★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी के 20 हथियारबंद सदस्यों ने काफ़िले पर हमला कर तीन पुलिसकर्मियों सहित नौ नागरिकों की हुई मौत}
[म्यांमार में 1 फ़रवरी को सेना ने तख़्तापलट कर आंग सान सू की समेत लोकतांत्रिक सरकार के कई नेताओं को ले लिया है हिरासत में,ट्विटर इंस्ट्राग्राम फेसबुक पर लगाया प्रतिबंध]
♂÷म्यांमार लोकतांत्रिक तरीके से दुबारा बहुमत पाकर आंग सान सू की की पार्टी की सरकार को गत 1 फ़रवरी को सेना के द्वारा तख्तापलट के बाद आज शनिवार को एक सशस्त्र हमले में 12 लोगों की मौत हो गई।
यह हमला म्यांमार के स्व-शासित क्षेत्र के पूर्व प्रमुख निकाय सदस्य के काफिले पर हुआ।मारे जाने वालों में 9 आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मी हैं। चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, यह काफिला यू खिन मॉन्ग लुईन का था जो कि म्यांमार के स्व-शासित क्षेत्र कोकांग के सेंट्रल एग्जीक्यूटिव कमेटी के पूर्व सदस्य हैं।काफिले पर म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी के 20 सदस्यों ने हमला किया।
खबर के मुताबिक, हमले में नौ आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है, जबकि 8 आम नागरिक और पांच पुलिसवाले घायल हुए हैं। इस बीच सेना ने सशस्त्र बलों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान पर 28 फरवरी तक रोक लगा दी है।
उधर म्यांमार में तख्तापलट के बाद अब Twitter और इंस्टाग्राम के बाद फेसबुक पर भी सैन्य शासक ने प्रतिबंध लगा दिया है।
बता दें कि म्यांमार में 1 फरवरी को सेना ने लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गुई सरकार के नेताओं जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सर्वाधिक लोकप्रिय व नोबल पुरस्कार विजेता आंग सांग सू की को हिरासत में लेते हुए देश की सत्ता को कब्जे में ले लिया है।
इस सैन्य तख़्तापलट के बाद भारत अमेरिका व सँयुक्त राष्ट्र संघ समेत तमाम देशों ने इसकी भत्सर्ना की थी तो वहीं अमेरिका ने यहाँ तक कह डाला है कि सूकी को रिहा किया जाए। सेना ने बाद में यह घोषणा की थी कि तख्तापलट देश के लिए जरूरी था और अब एक साल बाद चुनाव कराए जाएंगे।
उधर चर्चा है कि इस तख़्तापलट में चीन ने म्यांमार सेना की अप्रत्यक्ष सहमति दी थी।
