द करने की मांग करते हुए पहली याचिका डाली है।
मुस्लिम लीग ने कहा कि धर्म के आधार पर लाये गए इस बिल से अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होता है, अतः इसको ख़ारिज किया जाए।
मुस्लिम लीग ने वरिष्ठ अधिवक्ता व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को अपनी पैरवी करने के लिए वक़ील नियुक्त किया है।