★मुकेश सेठ★
★मुम्बई★
{EOW की 70 लोगो की टीम ने की छापेमारी,सुरेश उपाध्याय सब इंजीनियर से एसडीओ पद से हुआ था रिटायर}
[पूर्व विधायक की नजदीकी का उठाया जमकर फ़ायदा तो पत्नी अनुराधा भी रही बीजेपी पार्षद,बेटा है बिल्डर]
(उपाध्याय दम्पत्ति व लड़के के विरुद्ध ईओडब्ल्यू ने धारा 120 बी व 13-1 के तहत दर्ज किया केस)

♂÷मध्य प्रदेश के सरकारी विभाग में कोई हैंडपंप और ट्यूबवेल खोदते-खोदते भी कोई अरबपति हो सकता है।जबलपुर के एक रिटायर्ड लोक यांत्रिकी विभाग (PHE) के अफसर के यहां ईओडब्ल्यू की रेड पड़ी तो वह 400 करोड़ की संपत्ति का मालिक निकला।
पीएचई के रिटायर्ड एसडीओ सुरेश उपाध्याय के यहां ईओडब्ल्यू के छापे में करीब 400 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति का पता चला है। ईओडब्ल्यू की 70 लोगों की टीम ने मंगलवार को जबलपुर में उपाध्याय के चार ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। इसमें 200 एकड़ जमीन, 150 भूखंड, दो किलो सोना, पांच किलो चांदी, ढाई लाख रुपये नकद और कई कंपनियों में निवेश का पता चला है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, छापे के दौरान आय से अधिक संपत्ति का खुलासा होने के बाद जो दस्तावेज जब्त किए गए हैं उनकी जांच व बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। जांच टीम संभवत: बैंक खातों को भी खंगाल रही है।
सुरेश उपाध्याय सब इंजीनियर से असिस्टेंट इंजीनियर और बढ़ते-बढ़ते एसडीओ से रिटायर हुआ। पीएचई के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में पूरी नौकरी निकल गई,जबलपुर जिले में ही पदस्थापना रही।एक स्व. पूर्व विधायक के बेहद नजदीकी होने का फायदा लिया।
शुरू में ड्रिलिंग मशीन चलाने और ट्यूबवेल खोदने का काम किया। 1990 के बाद पीएचई में ड्रिलिंग की बड़ी मशीनें आईं और इसके बाद ही कमाई के रास्ते खुले। यह सिलसिला 2005 तक चलता रहा और तब तक हर जिले में 2000 तक ट्यूबवेल व हैंडपंप खोदे गए।
100 से 200 फीट की खुदाई को 300 से 400 फीट का बताकर भुगतान उठाया गया।इसी में जमकर कमीशन का खेल हुआ. कई बार तो बिना खोदे ही बिल बनवाकर करोड़ों कमाए।
पीएचई विभाग में सुरेश उपाध्याय की सेवा अवधि के दौरान वेतन से आय 53 लाख 26 हजार 438 रुपये हुई जिसमें असत्यापन योग्य खर्च 33 प्रतिशत यानी कुल राशि 17 लाख 57 हजार 724 रुपये व्यय करना संभावित है।

उपाध्याय की पत्नी अनुराधा उपाध्याय की चैक पीरियड के दौरान प्रस्तुत किए आयकर रिटर्न की जांच में कुल आय करीब 1 करोड़ 14 लाख 30 हजार 793 रुपये पाई गई. उपाध्याय, पत्नी अनुराधा और पुत्र सचिन के नाम पर कई लग्जरी वाहन, जबलपुर में आलीशान मकान, फार्म हाउस, कृषि भूमि, बैंक खाते, बीमा पॉलिसी, एफडी, शेयर और काफी मात्रा में विलासिता का सामान मिला।
इनका बेटा सचिन बिल्डर है। बताते हैं कि पिता के संबंधों और राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल रियल एस्टेट में हुआ। कई बड़े लोगों का निवेश भी बताया जा रहा है।

एसपी ईओडब्ल्यू का कहना है कि संपत्ति के कागजात मिले हैं, उसमें 50 करोड़ की संपत्ति का पता चल चुका है।उपाध्याय की पत्नी अनुराधा 10 साल पहले भाजपा से पार्षद चुनी गई थीं। फिलहाल उनके पास कोई पद नहीं है, कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में सम्पत्ति संबंधी दस्तावेज जब्त किए गए हैं. इन दस्तावेजों की जांच के बाद ही सम्पत्ति का आकलन किया जा सकेगा।
उपाध्याय के घर से संपत्ति संबंधी जो दस्तावेज मिले हैं, उसमें कई कंपनियों में निवेश का पता चला है।प्रारंभिक जांच में चार कंपनियों वीनस इंडिया, डाल्फिन इंडिया, आदित्य इंफ्रा और गंगा फूड्स में भारी राशि निवेश के दस्तावेज जब्त किए गये हैं।जांच टीम द्वारा इन दस्तावेजों का सत्यापन कर संपत्ति का आकलन किया जाएगा।
उपाध्याय के खिलाफ रिटायर होने से पहले दो बार 2010 व 2014 व रिटायर होने के बाद 2015 में शिकायत की गईं थीं। इन शिकायतों के आधार पर ही ईओडब्ल्यू ने मंगलवार को सुबह से ही छापेमारी की।
ईओडब्ल्यू डीएसपी के अनुसार, उपाध्याय के द्वारा आपराधिक षड्यंत्र रचकर अपनी पत्नी पूर्व पार्षद भाजपा नेत्री अनुराधा उपाध्याय, पुत्र सचिन उपाध्याय के साथ मिलकर धारा 120 बी, 13-1 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अपराध कारित किया जाना पाये जाने पर मामला दर्ज कर जांच में लिया गया है।