★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{लतीफपुर में दलित दबंगो द्वारा सवर्णो को बुरी तरह मारे-पिटे जाने के बाद भी जख़्मी पीड़ित पक्ष की रिपोर्ट न दर्ज कर 7 तारीख़ को ही दबंगो की लिख ली थी रपट इंस्पेक्टर ने}
[पीड़िता ने थकहार लगाई थी CO से गुहार जिसपर उनके आदेश को भी कोतवाल ने डाले थे डस्टबिन में]
(घरबार छोड़ पुलिस व दबंगो की दहशत से कांप रहे पीड़ित पक्ष को तहलका न्यूज़ ने दी राहत व दर्ज़ किये कोतवाल ने मुकदमा)

♂÷सूबे में अखिलेश सरकार को गुंडाराज बता-बता कर बीजेपी पूर्ण बहुमत में आकर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनायी व मुख्यमंत्री योगी ने पहला ही बयान दिया था कि यूपी में न तो गुंडाराज चलेगा न ही पुलिसकर्मियों की मनमानी किन्तु लगता है सीएम के आदेश निर्देश जौनपुर जिले में नही पहुँच पाए है और गुन्डो की बाते दरकिनार करिये ज़नाब यह तो शाहगंज कोतवाल के इतने दहशत है कि बुरी तरह मारे पीते गए और घायल लोग ही दबंगो व कोतवाली पुलिस के डर से काँपते हुए दर बदर भागते दिनरात गुजार रहे थे।
पीड़ित महिला इन्दू सिंह ने दसियों दिन बीतने के बाद भी जब कोतवाल जयप्रकाश सिंह के यहाँ से दुत्कारी जाती रही और कोतवाल कहते रहे कि तुम लोग सिर्फ फर्जी कहानी सुना रही हो ऐसा कुछ भी दूसरे पक्ष के लोगो ने नही किया है,तब थकहार क्षेत्राधिकारी शहगंज से इन्दू सिंह ने तहरीर दे 17 मई को गुहार लगाई और अस्पताल में भर्ती परिजन की xray report,डॉक्टर की रिपोर्ट व साथ मे घर के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे में क़ैद फूटेज मय सबूत के रूप में दिखाते हुए हमलावरों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाने की विनती की गई।

जिसप्रकार सीओ ने शाहगंज प्रभारी निरीक्षक जयप्रकाश सिंह को श्रीमती इन्दू सिंह द्वारा दी गयी तहरीर पर ही लिखित आदेशित कर निर्देश दिया कि पीड़ित पक्ष के FIR को अविलम्ब दर्ज किया जाए।
उसी दिन पुनः श्रीमती इन्दू सिंह जब कोतवाली पहुँच कर प्रभारी निरीक्षक को सीओ द्वारा आदेशित तहरीर दी गयी तो फ़िर निरंकुश कोतवाल ने पीड़िता को ही बेहूदगी से जवाब दे भगा दिया कि ये सब मामले फर्जी है इस कुछ भी नही हुआ है और सीओ के आदेशित तहरीर को रद्दी की टोकरी की शोभा बना डाली।
कई दिन से घरबार छोड़ दहशत के साये में दर बदर भटक रहे पीड़ित पक्ष द्वारा इन दौरान तमाम नेताओं, जनप्रतिनिधियों व शहगंज कोतवाली पुलिस के मुँहलगो की भी बारम्बार परिक्रमा के बाद भी कोई सुनवाई न हो पाई,तब इन लोगो ने तहलका न्यूज़ से संपर्क कर सारे वाकये बताते हुए फोटो व वीडियो फुटेज भेजें।
जिसपर शनिवार को ही तहलका न्यूज़ ने खबर बना कर जारी की तो उसको संज्ञान में तुरन्त लेते हुए उच्चाधिकारियों ने कोतवाल की कड़ी क्लास लेते हुए फौरन से पेश्तर पीड़िता इन्दू सिंह की FIR दर्ज करने की सख़्त ताक़ीद की।

कोतवाल ने शनिवार रात 11 बजे ही सूचना दे दी कि रविवार की सुबह आकर मुकदमा दर्ज करवा लीजिये।
आज रविवार को दबंगो के विरुद्ध उसी कोतवाल जयप्रकाश सिंह ने बुलाकर मुक़दमा लिखवाया जिसे की वो पहले मनघड़ंत व फर्जी बताते नही अघा रहे थे और अपने उच्चाधिकारियों को भी अपने से तुच्छ बनाये हुए थे।
कहना कत्तई गलत नही होगा कि भले ही उत्तर प्रदेश में सपा की अखिलेश यादव सरकार गुण्डाराज व पुलिस की मनमानी के मुद्दे पर बोरिया बिस्तर जनता ने उठवा बीजेपी के योगी आदित्यनाथ के वादे दावे पर भरोसा कर कुर्सी पर बिठा तो दिया किन्तु मुख्यमंत्री योगी व पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के द्वारा लाख आदेश निर्देश जारी किए जाते हों किन्तु दुर्भाग्यपूर्ण है कि शाहगंज कोतवाल अपने को सीएम व डीजीपी से भी ऊपर की हैसियत मान शाहगंज कोतवाल की कुर्सी पर जमे हुए है।
कहा जाता है कि पुलिस विभाग सख्त अनुशासन के बूते ही अस्तित्व बनाये हुए है ब्रिटिश राज के वक़्त से ही किन्तु शाहगंज कोतवाली प्रभारी खुद में ही एक स्वतन्त्र सत्ता स्थापित किये हुए है शाहगंज कोतवाली क्षेत्र में।

देखना दिलचस्प रहेगा कि सीएम-डीजीपी समेत पुलिस अधीक्षक मनमानी पे उतारू अपने अधीनस्थ को किस प्रकार सुधार के रास्ते पर ला योगी सरकार व पुलिस महानिदेशक की मंशा को पूरी कर पाते है कि एक प्रभारी निरीक्षक के सम्मुख खुद को असहाय पाते रहेंगे।
आश्चर्यजनक किन्तु सत्य जैसा जादू दिखाते हुए उसी कोतवाली प्रभारी जयप्रकाश सिंह ने दबंगो के मुक़दमे पहले ही दिन लिख भी लिए और मारे पीटे गए जख़्मी पक्ष के9 भगाते रहे ये कहकर की सारे मामले झूठे व फ़र्जी है।
ख़ैर कहावत तो इन लोगो के ऊपर ही बनी है कि “सैया भये कोतवाल तो अब डर काहे का”।
यहाँ तो मामला ही कोतवाल का है।