★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{अमेरिका की FTO के इस क़दम से पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ी,FATF की अगले महीनें होने वाली बैठक में पाक के लिए तय किये गए 27 शर्तों पर कितना खरा उतरा है समीक्षा करेगा संगठन}
[पाकिस्तान आतंकी संगठनों की मदद करने व आतंकवाद फैलाने के चलते दुनियां के तमाम देश है खफ़ा, FATF ने डाल रखा है ग्रे लिस्ट में,जिससे उसे IMF,वर्ल्ड बैंक व यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलना है कठिन]
(पाकिस्तान के मित्र देश माने जाने वाले मलेशिया ने भी अब पाक से ऋण वापसी न मिलने से शुक्रवार को उसके एक विमान को किया ज़ब्त)
♂÷अमेरिकी प्रशासन ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ-साथ पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-झांगवी सहित सात अन्य समूहों को लेकर विदेशी आतंकवादी संगठन (Foreign Terrorist Organisation, FTO) डेजिग्नेशन की समीक्षा की और उसे आतंकी संगठन का टैग बरकरार रखा है। अमेरिकी प्रशासन की तरफ से एक बयान जारी कर यह जानकारी दी गई है।
उधर आज मलेशिया ने सारी दुनियां के सामने पाकिस्तान की इज्ज़त को तार-तार करते हुए अपने बकाये राशि को पाकिस्तान द्वारा वापस न करने से नाराज़ मलेशिया ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के एक विमान को अपने देश में ज़ब्त कर लिया है।

मालूम हो कि दिसंबर 2001 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लश्कर-ए-तैय्यबा को पहली बार एक आतंकवादी समूह के रूप घोषित किया गया था।
अमेरिकी विदेश विभाग का यह आदेश FATF (Financial Action Task Force) की अगले महीने वाले वाली एक अहम बैठक से ठीक पहले आया है, जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना जकीउर रहमान लखवी को और पुलवामा हमले का मास्टर माइंड जैश-ए-मोहम्मद सरगना व घोषित वैश्विक आतंकवादी अभी हाल ही पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया है।
पाकिस्तान की इस कार्रवाई को FATF की कड़े प्रतिबन्धों में ढील लेकर विश्व समुदाय से ख़ासकर अमेरिका से फंडिंग जुटाने की कोशिश की तौर पर देखा जा रहा है।
पाकिस्तान के मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये गिरफ्तारी टेरर फंडिंग के मामले में हुई है, आरोप है कि वो कारोबार के नाम पर मिली रकम का इस्तेमाल आतंक फैलाने में करता था।
इससे पहले अमेरिका ने विदेशी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के तहत वर्ष 2019 में पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद सहित अन्य आतंकवादी संगठनों के करीब 6.3 करोड़ डॉलर की वित्तीय मदद रोक दी है। अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा के 3,42,000 डॉलर, जैश-ए-मोहम्मद के 1,725 डॉलर, हरकत उल मुजाहिदीन के 45,798 डॉलर के कोष को बाधित करने में सफलता हासिल की। बता दें कि कि ये तीनों पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन हैं। हरकत-उल- मुजाहिदीन जिहादी समूह है जो कश्मीर में अपनी गतिविधियों को अंजाम देता है।
FATF की बैठक में पाकिस्तान को लग सकता है झटका क्योंकि उसने तय मानक के अनुसार वह अपेक्षा पर खरा नही उतरा है उसने तमाम शर्तो को पूरा नही किया है।
टेरर फंडिंग के खिलाफ पाकिस्तान ने कितना काम किया है, फाइनेंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) का ज्वाइंट ग्रुप इस बारे में गुरुवार को एक अहम बैठक में समीक्षा करेगा। FATF ने पाकिस्तान को 27 बिंदुओं पर काम करने के लिए कहा था और इस बैठक में यह देखा जाएगा कि पाकिस्तान ने कितने बिंदुओं पर पर्याप्त काम किया है। बैठक में दी जाने वाली सलाह के आधार FATF अगले महीने यह तय करेगा कि पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा या बदला जाएगा। आखिरी बार FATF की बैठक में पाया गया था कि पाकिस्तान ने सिर्फ 21 बिंदुओं पर काम किया था।
पाकिस्तान अभी ग्रे लिस्ट में बना हुआ है लेकिन अगर वह आतंकवाद के वित्तपोषण और धनशोधन पर 27 प्वाइंट के ऐक्शन प्लान को पूरा नहीं करता है तो उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। FATF ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित किए गए लोगों के खिलाफ ऐक्शन लेने के लिए कहा है। अगर पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं आता है तो IMF, विश्व बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलना मुश्किल होगा जबकि इस वक्त, खासकर कोरोना वायरस के चलते प्रधानमंत्री इमरान खान पहले ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद मांग चुके हैं।
कभी पाकिस्तान के साथ कश्मीर मुद्दे पर सुर में सुर मिलाने वाला दोस्त मलेशिया भी आज दुश्मनों सरीखा व्यवहार अमल में लाते हुए पाकिस्तान के PIA के एक विमान को अपने देश से पाकिस्तान के लिए उड़ान भरने से रोक दिया है।
बताया जाता है कि मलेशिया ने पाकिस्तान को दिए गए ऋण को वापस मांगा था जिसपर पाकिस्तान नही दे पा रहा है जिस पर मलेशियाई सरकार ने पाकिस्तानी हवाई जहाज़ को ज़ब्त कर सख़्त सन्देश दिया है।
इसके पहले सऊदी अरब ने भी अपने अरबों डॉलर की उधारी मांगी थी जिसपर पाकिस्तान ने चीन से कर्ज़ लेकर सऊदी अरब को ऋण का कुछ हिस्सा चुकाया था।