★दीपनारायण सिंह★
★केराकत(जौनपुर)★
{स्टे ऑर्डर के बाद भी दर्जनों पुलिसकर्मियों ने परिजनों को पकड़ कर उनके
लकड़ी,चौकी,तराजू दबंगो से कराया ग़ायब}
[उपजिलाधिकारी बात करने से रहे कतराते तो शाम से चले गए छुट्टी पर]

♂÷न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद उपजिलाधिकारी द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेकर जमीन को दबंगो के पक्ष में कब्जा कराए जाने का एक मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में पीड़ित पक्ष के द्वारा न्यायालय के आदेश को दिखाए जाने के बावजूद मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा पीड़ितों को फर्जी मुकदमें में फंसाने की चेतावनी दे दी गयी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केराकत कोतवाली क्षेत्र के चौकिया गांव में सन्तोष की माता ने अपने नाम से जमीन बैनामा कराई है, जिसका दाखिल खारिज भी हो चुका है। सन्तोष काफी पहले से वहां पर लकड़ी बेचने का काम करता है। इसी बीच गांव के ही कुछ दबंगो ने उस जमीन को कब्जा करने की नियत से उस जमीन पर मुकदमा कर दिया। जिस पर सन्तोष ने न्यायालय से स्थगन आदेश ले लिया है। इसके बावजूद बुधवार को उपजिलाधिकारी आयुष चौधरी के आदेश पर दर्जनों पुलिसकर्मी सन्तोष के घर पहुंचकर उनके परिजनो को कब्जे में लेकर लकड़ी, चौकी, तराजू फेंक दिया और दबंग उसे तराजू, चौकी, लकड़ी उठा ले गये। पीड़ित रोते रहे और कागजों को दिखाते रहे लेकिन पुलिस का दिल नहीं पसीजा। इस मामले में जब उपजिलाधिकारी से बात करने की कोशिश की गयी तो फोन पर बात करने से कतराते रहे। शाम तक छुट्ठी पर चले गये।