★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{वीसी नजमा अख़्तर ने कहा यूनिवर्सिटी के अंदर जो लोग आए हैं उनके खिलाफ दर्ज़ कराएंगे FIR और मंत्रालय से जांच की मांग करेगी यूनिवर्सिटी}
[कैम्पस के अंदर छात्रों को मारा पीटा गया जो बर्दाश्त नही किया जायेगा, जब बाहर 10 हज़ार भाग रहे हैं तो क्या आप 10 लोगो को पकड़ेंगे कहा वीसी ने]
(किसी भी राजनीतिक दल से लेना देना नही है ना ही हमने किसी को बुलाया है, हम सिर्फ़ मंत्रालय से बात कर रहे कहा जामिया प्रशासन ने)
♂÷नागरिकता कानून के खिलाफ रविवार को हुई हिंसा पर सोमवार को जामिया प्रशासन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफ़ाई रखी।
जामिया की वीसी नजमा अख्तर ने कहा कि यूनिवर्सिटी का बहुत नुकसान हुआ है, हमारा कॉन्फिडेंस, इमोशनल नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई कौन करेगा,जो आजकल अफवाहें फैलाई जा रही हैं, यूनिवर्सिटी इसकी निंदा करती है हमारे पास सभी फैक्ट है, किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें।
जो प्रदर्शन जामिया में नहीं हुआ है, उसे भी जामिया यूनिवर्सिटी के नाम से फैलाया जा रहा है, इससे हमारी यूनिवर्सिटी की इमेज खराब हो रही है।
नजमा अख्तर बोलीं कि हमारी यूनिवर्सिटी के अंदर जो लोग आए हैं, उनपर FIR कराएंगे. बच्चे जिस हालात से गुजरे हैं, उसे दोबारा कैसे लाएंगे। इस पूरी हिंसा की हाई लेवल की जांच होनी चाहिए, यूनिवर्सिटी के अंदर बिना इजाजत के पुलिस आई, प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ।
कैंपस और लाइब्रेरी के अंदर बच्चों को मारा पीटा गया, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,इसकी जांच होनी चाहिए, क्या पुलिस किसी भी यूनिवर्सिटी में घुस जाएगी. जब बाहर 10 हजार लोग भाग रहे हैं, तो क्या आप 10 लोगों को पकड़ेंगे?
प्रदर्शन में काफी बच्चे हमारे यहां के नहीं थे, हिंसा में किसी की भी मौत नहीं हुई है, जो भी घायल हुए हैं उनकी लिस्ट है हमारी बस यही मांग है कि हमारा कैंपस सुरक्षित रहना चाहिये।
प्रदर्शन पूरे देश में हो रहा है, लेकिन नाम सिर्फ जामिया का ही आ रहा है,क्या छात्र दोबारा प्रदर्शन कर सकते हैं तो उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों को सेफ रखना चाहते हैं, शांति पूर्ण प्रदर्शन सड़क पर नहीं होता है।
हमारा किसी राजनीतिक दल से लेना-देना नहीं है, ना ही हमने किसी को बुलाया है हम सिर्फ मंत्रालय से बात कर रहे हैं।बच्चों से सिर्फ इतना ही अपील करना चाहेंगे कि वह किसी के साथ ना जाएं, क्योंकि इससे गलत मैसेज जाना है हमारा आगजनी से भी कोई मतलब नहीं है।
बच्चों के हॉस्टल छोड़ने पर वीसी ने कहा कि हम बच्चों को जबरदस्ती हॉस्टल छोड़ने को नहीं कह रहे हैं, क्योंकि अभी वेकेशन है इसलिए सभी घर जा रहे हैं जो भी बच्चे घर जाना चाहते हैं हॉस्टल की ओर से उन्हें मदद की जा रही है।
जामिया के रजिस्ट्रार ने इस दौरान कहा कि हमने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की, बाद में छात्रों को छोड़ दिया गया, पुलिस की कार्रवाई से छात्र डरे हुए हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि सड़कों पर प्रदर्शन में 30 हजार से अधिक बच्चे शामिल थे, लेकिन जामिया में कुल स्टूडेंट ही 4 हजार हैं, ऐसे में भीड़ को काबू रखना यूनिवर्सिटी का नहीं बल्कि पुलिस का काम है।
जामिया के कुल 200 छात्र घायल हुए हैं, किसी की मौत नहीं हुई है. जो प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचा है, उसे वापस लाया जा सकता है. लेकिन बच्चों में जो डर है, उसे कैसे ठीक करें।