★मुकेश शर्मा★
★ग्वालियर(मध्यप्रदेश)★
{भिण्ड में भाजपा दो फाड़,
सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया गुट एसपी को हटाने तथा दूसरे राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया गुट रोकवाने के लिये हैं सक्रिय}
[अरविंद भदौरिया के भाई देवेन्द्र अवैध वसूली के लिए बदनाम,SP मनोज सिंह ने रोकी थी उनकी गाड़िया जिसको लेकर खफ़ा मंत्री कराना चाहते हैं ट्रांसफर]

(कांग्रेसी दिग्गज गोविंद सिंह की चुप्पी पर जनता में है चर्चा की पिछले दिनों आ चुके अविश्वास प्रस्ताव का दिख रहा असर)
[हाईकोर्ट के अधिवक्ता अशोक सिंह भदौरिया ने आरोप लगाया कि परिजन हैं वसूली में लिप्त,दोनों मंत्रियों की हो सम्पत्ति की जाँच, आ जायेगी सच्चाई सामने]
♂÷मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले से एक ही समाज के दो मंत्री अब एक दूसरे के विरोधी बनते नजर आ रहे हैं । जिले में मेहगांव सीट से राज्य मंत्री पी एस भदौरिया अवैध खनन, अपराधियों पर मेहरबानी, नीम गांव की बेवफा जैसे मामलों को लेकर चर्चाओं में बने रहते है ।
रेत खनन और टोल नाकों, चैक पोस्ट से अवैध वसूली को लेकर जिले की अटेर विधानसभा से विधायक एवं मंत्री अरविंद भदौरिया तथा मेहगांव विधायक एवं राज्य मंत्री ओ पी एस भदौरिया अब आमने सामने आ गए हैं ? एक मंत्री पुलिस अधीक्षक के स्थानांतरण कराने को लेकर भोपाल में दस्तक दे रहे हैं तो दूसरे मंत्री उन्हें यथावत रखने पर अडे हैं । अब देखना यह है कि दोनों भदौरिया ब्रदर्स मंत्रियों में कोन भारी पड़ता है ❓
उल्लेखनीय है कि सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के भाई देवेन्द्र भदौरिया आरटीओ चेकपोस्ट, और टोल नाकों से गाडियां निकलवाकर अवैध वसूली का कारोबार करते हैं ! रेत कारोबार में भी इनकी कुछ हिस्सेदारी बताई जा रही है ! कुछ रोज पहले पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने देवेन्द्र की गाड़ियों को रोक दिया था, जिस पर बहस होने के बाद मामला रफा दफा हो गया लेकिन सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया अब पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह के स्थानांतरण कराने को लेकर भोपाल में दस्तक दे रहे हैं । सूत्र बताते हैं कि पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर भिण्ड दोनों ओ पी एस भदौरिया के लिए काम कर रहे हैं! जिसका उदाहरण कुछ रोज पूर्व जिले के चुनिंदा वरिष्ठ पत्रकारों की गोपनीय मीटिंग में चांदी की प्रतिमा और वजनदार लिफाफे बांटने के साथ प्रशासन के आला अधिकारियों की भूमिका के रूपमें सामने आचुका है । सूत्र बताते हैं कि उक्त मीटिंग रेत माफिया ने ओ पी एस भदौरिया के इशारे पर सरकारी दलाल बनकर प्रशासनिक अफसरों और तथाकथित कलमकारों की मीटिंग अरेंज कराई थी । इससे स्पष्ट है कि सरकारी मशीनरी खुलकर माफिया को संरक्षण दे रही है । इसके एवज में इन सरकारी आला अधिकारियों को करोड़ रुपए महीना मिलने की जानकारी मिली है लेकिन हम इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं । इसी मामले को लेकर अरविंद भदौरिया पुलिस अधीक्षक को हटाना चाहते हैं और ओ पी एस के साथ राकेश शुक्ला, नरेंद्र कुशवाह, मुकेश चौधरी पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर को यथावत रखना चाहते हैं । बताया जा रहा है कि अरविंद भदौरिया के भाई देवेन्द्र भी चेकपोस्टों और टोल नाकों से करीब 40 लाख रुपए की अवैध वसूली करते हैं । जिनको उनके भाई का संरक्षण प्राप्त है । इसके अलावा सहकारिता में बैठे रजिस्ट्रार एम के अग्रवाल, अरविंद सेंगर, अरस्तू प्रभाकर, विनोद सिंह जैसे दर्जन भर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देकर करोड़ों रुपए की उगाही कर रहे हैं । चर्चा है कि अरविंद भदौरिया गोविंद सिंह से दो कदम आगे निकल रहे हैं,गृह निर्माण सोसाइटियों में अरबों के जमीनी आवंटन, चहेतों को चार चार सरकारी आवास आवंटन जैसे मामले को पर्दानशीं किया जा रहा है ।गोपनीय चर्चा है कि सहकारिता रजिस्ट्रार एम के अग्रवाल से अरविंद भदौरिया की बेहद मोटी रक़म की डील हो चुकी है जो कि करीब करोड़ो में बताई जा रही है लेकिन इस बात की सच्चाई तो जांच के बाद ही पता चलेगा ❓

अभी फिलहाल ओ पी एस भदौरिया के गुर्गों द्वारा एक ब्राह्मण बालक की मारपीट का मामला सामने आया है जिस पर मंत्री के दबाव में आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की है।
जहां ओ पी एस भदौरिया करो खनन रहो मगन की तर्ज पर जलीय जीवों की हत्या करने में मस्त है तो वहीं चर्चा है कि सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया सहकारिता में बैठे भ्रष्टाचारियों पर मेहरबान है लेकिन अवैध वसूली, पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर से अनबन को लेकर इन दोनों भदौरिया ब्रदर्स की गुटबाजी क्या रंग दिखती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा ❓क्यों कि भिंड के कद्दावर कांग्रेसी नेता गोविंद सिंह अब सरेंडर नजर आ रहे हैं । शायद इसीलिए अब बयानबाजी से बच रहे हैं क्यों की कुछ रोज पूर्व इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का बड़ा मामला हो चुका है । जाहिर है कहीं संपत्ति की जांच की आंच आ गई तो क्या होगा ? इससे बेहतर है चुप रहना ।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं पूर्व सचिव मध्यप्रदेश किसान कांग्रेस के अशोक सिंह भदौरिया ने दोनों मंत्रियों अरविंद भदौरिया व ओपीएस भदौरिया के ऊपर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों मंत्री भ्र्ष्टाचार में लिप्त हैं और इनके परिजन अवैध वसूली करते हैं।
हाई कोर्ट के अधिवक्ता ने कहा कि 10 वर्ष पूर्व दोनों मंत्री ग़रीबी रेखा के आसपास जीवन यापन कर रहे थे,आज इन दोनों लोगों की सम्पत्ति की जाँच कराई जाए तो दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जायेगा।