★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{दिल्ली में किसान आंदोलन के नाम पर खालिस्तान समर्थक अराजकतत्वों ने देश को शर्मसार करने के बाद रोम में इंडियन एम्बेसी में कई तोड़फोड़}
[दूतावास के दीवार पर लिखा खालिस्तान, खालिस्तानी झंडे लहराए व लगाए नारे,अमेरिका के भी भारतीय दूतावास पर मचाया हंगामा,इसके पहले कनाडा,ब्रिटेन में भी कर चुके हैं खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन]
(भारत सरकार ने इटली सरकार से आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि एम्बेसी के कर्मचारियों की जिम्मेदारी इटली सरकार की,उपद्रवियों पर हो कार्रवाई)
♂÷भारत मे 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन किसान आंदोलन की आड़ में जिस तरह से दिल्ली में उपद्रव किया गया,लाल किले की प्राचीर पर अपना झंडा फ़हराते हुए पूरे देश को शर्मसार कर दंगे जैसी स्थित वाली अराजकता पैदा की गई तो आज गुरुवार को इटली के रोम में स्थित भारत के दूतावास में खालिस्तान समर्थकों ने घुस कर तोड़फोड़ की है।
जिसके बाद भारत सरकार ने इटली की सरकार के सामने अपनी चिंता व्यक्त की है।

भारत में किसान आंदोलन की आड़ में अपने मंसूबों को पूरा करने में लगे खालिस्तानी नेटवर्क रोम और अमेरिका में भी भारत के खिलाफ आक्रामक हैं। इसी कड़ी में रोम स्थित भारतीय दूतावास की इमारत में खालिस्तानी समर्थकों ने तोड़फोड़ की और खालिस्तानी झंडे लहराए। इस घटना के बाद इटली सरकार सकते में हैं। भारत ने चिंता जाहिर करते हुए इटली सरकार से कार्रवाई की मांग की और भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा का मुद्दा उनके समक्ष उठाया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने कहा कि रोम में मौजूद राजनयिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी इटली सरकार का है। उम्मीद है कि तोड़फोड़ करने वालों पर कार्रवाई होगी और ऐसी घटनाएं आगे नहीं होंगी।
बता दें कि भारत में जारी किसान आंदोलन के नाम पर खालिस्तानी अपने लिए जमीन तलाश रहे हैं। केवल भारत में ही नहीं, खालिस्तानी तत्व अमेरिका में भी एक्टिव हैं। यहां वॉशिंगटन डीसी में कृषि कानून के विरोध की आड़ में उन्होने भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया और खालिस्तानी झंडे लहराए।
जिसके बाद खालिस्तानी समर्थकों ने किसान आंदोलन के नाम पर रोम भारतीय दूतावास पर भी प्रदर्शन किया। समर्थकों ने दूतावास की दीवारों पर ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के स्लोगन लिखें। दूतावास पर खालिस्तानी झंडा भी लहराया और तोड़फोड़ मचाई।
ये पहली बार नहीं है, जब विदेश में भारतीय दूतावासों के बाहर खालिस्तानी समर्थक जमा हुए हों। इसके पहले भी कई बार इस तरह के प्रदर्शन वो अमेरिका में कनाडा में,ब्रिटेन में कर चुके हैं।